प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अफ़ग़ानिस्तान के नए संसद भवन का उद्घाटन किया, जिसका निर्माण भारत ने करवाया है.
उद्घाटन के बाद उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अफ़ग़ानिस्तान के लोकतंत्र के विकास की दिशा में एक छोटा सा सहयोग है.
मोदी का कहना था, ”अफ़ग़ानिस्तान में विकास तभी होगा, जब सीमा पार से चरमपंथ नहीं फलेगा-फूलेगा. ऐसा तभी होगा जब चरमपंथ की नर्सरियों और शरणस्थलियों को बंद किया जाएगा.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में भारत की मौज़ूदगी उसके सहयोग और पुनर्निर्माण के लिए है न कि विनाश के लिए.
प्रधानमंत्री ने अफ़ग़ान सुरक्षा बलों के शहीदों के 500 बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ान युवाओं को पहले से मिल रहा वज़ीफ़ा जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि भारत अफ़ग़ान युवाओं को कई तरह के प्रशिक्षण देगा और मेडिकल, सैटेलाइट और सुरक्षा के क्षेत्र में अफ़ग़ानिस्तान की मदद करेगा.
जब अफ़गान लोग अपने भविष्य की ज़िम्मेदारी लेंगे तो दुनिया को एकजुटता और समर्थन के लिए उनके साथ खड़ा होना होगा.
उन्होंने कहा कि हमें यह जानकर खुशी हुई कि संसद भवन का नाम अटल ब्लॉक रखा गया है.
उन्होंने कहा कि 11 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने करज़ई साहब के साथ इस परियोजना का सपना देखा था और उद्घाटन के लिए अटल जी के जन्मदिन से अच्छा दिन नहीं चुन सकते थे.
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