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नक्सलियों के दहशत से बंद हुआ कुंडघाट डैम का नर्मिाण कार्य

नक्सलियों के दहशत से बंद हुआ कुंडघाट डैम का निर्माण कार्य सिकंदरा. कुंडघाट डैम का निर्माण कार्य पूरा होने का इंतजार क्षेत्र के किसानों को बेसब्री से है, लेकिन एक बार फिर से जिले की बहुप्रतीक्षित सिंचाई परियोजना कुंडघाट डैम के निर्माण कार्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ज्ञात हो कि किसानों के […]

नक्सलियों के दहशत से बंद हुआ कुंडघाट डैम का निर्माण कार्य सिकंदरा. कुंडघाट डैम का निर्माण कार्य पूरा होने का इंतजार क्षेत्र के किसानों को बेसब्री से है, लेकिन एक बार फिर से जिले की बहुप्रतीक्षित सिंचाई परियोजना कुंडघाट डैम के निर्माण कार्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ज्ञात हो कि किसानों के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद 29 अप्रैल को कुंडघाट डैम के निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ था. उस समय तत्कालीन स्थानीय विधायक रामेश्वर पासवान ने नारियल फोड़ कर डैम के निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुए इसके ससमय निर्माण का वादा क्षेत्र के किसानों से किया था. निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद निर्माण एजेंसी वशिष्ठा कंस्ट्रक्सन द्वारा नियमित रूप से डैम का निर्माण कार्य किया जा रहा था. परंतु बीते 21 दिसंबर को थाना क्षेत्र के मिर्चा कोड़ासी में घटित एक नक्सली घटना के बाद नक्सलियों के दहशत से वशिष्ठा कंस्ट्रक्सन ने डैम का निर्माण कार्य बंद कर दिया है. बताते चलें कि 21 दिसंबर की शाम नक्सली दस्ते ने धावा बोल कर थाना क्षेत्र के मिरचा कोड़ासी के समीप नहर खुदायी कार्य में लगे मजदूरों के साथ मारपीट करते हुए एक पॉपलेन जेसीबी में आग लगा दिया था. लेवी की मांग को लेकर नक्सलियों द्वारा की गयी इस कार्रवाई के बाद एक ओर जहां अपर किऊल नहर में खुदायी का कार्य बंद हो गया है. वहीं दूसरी ओर इस घटना के बाद कुंडघाट डैम के निर्माण कार्य में लगे कर्मी व मजदूर भी नक्सलियों के भय से काम बंद कर अपना घर वापस लौट गये हैं. जिसके कारण डैम का निर्माण कार्य एक बार फिर से अधर में लटक गया है. बताते चलें कि क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान माने जाना वाला यह बहुप्रतीक्षित सिंचाई परियोजना शुरूआत से ही संकटों से घिरा रहा है.1980 के दशक में क्षेत्रीय सांसद सह तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री श्री मति कृष्णा शाही ने कुंड घाट जलाशय योजना का प्राक्कलन तैयार कर इसकी आधारशिला रखी थी. लेकिन उसके बाद यह योजना परवान नहीं चढ़ सका. लेकिन तत्कालीन क्षेत्रीय सांसद ललन सिंह के प्रयास से 2008 में कुंडघाट जलाशय ने मूर्त रूप लिया.जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सिकंदरा पहुंच कर 24 सितंबर 2008 को इस योजना का शिलान्यास किया था. लेकिन बेगुसराय संसदीय क्षेत्र से सिकंदरा विधानसभा के अलग होते ही एक बार फिर से यह महत्वाकांक्षी परियोजना अधर में लटक गयी.आखिरकार लंबे जद्दोजहद के बाद 29 अप्रैल 2015 से कुंडघाट डैम का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और दशकों से कुंडघाट डैम के इंतजार में टकटकी लगाये किसानों को राहत मिली. लेकिन नक्सली घटना के बाद कुंडघाट डैम का निर्माण कार्य बंद होने से क्षेत्र के किसान एक बार फिर से मायूस नजर आ रहे है. ऐसे में सोमवार को डैम के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने कुंडघाट आ रहे जल संसाधन मंत्री ललन सिंह पर क्षेत्र के किसानों की नजरें टिकी हुई है.

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