सरकार बिजली दरों में वृद्धि करने का प्रस्ताव वापस ले : डाॅ प्रेम कुमारपटना. विधानसभा में विपक्ष के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विद्युत उपभोक्ताओं पर बिजली दरों पर 9 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देने का काम करें. नीतीश सरकार में लगातार विद्युत उपभोक्ताओं पर बिजली दरों के बढ़ने का बोझ लादा जा रहा है. भाजपा इस प्रस्ताव का विरोध करेगी. बिहार में आज भी उत्तराखंड व झारखंड से अधिक अधितम विद्युत दर उपभोक्ताओं से ली जा रही हैं. बिहार में अधिकतम विद्युत दर 5.45 रुपये हैं, जबकि उत्तराखंड में 3.50 रुपये व झारखंड में तीन रुपये अधिकतम बिजली दर हैं. वित्तीय वर्ष 2016–17 के लिए सूबे में 9 फीसदी बिजली दरों में वृद्धि करने का प्रस्ताव से राज्य की जनता पर महंगाई की मार और ज्यादा ही पड़ेगी. राज्य में प्रति व्यक्ति आय 9 से 11 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय स्तर पर कम है. पांच सालों से लगातार बिजली दरों में वृद्धि सूबे के अंदर हो रहीं हैं, जिससे विद्युत उपभोक्ताओं के ऊपर अतिरिक्त बोझ बढ़ता जा रहा है. साल 2011–12 में 19 प्रतिशत, साल 2012–13 में 12.10 प्रतिशत, साल –2013–14 मे 6.90 प्रतिशत और साल 2014–15 में 2.42 प्रतिशत की दरों से बिजली दरों में वृद्धि की गयीं. डा. कुमार ने सरकार से कहा कि प्रस्तावित बिजली दरों को बढ़ाया गया तो भाजपा इसका कड़ा विरोध करेगी और लगातार विरोध करती रहेंगी, जब तक सरकार उनकी मांग को नहीं मान लेती है.
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सरकार बिजली दरों में वृद्धि करने का प्रस्ताव वापस ले : डॉ प्रेम कुमार
सरकार बिजली दरों में वृद्धि करने का प्रस्ताव वापस ले : डाॅ प्रेम कुमारपटना. विधानसभा में विपक्ष के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विद्युत उपभोक्ताओं पर बिजली दरों पर 9 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देने का काम करें. नीतीश सरकार में […]
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