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अब कोलकाता में सड़क पर उतरेंगे चाय श्रमिक

सिलीगुड़ी: डुवार्स में बंद पड़े व खस्ताहाल चाय बागानों के श्रमिकों ने अब अपनी लड़ाई कोलकाता में लड़ने का एलान किया है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान डुवार्स के चाय बागानों खासकर डंकन्स समूह के चाय बागानों की स्थिति बेहद खराब है. हर दिन ही किसी न किसी चाय बागान में चाय श्रमिक की मौत […]

सिलीगुड़ी: डुवार्स में बंद पड़े व खस्ताहाल चाय बागानों के श्रमिकों ने अब अपनी लड़ाई कोलकाता में लड़ने का एलान किया है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान डुवार्स के चाय बागानों खासकर डंकन्स समूह के चाय बागानों की स्थिति बेहद खराब है. हर दिन ही किसी न किसी चाय बागान में चाय श्रमिक की मौत हो रही है. एक अनुमान के मुताबिक पिछले छह महीनों के दौरान डुवार्स के चाय बागानों में कम से कम 70 चाय श्रमिकों की मौत हो चुकी है.

भूख और बीमारी की वजह से चाय श्रमिकों के मौत का दावा परिवारवाले व विरोधी पार्टियों के नेता कर रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसी परिस्थिति में नॉर्थ बंगाल टी प्लांटेशन इंप्लाइ यूनियन के बैनर तले चाय श्रमिकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कोलकाता में आंदोलन का निर्णय लिया है. उक्त आशय की जानकारी देते हुए संगठन के महासचिव अभिजीत राय ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में तराई व डुवार्स के चाय श्रमिक कोलकाता जायेंगे और आठ दिसंबर को कोलकाता में टी बोर्ड के कार्यालय का घेराव करेंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चाय श्रमिकों की समस्या को लेकर केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह से उदासीन है. वास्तविकता यह है कि चाय बागानों और चाय श्रमिकों की स्थिति सुधारने के लिए केंद्र व राज्य सरकार को मिलकर पहल करनी चाहिए. केंद्र व राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए वह लोग राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को भी ज्ञापन देंगे.

राज्य सरकार की प्रमुख ममता बनर्जी हैं, जबकि राज्यपाल केंद्र के प्रतिनिधि हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तराई व डुवार्स के चाय बागानों में प्लांटेशन लेबर एक्ट की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह प्लांटेशन लेबर एक्ट को लागू कराने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाये. चाय श्रमिकों को न तो न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है और न ही उनको अन्य सुविधाएं और भत्ते दिये जा रहे हैं. पीएफ के रुपये व ग्रेच्यूटी तक का भुगतान नहीं हो रहा है. डुवार्स में करीब 40 चाय बागानों की स्थिति काफी बिगड़ गयी है.

क्या हैं मांगें
श्री राय ने कहा कि मुख्य मांगों में बंद चाय बागानों को यथाशीघ्र खोलने के लिए उसके अधिग्रहण की मांग शामिल है. राज्य सरकार को इन चाय बागानों का अधिग्रहण करना चाहिए और या तो स्वयं अथवा किसी सक्षम कंपनी के अधीन देकर उसका संचालन करना चाहिए. उन्होंने चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी यथाशीघ्र घोषित करने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि जो चाय बागान मालिक लेबर प्लांटेशन एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

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