नयी दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का देशी घी विवाद में घिर गया है. उत्तराखंड में पतंजलि की घी में फफूंदी मिलने की शिकायत की गयी है. इस पर उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने पतंजलि देसी घी की जांच के लिए सैंपल लैब भिजवाए हैं. पतंजलि के देसी घी में फफूंद मिलने की शिकायत मिलने के बाद उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से सैंपल उठाए हैं और रुद्रपुर लैब में जांच के लिए भेजा है. लैब रिपोर्ट आने में 14 दिन लगेंगे. 15 दिन में रामदेव के दूसरे प्रोडक्ट की इस तरह की जांच हुई है.
इससे पहले 11 दिसंबर को भी आटा नूडल्स के सैंपल की जांच करायी गयी थी. रामदेव के गाय के देशी घी में फफूंद की शिकायत मिलने के बाद सोमवार को उत्तराखंड के स्वास्थ्य महकमे ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पहुंचकर घी के दो सैमपल लिए और जांच के लिए भेज दिये. खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पतंजलि योगपीठ के निकट स्थित पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड फैक्ट्री पहुंचकर बाबा द्वारा बनाये जा रहे गाय के देशी घी की सैमपलिंग की. खाद्य सुरक्षा विभाग इन सैम्पल को जांच के लिए रुद्रपुर स्थित लैब में जांच के लिए भेजा है जिसकी रिपोर्ट 14 दिन में आने की संभावना है. रिपोर्ट आ जाने के बाद मामले में कार्यवाही की जाएगी.
रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण ने इन आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि ‘वे जो घी बनाते हैं उसे उचित तापमान पर गर्म करने के बाद ही पैक किया जाता है. इसलिए उसमें फंगस लगने का सवाल ही नहीं पैदा होता. ये निराधार आरोप पतंजलि की छवि खराब करने के लिए लगाये गये हैं.’ जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी ने सैंपल लेने की पुष्टि की है. वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि ये सैंपल इसलिए लिये गये हैं ताकि राज्य में बनने वाली चीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके.
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