2004 के बाद से कच्चे तेल के दाम सोमवार को सबसे नीचे गिरे. ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 36.05 डॉलर प्रति बैरल हो गई है जो जुलाई 2004 के बाद से सबसे कम है.
हालांकि कुछ देर बाद इसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ और यह 36.56 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचा. वैश्विक रूप से तेल के अधिक उत्पादन की वजह से ऐसा हुआ है.
एक साल पहले तक ब्रेंट के कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल थी. वहीं जून 2014 में इसकी कीमत 115 डॉलर प्रति बैरल थी.
विशेषज्ञों का कहना है कि अमरीका और रूस का कच्चा तेल बाज़ार में लगातार पहुंच रहा है. ऐसे में तेल की गिरती कीमतों में निकट भविष्य में कोई बदलाव नहीं आने वाला.
वहीं 2016 में ईरान से भी प्रतिबंध हट जाएगा जिसके बाद वो भी तेल की उत्पादन शुरू कर देगा.
नवंबर में ओपेक के 12 सदस्य देश इस बात पर राज़ी हुए थे कि तीन करोड़ बैरल प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन किया जाएगा.
वहीं ब्रिटेन में गिरती कीमतों की वजह से 2009 के बाद से पेट्रोल एक पाउंड प्रति लीटर के हिसाब से बिका है.
वहीं तेल कंपनियों ने ख़ुद को नुकसान से बचाने के लिए निवेश और खोज में कटौती शुरू की है.
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