सद्भावना और अहिंसा से जुड़ी है महाश्रमण की यात्रा: गिरिया
पूर्णिया : तेरापंथ धर्म संघ के 11 वें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण आठ जनवरी को मधुबनी बाजार पहुंच रहे हैं. यह यात्रा जन-जन को सद्भावना, अहिंसा और नशा मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए नौ नवंबर 2014 को दिल्ली के लाल किला से प्रारंभ हुई थी. इस दौरान आचार्य श्री भारत, नेपाल और भूटान तीन देशों सहित 18 राज्यों की लगभग 15 हजार किलोमीटर पद यात्रा कर चुके हैं. उक्त जानकारी तेरापंथ धर्म संघ के जिला मंत्री संजय गिरिया ने प्रेस वार्ता में सोमवार को कही.
श्री गिरिया ने कहा कि आचार्य श्री के इस अहिंसा पदयात्रा में दर्जनों साधु-साध्वी शामिल हैं. उन्होंने सावन से कार्तिक पूर्णिमा तक नेपाल के विराटनगर में चातुर्मास संपन्न किया. इसके बाद कलियागंज, अररिया, फारबिसगंज, नरपतगंज, छातापुर, निर्मली होते हुए 28 दिसंबर को सुपौल पहुंचे, जहां से मधेपुरा, सिंहेश्वर, मुरलीगंज, जानकीनगर, बनमनखी से सरसी होते हुए पूर्णिया शहर के मधुबनी बाजार पहुंच कर विजय सिंह नाहर के आवास पर विराजेंगे.
उनके साथ साध्वी कनक प्रभा जी स्थानीय सिन्हा पब्लिक स्कूल में प्रवचन करेंगी. इसके उपरांत 09 जनवरी को अहिंसा पद यात्रा कटिहार के लिए प्रस्थान करेंगी, जहां यात्रा संपन्न कर पुन: पूर्णिया के भट्ठा बाजार स्थित डीएसए ग्राउंड के निकट कमल सिंह कोचर के आवास पर पहुंचेंगे.
कहा कि डीएसए ग्राउंड के काली मंदिर परिसर में 18 से 21 जनवरी तक आचार्य श्री महाश्रमण जी का प्रवचन होगा. तेरापंथ धर्म संघ के आलोक मुनि ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के नेतृत्व में आयोजित अहिंसा पद यात्रा का मुख्यत: तीन उद्देश्य है. जिसमें सद्भावना एवं संप्रसार, नैतिकता का प्रचार-प्रसार एवं नशा मुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है.
कहा कि अहिंसा यात्रा हृदय परिवर्तन के द्वारा अंधकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान का अभियान है. यह यात्रा कुरीतियों में जकड़ी ग्रामीण जनता और तनावग्रस्त शहरी लोगों के लिए वरदान है. जाति, संप्रदाय, वर्ग और राष्ट्र की सीमाओं से परे यह यात्रा बच्चों, युवाओं और वृद्धों के जीवन में सद्गुणों की सुवास भर रही है.
इस मौके पर कमल सिंह कोचर, विजय सिंह नाहर, निर्मल जैन, नवतन मल नाहर, नवरतन दुग्गड़, शांति लाल सेठिया, इंदर चंद्र नाहटा आदि मौजूद थे.