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महिला गुलामों से सेक्स के लिए ISIS ने बनाया संहिता

बगदाद : आतंकी संगठन आईएस ने अपनी सुविधाओं के लिए महिला गुलामों के साथ यौन संबंधों को लेकर एक बहुत ही कठोर नियम बनाया है. जिसकी आलोचना मानवाधिकार संगठनों ने भी की है. ISIS के धर्म मानने वालों ने विस्तृत जानकारी के साथ यह आदेश निर्गत किया है कि जिन महिलाओं को आतंकी संगठनों ने […]

बगदाद : आतंकी संगठन आईएस ने अपनी सुविधाओं के लिए महिला गुलामों के साथ यौन संबंधों को लेकर एक बहुत ही कठोर नियम बनाया है. जिसकी आलोचना मानवाधिकार संगठनों ने भी की है. ISIS के धर्म मानने वालों ने विस्तृत जानकारी के साथ यह आदेश निर्गत किया है कि जिन महिलाओं को आतंकी संगठनों ने दास बनाया है. उस ग्रुप के मालिक उन महिलाओं के साथ सेक्स कर सकते हैं. इस्लामिक स्टेट के धर्म मानने वालों का कहना है कि इससे बंधक बनाये गये महिलाओं के साथ होने वाले गलत व्यवहार पर रोक लगेगी.

इस आदेश के जरिए कानून को जबरदस्ती लागू करने की कोशिश की गयी है. यह फतवा पूर्व में दिये गये आतंकी संगठन के फतवों से अलग है. यह साफ दिखाता है कि इस्लामिक आईएस सदियों से चली आ रही यौन दासियों के प्रति होने वाले व्यवहार की दुबारा व्याख्या कर रहा है. सीरिया और इराक के बड़े हिस्से में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने महिलाओं को बंधक बनाकर रखा है. फतवे के जारी किए गए दस्तावेजों को अमेरिकी ऑपरेशंस फोर्सेज ने सीरिया में आईएस के अधिकारियों के यहां रेड डालकर अपने कब्जे में लिया था.

रायटर्स ने इस दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद इसे पब्लिस किया है. यह स्टडी पहले कभी भी प्रकाशित नहीं हुई है. आईएस के धर्मगुरूओं के इस फैसले के बाद बाप औप बेटे को एक ही महिला दास से मालिक मां और बेटी दोनों से सेक्स कर सकता है. कैदी महिलाओं के साथ संयुक्त मालिकों को भी सेक्स करने की छूट है.इन महिलाओं पर संयुक्त रुप से अधिकार माना गया है अमेरिकी मानवाधिकार संगठन ने आईएस पर हजारों महिलाओं और लड़कियों अगवा कर हिंसक तरीके से दुष्कर्म करने का आऱोप लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक यह लोग 12 साल की लड़कियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं.आईएस ने ऐसी हरकतों को दबाने के लिए और दासियों को मैनेज करने के लिए वार स्पाईल्स डिपार्टमेंट की स्थापना भी की थी.

मानवाधिकार वॉच ने कैद की 20 महिलाओं का साक्षात्कार किया था. इन महिलाओं ने बताया कि कैसेवह लोग महिलाओं को उम्र के हिसाब से छांटते हैं. और इन्हें अलग-अलग रखा जाता है. यह महिलाएं तोहफे में दी जाती हैं और यह हवस का शिकार भी बनती हैं. फतवा नंबर 64 29 जनवरी 2015 जारी करने वाली आईएस स्टेट कमिटी और रिसर्च एंड फतवा ने आईएस लड़ाकों और कैदी महिलाओं के बीच यौन संबंधों पर एक संहिता भी बनाया है.

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