बीकानेर: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष आर.के. मित्तल ने कहा है कि अगले साल देश भर में लगभग छह हजार किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया जाएगा. इसमें से एक चौथाई हिस्सा उत्तर पश्चिम रेलवे जोन का है. मित्तल ने बातचीत में कहा कि रेलवे में आवश्यकता के अनुसार विकास होता है.
जब उनसे पूछा गया कि देश के कुछ इलाकों में तो अपेक्षाकृत ज्यादा विकास कार्य होता है लेकिन सुदूरवर्ती और सीमावर्ती इलाकों तक रेलवे अधिकारियों की नजर नहीं पहुंच पाती तो उन्होंने कहा कि विकास इस बात पर निर्भर करता है कि आवश्यकता और मांग में कितना संतुलन है.
सीमावर्ती राजस्थान में अभी तक विद्युतीकरण और रेल लाइनों का दोहरीकरण नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब राजस्थान ही नहीं बल्कि देशभर के वंचित इलाकों का विकास किया जा रहा है और इसी कडी में हिसार – बठिण्डा – सूरतगढ – लालगढ – फलौदी – जोधपुर – भीलडी खंडों पर विद्युतीकरण प्रक्रिया अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि रेल लाइनों के विद्युतीकरण के बाद उसके रखरखाव की जरूरत पडेगी जिसके लिए बीकानेर में विद्युत लोको शेड स्थापित करने पर विचार किया जायेगा.
मित्तल ने कहा कि आगामी रेल बजट में आम जनता की भावनाओं का ध्यान रखा जा रहा है. इसके लिए कोई भी व्यक्ति रेल मंत्रालय को सुझाव भेज सकता है. उन्होंने कहा कि जनता के सभी सुझावों को शामिल नहीं किया जा सकता लेकिन पहली बार इस व्यवस्था से लोगों का रुझान पता चलेगा और इसमें से कई बातों को समाहित भी किया जाएगा.लोको पायलेट्स की कमी को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि यदि ऐसा होता तो रेलगाडियां नहीं चल पाती हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि रनिंग स्टाफ की कमी है जिस कारण उन्हें पर्याप्त अवकाश नहीं मिल पाता.
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