27 को चालू करना है एसएनसीयू, पर कैसे ?यूनिट के लिए बने भवन को एजेंसी ने नहीं किया हैंडओवर स्टाफ की नियुक्ति के लिए नहीं हुई कोई पहल साजो-सामान का भी है आभाव केंद्र सरकार के दबाव में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने 27 को हर हाल में यूनिट को चालू करने का दिया आदेशप्रभात खबर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम का बंद पड़े एससीएनयू की ओर दिलाया था ध्यानसंवाददाता, गयाराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्वस्थ नवजात शिशुओं को समुचित चिकित्सा मुहैया कराने के लिए हर जिले में एक-एक सीक न्यूबाॅर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू) की स्थापना की गयी है, ताकि शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके. गया में यह प्रभावती अस्पताल परिसर में है. इसे 2012 में ही चालू होना था, लेकिन अब तक चालू नहीं हो सका. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम गत 13 सितंबर को तीन दिवसीय दौरे पर गया आयी थी. तब, 14 सितंबर के अंक में प्रभात खबर ने ‘चालू नहीं हो सका जिले का एसएनसीयू’ शीर्षक से मुद्दा उठा कर टीम का ध्यान दिलाया था. बताया जाता है कि टीम की जांच रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लंबित सभी योजनाओं को अविलंब चालू करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया गया है, अन्यथा केंद्रीय सहायता रोकने की चेतावनी दी गयी है. उल्लेखनीय है कि विश्व में 3.1 लाख नवजात शिशुओं की मौत चार सप्ताह की उम्र में ही हो जाती है. इसमें अकेले 30 फीसदी बच्चे हमारे देश के हैं. इसी को ध्यान में रख कर हर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एसएनसीयू की स्थापना की गयी है, जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ व पारा मेडिकल स्टाफ की समुचित देखरेख में नवजात बच्चों को गरमी व श्वास जैसी बुनियादी सुविधाएं व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जानी हैं.शिशु मृत्युदर कम करने की कवायदनवजात को संक्रमण से बचाव के लिए भी एसएनसीयू में विशेष प्रबंध का प्रावधान है, ताकि नवजात की मृत्यु दर को कुछ हद तक कम किया जा सके. लेकिन, अभी स्थिति है कि अब तक एसएनसीयू चालू नहीं किया जा सका है. गुरुवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की प्रमंडलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति (एसएचएसी) के कार्यपालक निदेशक जितेंद्र श्रीवास्तव ने 27 दिसंबर तक हर हाल में एससीएनयू का उद्घाटन करने का आदेश दिया है. उन्होंने शिशु रोग विशेषज्ञ भी मुहैया कराने का भरोसा दिया है. मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय अपर निदेशक,स्वास्थ्य(आरएडीएच), क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, प्रभावती अस्पताल के अधीक्षक के अलावा संबंधित अन्य अधिकारी एसएनसीयू के उद्घाटन की तैयारी में जुटे हैं. यह सोच-सोच कर सभी को पसीना आ रहा है कि आखिर कैसे 27 दिसंबर को उद्घाटन हो सकेगा. हालांकि इसमें उनका सहयोग यूनिसेफ व डब्लूएचओ के अधिकारी भी कर रहे हैं. भवन बन कर कब का तैयार है, लेकिन एजेंसी द्वारा अब तक हैंडओवर नहीं किया गया है. एसएनसीयू में तीन शिशुरोग विशेषज्ञों के अलावा पारा मेडिकल स्टाफ के पद भी स्वीकृत हैं, इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुइ है. यूनिट में साजो-सामान भी पर्याप्त नहीं हैं.
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27 को चालू करना है एसएनसीयू, पर कैसे ?
27 को चालू करना है एसएनसीयू, पर कैसे ?यूनिट के लिए बने भवन को एजेंसी ने नहीं किया हैंडओवर स्टाफ की नियुक्ति के लिए नहीं हुई कोई पहल साजो-सामान का भी है आभाव केंद्र सरकार के दबाव में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने 27 को हर हाल में यूनिट को चालू करने का […]
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