आज झारखंड की रघुवर दास सरकार के एक साल पूरे हाे गये. एक साल में इस सरकार ने कई अहम फैसले लिये. सालों से फंसी कई योजनाओं को शुरू कराया. नीति, नियुक्ति, प्रोन्नति के अलावा ऑनलाइन एफआइआर व्यवस्था लागू क गयी. इससे न केवल आम लोग, बल्कि सरकारी कर्मचारी भी लाभान्वित हुए. राज्य गठन के बाद से ही बनाये जा रहे रांची के मास्टर प्लान काे भी इसी सरकार ने मंजूरी दी. यह राज्य की राजधानी के लिए उपलब्धि है. झारखंड हाइकाेर्ट का निर्माण हाे रहा है. विधानसभा का काम अब शुरू हाेनेवाला है. अभी इस सरकार के चार साल बाकी हैं. आम जनता की उम्मीदें इस सरकार से जुड़ी है.
रांची: एक साल की रघुवर सरकार में वर्षों से फंसे कई काम हुए. नीति, नियुक्ति, प्रोन्नति के अलावा योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम भी संभव हुआ. सालों से कागजों पर चल रही योजनाओं को अमलीजामा पहनाने और धरातल पर उतराने का फायदा आम लोगों को मिला है. राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों से लटकी फसल बीमा की राशि का भुगतान कर किसानों को बड़ी राहत दी. ऑनलाइन एफआइआर व्यवस्था लागू कर जनता को थाना जाने की जहमत से मुक्ति दिला दी. 2009 से चल रही अपग्रेड हाइस्कूल में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर हजारों युवाओं को नौकरी दी गयी. इससे आम लोगों के अलावा सरकार के कर्मचारी भी लाभान्वित हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 2013 से लंबित प्राथमिक शिक्षकों के प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर हजारों की संख्या में शिक्षकों को लाभान्वित किया गया. रघुवर सरकार ने सालों से चल रही रोजकोष को फायदा पहुंचाने वाली प्रक्रियाओं को भी पूरा किया. उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये सिंगल विंडो एक्ट को मंजूरी दी गयी. 18 लौह अयस्क खदानों की लीज रद्द की. सोना और बॉक्साइट खदानों के नीलामी की प्रक्रिया के रोड़े दूर किये. सिकनी कोलियरी को फिर से शुरू कर कोयले की नीलामी शुरू करायी. राजधानी रांची के भविष्य को ध्यान में रखते हुए भी कई पुरानी योजनाओं और कार्यों को मुकाम तक पहुंचाया. राज्य गठन के बाद से ही बनाये जा रहे रांची का मास्टर प्लान पूरा कराकर लागू कराया. वर्ष 2003 से चल रहे सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण की योजना के धरातल पर उतरने की शुरुआत की. प्रस्तावित नयी रांची के कोर कैपिटल का निर्माण शुरू कराया.
पुलिस विभाग में शुरू हुए कई नये काम
रांची. इस साल पुलिस विभाग में वर्षों से लटके कई पुराने कामों को शुरू किया गया, वहीं कई नयी योजनाओं पर पुलिस ने काम किया. सड़क दुर्घटना के घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए जमशेदपुर में जरमा और रांची में अरमार की शुरुआत की गयी. राज्य भर के 72 थानों में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने की शुरुआत हुई, तो बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया. कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हाईवे और सिटी पेट्रोलिंग शुरू की गयी और राज्य भर के 45 थानों को अपग्रेड किया गया.
जरमा और अरमार
सड़क दुर्घटना में घायल होनेवाले लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने और तत्काल नजदीक के अस्पताल में भरती कराने के उद्देश्य से जमशेदपुर में झारखंड एक्सीडेंट रिस्पांस एंड मेडिकल असिस्टेंस (जरमा) और रांची में मेडिकल असिस्टेंस एंड एक्सीडेंट रिस्पांस एंड मेडिकल असिस्टेंस रांची (अरमार) की शुरुआत की गयी. यह सिस्टम 24 घंटा काम करता है. सिर्फ अरमार ने अब तक दुर्घटना के शिकार 339 लोगों को अस्पताल पहुंचाया है और 49 लोगों को दुर्घटनास्थल पर ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी.
अॉनलाइन प्राथमिकी
इसी साल राज्य पुलिस ने ऑनलाइन प्राथमिकी की शुरुआत की. इसके तहत कोई भी व्यक्ति झारखंड ऑनलाइन एफआइआर सिस्टम (जेओएफएस) की साइट पर जाकर बिना थाना गये अपनी शिकायत पुलिस थाना में दर्ज करवा सकता है. दो चरणों में अब तक 72 थानों में अॉनलाइन प्राथमिकी की शुरुआत की गयी है. शिकायत पर पुलिस कार्रवाई भी करती है और कार्रवाई की जानकारी ई-मेल से ही शिकायतकर्ता को दी जाती है. अब पुलिस को 1029 ऑनलाइन शिकायत मिल चुकी है.
ऑपरेशन मुस्कान
बाल मजदूरी के काम में लगे बच्चों को मुक्त कराने के लिए सीआइडी के आइजी संपत मीणा ने ऑपरेशन मुस्कान की शुरुआत की. सीआइडी और एनजीओ की टीम दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता समेत अन्य राज्यों में गयी. 1300 से अधिक बच्चों को मुक्त कराया गया. मुक्त कराये गये बच्चों के सीडब्लूसी के समक्ष पेश किया गया और बच्चों को उनके परिवार के पास पहुंचाया गया.
हाइवे व सिटी पेट्रोलिंग
लोगों की सुरक्षा के लिए इस साल दो तरह (हाइवे और सिटी) की पेट्रोलिंग की शुरुआत की गयी. हाईवे पेट्रोलिंग अभी सिर्फ रांची व जमशेदपुर में और सिटी पेट्रोलिंग रांची, जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह व धनबाद जिला में ही शुरू की गयी है. इस पेट्रोलिंग के लिए 310 गाड़ियां खरीदने की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी हैं. हलांकि पेट्रोलिंग वाहनों की संख्या कम होने के कारण अभी इसका समुचित असर नहीं दिख पाया है.
एसीबी ने रिश्वतखोरों को पकड़ने में रिकॉर्ड तोड़ा
रांची. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वत लेने वालों को पकड़ने में पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है. एसीबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2002 में रिश्वत लेते 64 सरकारी कर्मी गिरफ्तार हुए थे, जबकि वर्ष 2003 के दौरान सिर्फ 24 लोग गिरफ्तार हुए. वर्ष 2015 के दौरान एसीबी ने कुल 63 लोगों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. जिसमें सरकारी कर्मी के साथ कुछ उनके एजेंट भी शामिल थे. आंकड़ों से यह भी स्पष्ट है कि 2002 से लेकर 2010 के दौरान सिर्फ 2010 में 43 सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था.
वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2014 के बीच बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन वर्ष 2015 में व्यापक पैमाने पर कार्रवाई हुई. जिस कारण एसीबी के प्रति आम लोगों को विश्वास बढ़ा है. लोग रिश्वत मांगने से संबंधित शिकायत लेकर दूर- दराज से आते हैं. शिकायत पर तत्काल कार्रवाई भी होती है. आम लोगों को वाट्सएप के जरिये रिश्वत लेनेवाले की वीडियो भेजने और शिकायत करने की सुविधा प्रदान की गयी है. एसीबी के अधिकारियों ने जहां एक ओर काम कर आम लोगों को विश्वास जीता है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी एसीबी को मजबूत बनाने का प्रयास किया है. पहले एसीबी के पास किसी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की शक्ति नहीं थी, लेकिन अब एसीबी के पास तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मी के खिलाफ खुद से जांच कर प्राथमिकी दर्ज करने की शक्ति है. इस वजह से अब पहले की अपेक्षा त्वरित गति से कार्रवाई होती है.
वर्ष रिश्वत लेते
गिरफ्तार
2001 23
2002 64
2003 26
2004 12
2005 06
2006 15
2007 14
2008 24
2009 16
2010 43
2011 14
2012 29
2013 25
2014 36
2015 63
सिंचाई योजनाअों से मिलेगा लाभ
रांची. जल संसाधन विभाग की प्राथमिकता 20-30 वर्षों पहले शुरू हुई 19 बड़ी व मध्यम सिंचाई योजनाओं को पुनर्जीवित तथा पूर्ण करना है. इसके लिए 23 जिलों में बहनेवाली छोटे नदी-नालों पर 751 चेक डैम बनाने की स्वीकृति दी गयी है. इस पर कुल 497 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पूर्ण होने पर इनसे कुल 37737 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो सकेगी. दरअसल जानकार झारखंड के लिए चेक डैम व लघु योजनाअों की ही वकालत करते हैं. चेक डैम की तरह वीयर योजना पर भी जोर दिया जा रहा है. वीयर व चेक डैम में अंतर यह होता है कि चेक डैम से जहां पानी को लिफ्ट करके पटवन होता है. वहीं वीयर में पानी नहर के जरिये ऊंचे इलाके से निचले इलाके में भेजा जाता है. वीयर योजना की सिंचाई क्षमता चेक डैम से अधिक होती है. विभाग ने रांची, खूंटी, गुमला, जमशेदपुर, सरायकेला, देवघर, गोड़ा व दुमका के लिए 10 वीयर योजनाअों की स्वीकृति दी है. इनके निर्माण पर 17.94 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं पूर्ण होने पर कुल 2303 हेक्टेयर खेतों को पानी मिलेगा. इसके अलावा उसरी, विशुनपुर, आद्रा, कवलदाग, उत्माही, बिरहा, सोनरे, चाको, पीरी, कुटीपीसी, लपसिया, विजय, ब्राहम्णी, कांची, हरणा, खतवा, पगला, जिंजोई व हरही वीयर योजनाअों की कम हो गयी सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए इनकी मरम्मत व जीर्णाेद्धार का निर्णय लिया गया है तथा राशि आवंटित की गयी है. टाटीसिलवे के टाटी गांव के लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए भी 67.78 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
सशक्त हो रही हैं महिलाएं
रांची. राज्य सरकार ने गत एक वर्ष में महिला सशक्तीकरण को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये है़ं खासकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक वर्ष अंदर कई महत्वपूर्ण काम किये हैं. इसका महिला साक्षरता पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा़ स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने वर्ष 2015 में 57 नये बालिका आवासीय विद्यालय की शुरुआत की है़ ये विद्यालय उन प्रखंडों में खोले गये हैं, जिनमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नहीं था़.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सीटों की संख्या भी बढ़ा कर 100 से 150 कर दी गयी है़ कस्तूरबा विद्यालय में अब प्लस टू स्तर पर विज्ञान व वाणिज्य की भी पढ़ाई होगी़ विद्यालय में कोचिंग व जिम की भी शुरूआत की गयी है. सरकारी विद्यालायों में पढ़नेवाले कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राओं को नि:शुल्क पोशाक, किताब व कॉपी देने की योजना को भी सरकार ने अपनी मंजूरी दी है़ बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गयी़ राज्य के शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े 203 प्रखंड में बालिका छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है़ राज्य के 11 जिले जहां महिला कॉलेज नहीं है, वहां डिग्री महिला कॉलेज खोला जायेगा़ रजिस्ट्री में लगनेवाली राशि में महिलाओं को दस प्रतिशत की छूट दी गयी है़ विधवा महिला के स्वालंबन के लिए सरकार की ओर से 90 प्रतिशत अनुदान पर गाय व बकरी देने की योजना की शुरुआत की गयी है़ महिलाओं के लिए नि:शुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की योजना भी शुरू की गयी है़.
आम आदमी के लिए हेल्थ स्कीम शुरू
रांची. रघुवर सरकार ने गत एक वर्ष के दौरान आम आदमी के लिए कई बेहतर योजनाएं शुरू की हैं. बीपीएल तथा 72 हजार रुपये सालाना आय वाले परिवार के लिए लागू मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत चिकित्सा अनुदान की राशि डेढ़ लाख से बढ़ा कर 2.5 लाख कर दी गयी है. वहीं गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए सरकार पांच लाख तथा कैंसर रोगियों के लिए अधिकतम चार लाख रुपये का भुगतान करती है. इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या भी बढ़ायी गयी है. पहले इस सूची में कुल 29 अस्पताल थे, जिसे बढ़ा कर 44 कर दिया गया है. पीपीपी मोड में पैथोलॉजिकल व रेडियोलॉजिकल जांच की सुविधा राज्य भर में उपलब्ध करायी गयी है. इसे मुख्यमंत्री नि:शुल्क डायग्नोस्टिक जांच योजना नाम दिया गया है. दूरदराज के जिलों में इस योजना का अधिक लाभ होगा, जहां जांच की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. केंद्र संपोषित योजना के लिए राज्य अौषधि नीति-2015 बनायी गयी है, जिसके तहत सरकारी अस्पतालों के सभी इनडोर व अाउटडोर मरीजों को करीब 315 दवाएं अनिवार्य रूप से व नि:शुल्क उपलब्ध करानी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी चिकित्सकों के लिए संकल्प जारी किया है कि वे मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवाएं ही लिखेंगे. वहीं महिलाअों को सरकारी अस्पतालों में कैंसर जांच की सुविधा नि:शुल्क देने का भी निर्णय लिया गया है.
नीति और नियमावली के लिए जानी जायेगी रघुवर सरकार
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास के एक वर्ष का कार्यकाल नीतियों व नियमावलियों के लिए जाना जायेगा. सरकार कई बड़ी नीतियां लेकर आयी है. सरकार ने विभागों में वर्षों से लंबित नियुक्ति नियमावली को पूरा कराया. लगभग सभी विभागों ने नियुक्ति नियमावली बनायी गयी है. सरकार ने गत एक वर्ष में पिछले 14 वर्षों से लंबित सिंगल विंडो एक्ट को पारित कराने में सफलता प्राप्त की है. इस नीति के तहत उद्योग स्थापना में बाधक बनी 42 श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया गया. इससे राज्य में कारोबार करना अासान हो गया है. यही वजह है कि विश्व बैंक ने ईज अॉफ डूइंग बिजनेस में पूरे देश में झारखंड को तीसरा स्थान दिया है, जबकि इससे पूर्व झारखंड 29 वें रैंक पर था. सरकार ने जल नीति, निर्यात नीति, फिल्म नीति, औषधि नीति, तकनीकी विश्वविद्यालय नीति बनाकर निवेशकों को आकर्षित किया ही है, जनता को भी राहत दी गयी है. चिकित्सकों को अब जेनरिक दवा लिखने का निर्देश दिया गया है. वहीं नियुक्ति नियमावली बन जाने से सरकार लगभग 18 हजार लोगों को नौकरी देने में सफल रही है.
पहली बार पीए के लिए नीति
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सत्ता संभालते ही मंत्रियों के आप्त सचिव(पीए, पीएस) की नियुक्ति के लिए नियमावली बना दी. यह पहला मौका था, जब मंत्रियों के आप्त सचिव के लिए भी निगरानी से स्वच्छता प्रमाण पत्र लेना पड़ा. जो भी मंत्री पीए या पीएस की अनुशंसा करते थे, पहले उनकी निगरानी से स्वच्छता प्रमाण पत्र लिया गया. उसके बाद ही उनकी नियुक्ति की गयी.
जो प्रमुख नीतियां या नियमावली इस सरकार में बनीं
स्वास्थ्य विभाग
| राज्य अौषधि नीति-2015
| दंत चिकित्सा सेवा नियुक्ति, प्रोन्नति व अन्य सेवा शर्त नियमावली
| 2015- विशेषज्ञ चिकित्सा सेवा नियुक्ति व अन्य सेवा शर्त नियमावली
| 2015- राज्य खाद्य संरक्षा सेवा (भर्ती, प्रोन्नति व अन्य शर्त) नियमावली-2015
| राज्य चिकित्सा सेवकों की नियमित प्रोन्नति के लिए कालावधि शिथिल करने संबंधी नियमावली
नियमावली, जो प्रक्रियाधीन है
| नर्सिंग नियमावली में संशोधन
| चिकित्सा महाविद्यालय के शैक्षणिक संवर्ग की नियुक्ति, प्रोन्नति व अन्य सेवा शर्त नियमावली
| स्वास्थ्य शिक्षक संवर्ग नियमावली-2015
| स्वच्छता निरीक्षक सेवा संवर्ग नियुक्ति, प्रोन्नति व अन्य सेवा शर्त नियमावली
| राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रक कार्यक्रम के कर्मियों की भरती व प्रोन्नति नियमावली
| रिनपास कांके, रांची की शैक्षणिक संवर्ग सेवा नियमावली
| रिनपास कांके, रांची के स्टाफिंग पैटर्न-2004 का गठन
जल संसाधन विभाग
| झारखंड राज्य जल नीति 2015
| झारखंड राज्य जल संसाधन आयोग के गठन को कैबिनेट की स्वीकृति
उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग
| टेक्निकल िववि एक्ट को मंजूरी
उद्योग विभाग
| सिंगल विंडो एक्ट-2015
| सौर ऊर्जा नीति 2015
| झारखंड इंडस्ट्रीयल पार्क पॉलिसी 2015
| झारखंड एक्सपोर्ट पॉलिसी 2015
| झारखंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी 2015
| झारखंड फीड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी 2015
श्रम विभाग
| झारखंड फैक्ट्री अमेंडमेंट रूल्स 2015
| झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना
कृषि विभाग
| कृषि नीति का प्रारूप जारी
पर्यटन
| पर्यटन नीति बनी
वन विभाग
| इको टूरिज्म पॉलिसी
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
| फिल्म नीति
| प्रेस एक्रीडेशन रूल
| विज्ञापन नीति, झारखंड संवाद नीति