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बायोमेटरिक मशीन में अटेंडेंश बनायेंगे नियोजित शक्षिक

बायोमेटरिक मशीन में अटेंडेंश बनायेंगे नियोजित शिक्षकराज्य के हाइ व प्लस टू स्कूलों से होगी शुरुआतपायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू होगी योजनादो चरणों में होगा लागू -5391 हाइ व प्लस टू स्कूलों से होगी शुरुआत -72,877 प्रारंभिक स्कूलों में भी बाद में इसे लगाा जायेगा. संवाददाता, पटनासचिवालय और निजी संस्थानों के तर्ज पर राज्य के […]

बायोमेटरिक मशीन में अटेंडेंश बनायेंगे नियोजित शिक्षकराज्य के हाइ व प्लस टू स्कूलों से होगी शुरुआतपायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू होगी योजनादो चरणों में होगा लागू -5391 हाइ व प्लस टू स्कूलों से होगी शुरुआत -72,877 प्रारंभिक स्कूलों में भी बाद में इसे लगाा जायेगा. संवाददाता, पटनासचिवालय और निजी संस्थानों के तर्ज पर राज्य के सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों को अब बायोमीटरिक मशीन से अपनी हाजिरी बनानी होगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. नये साल में इसकी शुरुआत होने की संभावना है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले इसकी शुरुआत हाइ व प्लस टू स्कूलों से की जायेगी. इसके बाद प्रारंभिक स्कूलों में भी बायोमीटरिक मशीन लगायी जायेगी.शिक्षा विभाग का मानना है कि स्कूलों में गुणवत्ता शिक्षा के लिए सबसे जरूरी है कि शिक्षक नियमित रूप से समय पर स्कूल आएं. बायोमीटरिक मशीन लगने के बाद शिक्षकों को स्कूल आने के समय अपनी उंगली से ‘इन पंच’ और स्कूल से जाने के समय ‘आउट पंच’ करना होगा. शिक्षकों के स्कूल में रहने की एक निर्धारित अवधि तय कर दी जायेगी. अगर शिक्षक देर से आयेंगे या फिर बिना सूचना के नहीं आयेंगे, तो उस दिन उन्हें गैरहाजिर माना जायेगा. इसके बाद स्कूलवार अटेंडेंस की समीक्षा की जायेगी और जो शिक्षक देर से आते होंगे या स्कूल में निर्धारित समय से कम समय बिताते होंगे या फिर बिना सूचना के गायब रहते होंगे, उनका वेतन काटा जायेगा. शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें, तो ऐसे शिकायतें अक्सर मिलती हैं कि शिक्षक स्कूलों से बिना सूचना के गैरहाजिर रहते हैं और जब बाद में स्कूल आते हैं, तो बाकी दिनों की भी हाजिरी बना लेते हैं. बायोमीटरिक मशीन लगने से इस पर अंकुश लगेगा और शिक्षक भी नियमित रूप से समय पर स्कूल आ सकेंगे. सभी शिक्षकों को मिलेगा एक कोड नंबरसभी शिक्षकों को एक सीरियल नंबर के हिसाब से एक कोड नंबर दिया जायेगा. स्कूलों में लगनेवाली बायोमीटरिक मशीन में स्कूल के सभी स्टॉफ के नाम और कोड नंबर को डाला जायेगा और उनकी दो उंगलियों को स्कैन किया जायेगा. इससे वे अपना अटेंडेंस बना सकेंगे. इसके लिए टेंडर निकाल कर बायोमीटरिक मशीन बनानेवाली कंपनी को इसका काम दिया जायेगा. बनेंगे दो कंट्रोल रूम इस मशीन में अटेंडेंस बनाने के बाद उसका डाटा सेव करने के लिए जिला व राज्य स्तर पर दो कंट्रोल रूम बनाये जायेंगे. मशीन में लगे डिवाइस के जरिये अटेंडेंस का डाटा दोनों जगहों पर सेव हो जायेगा.

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