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सदर अस्पताल बना पार्किंग स्टैंड

सदर अस्पताल बना पार्किंग स्टैंड (फोटो नंबर-6) – पुरानी जीटी रोड पर लगी वाहनफ्लैग — विकट समस्या. शहर में कहीं नहीं है कोई पार्किंग की व्यवस्थादुकानों के आगे वाहनों की पार्किंग से होती है दुकानदारों व राहगीरों को परेशानी प्रतिनिधि, औरंगाबाद (सदर)शहर की मौजूदा स्थिति देख कर ऐसा लगता है कि नगर पर्षद, औरंगाबाद के […]

सदर अस्पताल बना पार्किंग स्टैंड (फोटो नंबर-6) – पुरानी जीटी रोड पर लगी वाहनफ्लैग — विकट समस्या. शहर में कहीं नहीं है कोई पार्किंग की व्यवस्थादुकानों के आगे वाहनों की पार्किंग से होती है दुकानदारों व राहगीरों को परेशानी प्रतिनिधि, औरंगाबाद (सदर)शहर की मौजूदा स्थिति देख कर ऐसा लगता है कि नगर पर्षद, औरंगाबाद के पास इसे व्यवस्थित रखने की कोई योजना ही नहीं है. वैसे तो शहर में अब तक न्रर पर्षद द्वारा विकास के कई कार्य कराये गये है, लेेकिन उसका कोई खास लाभ शहरवासियों को नहीं मिल सका है. सिर्फ योजनाओं को गिनाने के नाम पर खर्च किये गये रुपये आज बेकार साबित हो रहे हैं. औरंगाबाद शहर क्षेत्रफल की हिसाब से बहुत ही छोटा है. रमेश चौक से बाइपास चौक व धर्मशाला चौक तक के छोटे से भू-भाग में सैकड़ों दुकानें स्थापित हैं. इसी क्षेत्रफल में औरंगाबाद जिले के लोगों के लिए तमाम सुख-सुविधाओं से जुड़े सामान उपलब्ध हैं. यहां जिले भर के लोग खरीदारी के लिए आया करते हैं. दूर-दराज से आनेवाले लोग अपने व किराये के वाहनों से औरंगाबाद शहर आते हैं, लेकिन बाजार में प्रवेश करने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी समस्या आती है पार्किंग की. शहर में वाहनों की पार्किंग के लिए एक भी जगह चिह्नित नहीं है. लोग या तो किसी दुकान के आगे सड़क पर गाड़ी खड़ी कर देते हैं या फिर सदर अस्पताल के अंदर. सड़क पर ही गाड़ियों की पार्किंग से अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है. मंदिरों व शॉपिंग मॉल में भी पार्किंग नहींपुराने शहर की पहचान बने महावीर मंदिर व गणपति मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जिले भर से लोग आते हैं, लेकिन इन दोनों मंदिरों के सामने भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. लोगों को बीच सड़क पर ही वाहन लगाना पड़ता है. वहीं, शहर के इकलौते शॉपिंग मॉल में भी जिले भर से लोग खरीदारी के लिए आते हैं. यहां भी पार्किंग के अभाव में लोगों को छोटी-बड़ी गाड़ियां सड़क पर लगानी पड़ती है. शहर के एमजी रोड में भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. अगर रमेश चौक से महाराजगंज रोड में किसी दुकान से खरीदारी करनी हो, तो या तो वाहनों को सड़क पर खड़ा करना पड़ता है या फिर पेट्रोल पंप के आसपास. वहीं, रमेश चौक से महावीर मंदिर तक किसी दुकान से खरीदारी करनी होती हो, तो लोग अपने वाहनों को या तो सड़क पर या फिर सदर अस्पताल में खड़ा कर देते हैं. शहर के लिए नहीं है कोई मास्टर प्लानबढ़ती आबादी के साथ शहर का दायरा भी बढ़ रहा है. हर रोज नये मकान बन रहे हैं. दुकानें भी खुल रही हैं. लेकिन, शहर के बढ़ते क्षेत्रफल को लेकर नगर पर्षद के पास कोई मास्टर प्लान नहीं है. वहीं, दिल्ली व कोलकाता जैसे महानगर के तर्ज पर बड़ी-बड़ी दुकानें खुल रही हैं, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण शहर की सुंदरता पर ग्रहण लग रहा है. नगर पर्षद को पार्किंग की समस्या का जल्द समाधान निकालना होगा. हर बार एक ही जवाब सुन कर थक गये लोगजब लोग पार्किंग, शौचालय, यूरिनल, जाम व अतिक्रमण आदि समस्याओं के समाधान की मांग करते हैं, तो नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार का एक ही जवाब होता है कि इस पर विचार किया जा रहा है. जल्द इन समस्याओं का हल निकाला जायेगा. शहर के लोग इस जवाब को सुनते सुनते अब थक चुके हैं.

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