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15 हजार में किया था नवजात का सौदा

बच्चा देने पर मिले थे 10 हजार, पांच था बांकी अररिया : एसपी के समक्ष अपना गुनाह कबूल करते हुए गिरफ्तार युवक मो शहनवाज उर्फ भोलू ने बताया कि वह बापू मार्केट के पीछे धन्वंतरी नामक महिला चिकित्सक(जो कटिहार से आती जाती है) के यहां कंपाउंडर का काम करता है. यहीं पर रहते हुए उसका […]

बच्चा देने पर मिले थे 10 हजार, पांच था बांकी

अररिया : एसपी के समक्ष अपना गुनाह कबूल करते हुए गिरफ्तार युवक मो शहनवाज उर्फ भोलू ने बताया कि वह बापू मार्केट के पीछे धन्वंतरी नामक महिला चिकित्सक(जो कटिहार से आती जाती है) के यहां कंपाउंडर का काम करता है. यहीं पर रहते हुए उसका अररिया आरएस के अशोक नामक व्यक्ति से संपर्क हुआ.
उसने उसे एक बच्चा देने को कहा था. इसलिए वह बच्चे की तलाश में था. सोमवार की देर शाम वह प्रसव वार्ड में गया और मौका पाते ही एसएनसीयू मशीन में रखे एक नवजात को लेकर फरार हो गया. गायब नवजात को उसने अशोक को सौंपते हुए उससे दस हजार रुपये ले लिया. उसने कबूल किया कि 15 हजार रुपये में नवजात को अशोक के हाथ बेचा था. अभी पांच हजार रुपये बकाया रहने की बात कही.
पुरस्कृत किये जायेंगे टाइगर मोबाइल के जवान
एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने घोषणा की है कि नवजात की बरामदगी में अहम् भूमिका निभाने वाले टाइगर मोबाइल के जवान संजय कुमार व मो खालिक को पुरस्कार दिया जायेगा.
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में स्थित एसएनसीयू मशीन में रखे नवजात की चोरी ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल खड़ा कर दिया है. यह अलग बात है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नवजात को चोरी करने वाले की पहचान हो पायी, पर नवजात की चोरी ने यह सवाल खड़ा कर दिया है
कि किसी निजी क्लिनिक में काम करने वाला व्यक्ति रात को नौ बचे एसएनसीयू में कैसे पहुंचा. इस घटना ने सदर अस्पताल में कार्यरत कर्मियों की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है. आखिर एसएनसीयू में भरती नवजात की देख रेख की जिम्मेवारी किस की थी. घटना के समय उसकी देखरेख में लगाये गये लोग कहां थे.
जानकारी मिली की घटना के समय ड्यूटी पर सरिता देवी, आशा कुमारी व किरण कुमारी थीं. आखिर इन लोगों के रहते नवजात को किसी ने कैसे उठा लिया और उसे सदर अस्पताल बाहर कैसे ले गया. नवजात की चोरी के दौरान होमगार्ड के जवान योगेंद्र मंडल, उमेश प्रसाद यादव, पांडव मंडल, रामलाल ठाकुर व मो खलील ड्यूटी पर तैनात थे.
पूछने पर जवानों ने बताया कि वे अस्पताल के ऊपरी मंजिल पर गश्ती कर रहे थे, जब नीचे आये तो घटना की जानकारी मिली. सदर अस्पताल परिसर से बाइक की चोरी व मरीजों के ठगे जाने की बात तो आम बात है. ऐसे में सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा होता है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सदर अस्पताल से बच्चा चोरी के मामले में सिविल सर्जन डॉ एनके ओझा ने बताया कि यह एक गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर तैनात अस्पताल कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई तो होगी ही साथ ही साथ उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी होगी.

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