गुवाहाटी : उल्फा महासचिव गोलप बरुआ उर्फ अनुप चेतिया को उसके खिलाफ दर्ज चार मामलों में जमानत मिल जाने के बाद गुवाहाटी जेल से आज रिहा कर दिया गया. चेतिया को कल इन मामलों में जमानत मिली थी जिससे जेल से उसकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ था.जेल से निकलते हुए उल्फा नेता ने पत्रकारों से कहा कि वह शांति वार्ता में हिस्सा लेगा. वह असम में शांति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार एवं उल्फा के बीच चल रही वार्ता के पक्ष में है.
उसने कहा कि कई वर्गों को संदेह था कि 1992 की तरह हम सरकार के साथ वार्ता जारी नहीं रखेंगे. लेकिन मैं ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि राजनीतिक वक्त आज बदल गया है और उसने हमें फिर से सोचने को बाध्य किया है. उसने कहा कि मैं इस उग्रवाद के मुद्दे के हल के लिए उल्फा, केंद्र सरकार और असम सरकार के बीच चल रही त्रिपक्षीय वार्ता का हिस्सा होउंगा. शांति वार्ता में अपने पूर्व साथी और अब उल्फा :स्वतंत्र: कमांडर इन चीफ परेश बरुआ की भूमिका पर चेतिया ने कहा कि पिछले तीन दशक के दौरान हमारी क्रांति को आगे ले जाने में परेश बरुआ के योगदान को स्वीकार किया जाना है.
यह निराशाजनक है कि वह शांति वार्ता का हिस्सा नहीं है. ग्यारह नवंबर को प्रत्यर्पण के बाद चेतिया को दिल्ली में सीबीआई ने गोलाघाट के एक हत्या मामले में गिरफ्तार किया था। उसे बांग्लादेश ने भारत को सौंपा दिया. उसे सीमापार घुसपैठ, नकली पासपोर्ट रखने तथा अवैध रुप से विदेशी मुद्रा रखने को लेकर बांग्लादेश पुलिस ने 1997 में गिरफ्तार किया था.