काबुल : पाकिस्तान पर परोक्ष प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि अफगानिस्तान केवल तभी सफल होगा है जब सीमा पार से आतंकवाद का प्रवाह बंद होगा, और आतंकवाद की नर्सरी और पनाहगाह नहीं होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में योगदान करने के लिए है, प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं, भारत यहां भविष्य का आधार तैयार करने के लिए है, संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए नहीं. मोदी ने कहा कि आतंक और हिंसा अफगानिस्तान के भविष्य को आकार प्रदान करने या अफगानिस्तान के लोगों की पसंद तय करने का माध्यम नहीं हो सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की मौजूदगी में काबुल में भारत द्वारा निर्मित अफगानिस्तान संसद की नई इमारत का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि संसद की नई इमारत हमारे संबंधों की भावना एवं मूल्यों, हमारे बीच के लगाव एवं आकांक्षाओं के अटूट प्रतीक के रूप में खड़ी रहेगी जो हमें विशेष संबंधों की डोर से बांधती है.
अफगानी संसद में अटल ब्लॉक
भारत के सहयोग से निर्मित अफगानिस्तान के संसद की नई इमारत पर 9 करोड डालर की लागत आई है. मोदी ने यहां संसद भवन परिसर में ‘अटल ब्लाक’ का भी उद्घाटन किया जिसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है और जिनका आज 91वां जन्मदिन है. अफगानिस्तान की संसद को मोदी ने करीब 40 मिनट तक संबोधित किया और उपस्थित लोगों ने कई मौकों पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की. मोदी ने अफगानिस्तान में भारत की सहभागिता पर पाकिस्तान की आपत्ति का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग हैं जो हमें यहां नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं जो हमें यहां नहीं देखना चाहते हैं. ये ऐसे लोग हैं जो यहां हमारी मौजूदगी के पीछे नापाक इरादा देखते हैं. कुछ अन्य ऐसे लोग भी हैं जो हमारी सहभागिता की ताकत से असहज महसूस करते हैं.
कुछ लोगों को दोस्ती पसंद नहीं
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग इसे हतोत्साहित करने का प्रयास भी करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान केवल तभी सफल हो सकता है जब सीमापार से आतंक का प्रवाह नहीं होगा, जब आतंकवाद के पनाहगाह और नर्सरियां बंद होगी और इनके आका इस कारोबार में लिप्त नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि आतंकवाद और हिंसा अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देने या अफगान लोगों की पसंद को तय करने का माध्यम नहीं हो सकते. मोदी ने इस बात के लिए अफगानिस्तान की भूरि-भूरि प्रशंसा कि वह भारत पर भरोसा करता है और दूसरों के कथन के आधार पर फैसला नहीं करता, चाहे वह रहस्यमयी भारतीय वाणिज्य दूतावास के बारे में ही क्यों न हो.
दोस्ती में कोई संदेह नहीं
मोदी ने कहा कि आपने हमारी दोस्ती की ताकत और प्रतिबद्धता पर कभी संदेह नहीं किया और आपने हमारे गठजोड़ का लाभ देखा है. प्रधानमंत्री ने कहा ने कहा कि आपने जो देखा, उसके आधार पर हमें आंका है, दूसरों के कथन के आधार पर नहीं, चाहे वह बात रहस्यमयी भारतीय वाणिज्यि दूतावास के बारे में ही क्यों न हो. पाकिस्तान लम्बे समय से आरोप लगाता रहा है कि कंधार और जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के जरिये भारत उसके बलूचिस्तान प्रांत में समस्या पैदा करता है. आप जानते हैं कि भारत यहां योगदान करने के लिए है, प्रतिस्पर्धा करने के लिए नहीं, भविष्य का आधार रखने के लिए है, संघर्ष को बढाने के लिए नहीं. जीवन का पुनर्निमाण करने के लिए है, देश को बर्बाद करने के लिए नहीं.अफगानिस्तान में कई दशकों तक चली हिंसा का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि काबुल नदी में काफी खून बह गया है. पर्वतों की ढलानों पर कई त्रासदियां गहरी छाप छोड़ गई हैं.
काफी सपने तबाह हुए
उन्होंने यह भी कहा कि विवेकहीन संषर्घ की आग में काफी सपने तबाह हो गये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया से अफगानिस्तान को सहयोग देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हमें समयसीमा से उपर उठकर अफगानिरुतान का समर्थन करना चाहिए क्योंकि कट्टरपंथ के नये बादल मंडरा रहे हैं जबकि पुराने बादल हमारे आसमान पर गहरा रहे हैं क्योंकि अफगानिस्तान के लोग न केवल अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं बल्कि हम सभी दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए खडे हैं. उन्होंने कहा कि महान अफगानिस्तान के लोगों ने अदम्य साहस के साथ संघर्ष करते हुए और बंदूक एवं हिंसा से नहीं बल्कि वोट एवं चर्चा के जरिये अपने भविष्य को आकार देने का संकल्प लिया है.
एकजुट रहेंगे हम
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अफगानिस्तान के सभी लोगों, क्षेत्र केे सभी लोगों और शेष दुनिया के लिए साथ आने का समय है. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि अफगानिस्तान की सफलता के लिए उसके प्रत्येक पडोसी के समर्थन और सहयोग की जरुरत होगी. और इस क्षेत्र में हम सभी भारत, पाकिस्तान, ईरान एवं अन्य को विश्वास और सहयोग के साथ एकजुट होना चाहिए और हमारे साझा उद्देश्य और हमारी साझी नियति को समझना चाहिए. मोदी ने कहा कि जब अफगानिस्तान शांति का स्वर्ग और विचारों के प्रवाह और इस क्षेत्र में वाणिज्य, उर्जा एवं निवेश का केंद्र बनेगा, तब हम सब इससे समृद्ध होंगे. उन्होंने कहा कि ईरान के चाहबहार समेत समुद्र एवं जमीनी मार्ग से अफगानिस्तान के साथ सम्पर्क को बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं.
अफगानिस्तान में शानदार फल होते हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान और उससे आगे सेतु का काम करेगा. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वह दिन जल्द आयेगा जब मध्य एशिया की उर्जा हमारे क्षेत्र को समृद्ध बनायेगी. जब एक काबुलीवाला एक बार फिर आसानी से भारतीयों के दिलों को जीत सकेगा, जब हम भारत में अफगानिस्तान के शानदार फलों का स्वाद ले सकेंगे, जब अफगानिस्तान के लोगों को अपने पसंदीदा भारतीय उत्पाद खरीदने के लिए काफी धनराशि का भुगतान नहीं करना पडेगा. मोदी ने संसद में अपने संबोधिन में कहा कि अफगानिस्तान के प्रत्येक युवा को आईटी में अपना भविष्य देखना चाहिए और आईटी से आशय इंफार्मेशन टेक्नोलाजी से होना चाहिए, इंटरनेशनल टेररिज्म से नहीं. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिरगा की परंपरा में निष्ठा रखने वाले अफगानिस्तान ने चुनौतियों के बावजूद लोकतंत्र को चुना है. महान अफगानिस्तान के लोगों ने अदम्य साहस के साथ संघर्ष करते हुए और बंदूक एवं हिंसा से नहीं बल्कि वोट एवं चर्चा के जरिये अपने भविष्य को आकार देने का संकल्प लिया है.
शहीदों के प्रति आभार
उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान के असंख्य और अनाम लोगों को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने भविष्य के लिए अपनी कुर्बानी दी. उन्होंने उन अफगान लोगों की भी सराहना की जिन्होंने भारतीय हितों की रक्षा करने के लिए अपनी जान को खतरे में डाला. उन्होंने इस दौरान भारतीय राजनयिक, अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर और गर्व से सेवा देने वाले अन्य लोगों तथा भारतीय शहीदों के परिवारों के प्रति भी आभार व्यक्त किया. मोदी ने कहा कि संसद की नई इमारत हमारे संबंधों की भावना एवं मूल्यों, हमारे बीच के लगाव एवं आकांक्षाओं के अटूट प्रतीक के रुप में मौजूद रहेगी जो हमें विशेष संबंधों की डोर से बांधता है. उन्होंने कहा कि अटल ब्लाक हमें भावनात्मक रुप से जोड़ता है क्योंकि पश्तो में अटल का अर्थ नायक हीरो से है और हिन्दी में इसका अर्थ दृढता है. यह अफगानिस्तान और हमारी दोस्ती की भावना का प्रतीक हैं.
कृषि क्षेत्र में मदद कर रहा भारत
मोदी ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में कृषि और खनन क्षेत्र के पुनर्निमाण में मदद कर रहा है और काबुल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने कहा कि आप इतिहास के चौराहे पर खडे हैं और आपका इतिहास हमें बता रहा है कि आपने किसी को प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं बनने दिया या दूसरे के स्वार्थो की पूर्ति नहीं होने दी. उन्होंने कहा कि आपने कवि कुशाल खान खट्टक के उन विचारों को जिया कि राष्ट्र के सम्मान और राष्ट्र की कीर्ति सर्वोपरि है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में अपने पडोसियों के साथ शांति से रहने की बुद्धिमता है और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने का साहस भी है. उन्होंने कहा कि आप पख्तून, उज्बेक, ताजिक, हजारा कोई भी हो सकते हैं. आप मुस्लिम, हिन्दू, सिख हो सकते हैं.
शांतिपूर्ण तरीके से साथ रहने का समय
उन्होंने कहा कि आप गर्व के साथ अफगान है जो एक राष्ट्र एक व्यक्ति के साथ एकजुट हैं. आपने धर्म के नाम पर या अपनी पहचान के नाम पर लडाई की होगी लेकिन अफगानिस्तान के लोगों के लिए अब शांतिपूर्वक साथ रहने का समय है. मोदी ने कहा कि जो लोग बंदूक के जरिये क्षेत्र लेना चाहते हैं वे बैलेट के जरिये सत्ता मांगे. जिन लोगों ने घरों को तबाह किया है, वे अब राष्ट्र निर्माण करें. यह आपकी भूमि है और ये आपके लोग हैं. उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान के सभी लोगों, क्षेत्र के सभी लोगों और शेष दुनिया के लिए साथ आने का समय है. प्रधानमंत्री ने कहा कि बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए. उम्मीदें नहीं समाप्त होनी चाहिए. किसी लडकी को अंधकार में नहीं ढकेला जाना चाहिए , अवसरों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. किसी बेटे को बंदूक या दूसरी भूमि पर शरण लेने में से विकल्प को चुनने की स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए.
आगे का समय अफगानिस्तान का है
मोदी ने कहा कि किसी मां को भय के साये में बच्चों का पालन पोषण करने की स्थिति से नहीं गुजरना चाहिए, मस्जिद में नमाज पढते हुए धर्म के नाम पर किसी को नहीं मारा जाना चाहिए. किसी बुजुर्ग को उस स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए कि संघर्ष में उसका युवा जान गवां रहा हो.’ उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का वादा और भविष्य दुनिया में किसी अन्य के समान अफगानिस्तान के युवाओं का है. भारत के लिए यह गहरी प्रतिबद्धता है, आपकी ताकत हमारा भरोसा है, आपका साहस हमारी प्रेरणा है और इस सबसे उपर आपकी मित्रता हमारा सम्मान है. मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अफगानिस्तान के घरों में उम्मीद लौटेंगी, स्कूल में हंसी गूंजेगी, गलियों में रौनक लौटेगी, शहरों में समृद्धि आयेगी, समाज में एकता होगी और अफगानिस्तान में अमन चैन कायम होगा.