गुरुआ: गुरुआ थाने के चई की रहनेवाली विधवा रीता देवी का परिवार इन दिनों दाने-दाने को मोहताज है. उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. रीता के कंधे पर उनकी विधवा सास मालती देवी सहित दो बेटी व एक बेटे के भरण-पोषण की जिम्मेवारी आ गयी है. ऐसी स्थिति में अब रीता की आंखों के सामने अंधेरा छा गया है.
उसे यह समझ में ही नहीं आ रहा है कि वह अपने पति के वियोग के साथ-साथ परिवार के चार सदस्यों का भरण पोषण कैसे करे. कुछ माह पहले तक रीता का आंगन खुशियों से भरा था. उसके पति राजेश पंजाब के पाटियाला जिले के समाना शहर स्थित महिंद्रा फैक्टरी में चौकीदार के पद पर कई वर्षों से कामकाज कर रहे थे. राजेश को जितना वेतन मिलता था, उसी से वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था. लेकिन, ना जाने इस हंसते-खेलते परिवार को किसकी नजर लग गयी.
राज्य सरकार के साथ-साथ गृहमंत्री से भी लगायी मदद की गुहार: राजेश की हत्या के बाद उनके परिजनों के सामने आयी विपत्ति को देख उनके मामा (डेल्हा थाने के खरखुरा-भलुआही के रहनेवाले) रामनंदन प्रसाद ने मगध आयुक्त सहित गया के डीएम व एसएसपी, मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री को आवेदन भेजा है और मदद की गुहार लगायी है. रामनंदन प्रसाद ने बताया कि सरकार राजेश की विधवा को कोई ऐसा रोजगार मुहैया करा दे, जिससे वह अपनी सास व बच्चों का भरण-पोषण कर सके. उनकी दो बेटियां हैं. दोनों बेटियों की शादी की जिम्मेवारी उनके कंधों पर है. साथ ही उन्होंने सरकार से डिमांड की है कि पंजाब सरकार से संपर्क स्थापित कर राजेश हत्याकांड से जुड़े हर पहलू का खुलासा कराये और उसमें शामिल सभी अपराधियों की गिरफ्तारी हो. साथ ही उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाये.
ड्यूटी के दौरान चोरों ने कर दी थी हत्या
पांच नवंबर की रात फैक्टरी में चोरी के लिए पहुंचे एक गिरोह ने राजेश के साथ-साथ उसके नेपाल के साथी सुनील बहादुर की हत्या कर शव को बोरा में बंद कर एक नहर में फेंक दिया था. इस मामले में फैक्टरी के मालिक महेंद्र अहूजा ने पाटियाला जिले के सामना थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी. छानबीन के दौरान इस मामले में सामना थाने की पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार किया. अपराधियों ने ही पुलिस के सामने स्वीकार किया कि फैक्टरी में चोरी करते वक्त चौकीदार राजेश व उसके साथी ने पकड़ लिया था. इसके बाद दोनों की हत्या कर शव को बोरे में बंद कर सामना शहर स्थित भाखड़ा नहर में फेंक दिया था. इस वारदात में शामिल कुछ अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं और कुछ अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. लेकिन, राजेश की हत्या के बाद सबसे बड़ी आफत उनके परिवारों पर टूट पड़ी है. उनके परिजन दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं.