कसबा : प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सब्दलपुर में स्वास्थ्य सेवा अत्यंत लचर है. कहने को यहां कुल 39 स्वास्थ्य कर्मी पदस्थापित है. किंतु महज एक कर्मियों को छोड़कर सबके सब नदारत पाये जाते हैं. अस्पताल की ओपीडी एएनएम की ओर से संभाली जाती है. मंगलवार को प्रभात खबर ने इस एपीएचसी का जायजा लिया.
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एपीएचसी : सब्दलपुर में स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे
कसबा : प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सब्दलपुर में स्वास्थ्य सेवा अत्यंत लचर है. कहने को यहां कुल 39 स्वास्थ्य कर्मी पदस्थापित है. किंतु महज एक कर्मियों को छोड़कर सबके सब नदारत पाये जाते हैं. अस्पताल की ओपीडी एएनएम की ओर से संभाली जाती है. मंगलवार को प्रभात खबर ने इस एपीएचसी का जायजा […]
डॉक्टर भी थे नदारद : मंगलवार को प्रभात की खबर की टीम जब अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुची तो उस समय 10:26बज रहे थे. अस्पताल में एक भी स्वास्थ्य कर्मी केन्द्र पर मौजूद नहीं थे. केन्द्र में ताला लटका हुआ मिला . ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मैडम कभी -कभी आती है ,वह भी बारह बजे के बाद ही.
जबकि जबकि बोर्ड में अंकित कर्मियों की संख्या 39बतायी गयी है. पद स्थापित पदाधिकरी व कर्मी का नाम बोर्ड में बोर्ड में अंकित डॉ विभा कुमारी (आयुष),श्री विकास चन्द्र घोष (स्वास्थ्य प्रशिक्षक ),मों वसी अहमद (प. क. कार्यकर्ता ),श्रीमती अनुपम कुमारी (ए एन एम क्षेत्र )और सेविका -13,आशा -13,ए एन एम -13कुल मिलाकर 39 कर्मियों के नाम शामिल है. लेकिन अतिरिक्त प्राथमिक केन्द्र में एक भी कर्मी मौजूद नहीं थे . कुछ कर्मियों ने बताया कि जब डॉक्टर ही समय पर नहीं आते तो ओपीडी का संचालन कैसे और कौन करेगा.
कौन है वसी अहमद : ग्रामीणों के अनुसार इस एपीएचसी में एक वसी अहमद नाम के एक परिवार कल्याण स्वास्थ्य कर्मी यहां वर्षों से तैनात हैं. हैरत इस बात की है कि अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मी भी उसे नहीं पहचानते हैं. आश्चर्य इस बात का है कि उसकी हाजरी नियमित बनती है. उसके वेतन का भी भूगतान हो रहा है. विभागीय जानकारों के अनुसार उसकी गहरी पैठ सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर कसबा पीएचसी तक है. इसलिए सभी काम बैठे -बिठाये हो जाता है.
भगवान भरोसे मरीज : यह कहना अतिशयोक्ति नहीं हो गा कि सब्दलपुर का एपीएचसी भगवान के भरोसे चल रहा है . ग्रामीणों ने बताया कि सिर्फ नाम का अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है. यहाँ डॉक्टर कभी दिखते ही नहीं. ए एन एम आती भी है तो डॉक्टर के अभाव में मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाता है.
ग्रामीणों के अनुसार स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल पहुंचते तो हैं,किंतु एक घंटे रह कर महज खानापूर्ति घर लौट जाते है . वहीं मरीज दिन भर घंटों डॉक्टर व ए एन एम के आने का इंतजार करते रहते हैं .
विभाग भी लापरवाह : इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को भी दी गयी . लेकिन कोई वरीय पदाधिकारी इस ओर ध्यान देने की जहमत तक नही उठाई . लिहाजा यहां के स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बुलंद होता चला गया . ग्रामीणों ने इसकी शिकायत विधायक मों आफाक आलम से की थी . श्री आलम ने औचक निरीक्षण के दौरान कर्मियों को सुधरने की हिदायत दी थी .
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