विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि दोनों समितियों में बाल कल्याण और किशोर न्याय से संबंधित मामलों का कम-से-कम पांच वर्षों के अनुभव रखने वालों को ही जगह मिलेगी. अध्यक्ष पदों पर दोनों समितियों में 30 वर्ष से कम उम्र वालों को जगह नहीं मिलेगी. विभाग ने साफ कर दिया है कि बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय परिषद में एक-एक अध्यक्ष और चार ही सदस्य होंगे. दोनों में एक-एक महिला और अनुसूचित जाति-जनजाति का सदस्य का होना अनिवार्य होगा.
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20 जिलों में गठित होंगी किशोर न्याय परिषद
पटना : बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय परिषद से वंचित बिहार के 20 जिले जल्द ही इनसे लैस होंगे. समाज कल्याण विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. पांच जनवरी, 2016 तक विभाग ने बीसों जिलों में बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय परिषद का सदस्य व अध्यक्ष बनने के लिए आवेदन मांगे […]
पटना : बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय परिषद से वंचित बिहार के 20 जिले जल्द ही इनसे लैस होंगे. समाज कल्याण विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. पांच जनवरी, 2016 तक विभाग ने बीसों जिलों में बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय परिषद का सदस्य व अध्यक्ष बनने के लिए आवेदन मांगे हैं. बीसों जिलों में बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय परिषद का गठन फरवरी, 2016 तक कर लेने का विभाग ने लक्ष्य तय किया है.
सूबे के 15 जिलों में पहले से बाल कल्याण समितियां गठित हैं, 10 समितियों में दो-दो पद, जबकि पांच समितियों में एक-एक पद आज भी रिक्त हैं. समाज कल्याण विभाग ने जनवरी-फरवरी, 2016 तक इन सभी समितियों में रिक्त पदों पर नई बहाली करने का लक्ष्य तय किया है. किशोर न्याय परिषद फिलहाल चार ही जिलों में गठित हैं, सभी जिलों में आज भी एक-एक पद रिक्त हैं. चारों में किशोर न्याय परिषद में महिला सदस्यों के ही पद रिक्त चल रहे हैं.
बाल कल्याण समितियां
गया/ समस्तीपुर/ सीवान/ जमुई/ मोतिहारी/ अररिया/ लखीसराय/ पूर्णिया/ शेखपुरा
किशोर न्याय परिषद
भागलपुर/ बक्सर/ नवादा/ कैमूर/ औरंगाबाद/ बेगूसराय/ पश्चिमी चंपारण/ रोहतास/ जमुई/ बांका
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