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दिन तो मिलते हैं, लेकिन रात कहां से लाओगे…, फोटो विमोचन नाम से

दिन तो मिलते हैं, लेकिन रात कहां से लाओगे…, फोटो विमोचन नाम से फ्लैग ::: खुर्शीद अजहर के काव्य संग्रह का हुआ विमोचन, मुशायरे का आयोजन- शायकीन ए अदब ने आयोजित किया समारोहजमशेदपुर. साहित्यिक संस्था ‘शायकीन ए अदब’ के तत्वावधान में मानगो मदरसा दारुस्सलाम के प्रांगण में शहर के शायर खुर्शीद अजहर के पहले काव्य […]

दिन तो मिलते हैं, लेकिन रात कहां से लाओगे…, फोटो विमोचन नाम से फ्लैग ::: खुर्शीद अजहर के काव्य संग्रह का हुआ विमोचन, मुशायरे का आयोजन- शायकीन ए अदब ने आयोजित किया समारोहजमशेदपुर. साहित्यिक संस्था ‘शायकीन ए अदब’ के तत्वावधान में मानगो मदरसा दारुस्सलाम के प्रांगण में शहर के शायर खुर्शीद अजहर के पहले काव्य संग्रह ‘बिसात ए जिंदगी’ का विमोचन हुआ. मौके पर मुख्य अतिथि, करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मो जकरिया व मुख्य वक्ता प्रो रिजवान वास्ती एवं प्रो अहमद बद्र मौजूद रहे. डॉ जकरिया ने कहा कि बिसात ए जिंदगी खुर्शीद अजहर की साहित्यिक यात्रा का पहला पड़ाव नहीं, बल्कि टेकऑफ की तरह है, जहां से उनके पर नयी ऊंचाइयों को छूने के लिए फड़फड़ाना शुरू कर रहे हैं. इससे पूर्व प्रो बद्र एवं प्रो वास्ती ने काव्य संग्रह के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये. अध्यक्षीय भाषण में अशरफ अली अशरफ ने कहा कि संस्था का मकसद रचनाकारों का उत्साह वर्धन करना है और यह आयोजन इसी की एक कड़ी है. पुस्तक विमोचन के बाद मुशायरे हुआ, जिसमें एम जेड फाहम, खुर्शीद अजहर, अशरफ अली अशरफ, जीडी अहमद, नजीर अहमद, उदय प्रताप हयात, प्रो गौहर अजीज, असर भागलपुरी, मुश्ताक अहजन, नूरुज्जमा खान आमिल, महशर हबीबी, जमील मजहर, अहमद बद्र, रिजवान वास्ती, सईद अहसन आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं.मुशायरे में पेश की गयी मुख्य रचनायेंदिन तो मिलते हैं, लेकिन रात कहां से लाअोगे- एमजेड फहामजेब है खाली तो बाजार में आते क्यों हो- अशरफ अली अशरफसियासत आदमी को चैन से जीने नहीं देती है.- मो गौहर अजीजलोग जितने बेखबर होने लगे हैं, दूसरों पर महंसर होने लगे हैं- अहमद ब्रद

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