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छह माह में मुक्त कराये गये 44 बाल श्रमिक

छह माह में मुक्त कराये गये 44 बाल श्रमिक विभिन्न स्थानों से 12 तस्कर भी पकड़े गये एसएसबी की 51 वीं वाहिनी की उपलब्धि सीतामढ़ी. भारत- नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी जवान सीमा क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा करने के साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं. सामाजिक गतिविधियों से भी एसएसबी […]

छह माह में मुक्त कराये गये 44 बाल श्रमिक विभिन्न स्थानों से 12 तस्कर भी पकड़े गये एसएसबी की 51 वीं वाहिनी की उपलब्धि सीतामढ़ी. भारत- नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी जवान सीमा क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा करने के साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं. सामाजिक गतिविधियों से भी एसएसबी का जुड़ाव रहा है. बॉर्डर पर तस्करी को रोकने के लिए एसएसबी जवान को जवाबदेह बनाया गया है. बावजूद जवानों की चूक के चलते तस्करों की चांदी कट रही है. यह बात विभागीय अधिकारी भी मानते हैं और कहते हैं कि जवानों को बॉर्डर पर और पैनी नजर रखने की जरूरत है. इस बीच, जून 15 से दिसंबर 15 तक एसएसबी की 51 वीं वाहिनी के जवानों की चौकसी से 44 बच्चे बाल श्रमिक बनने से बच गये. इन बच्चों को तस्करों से मुक्त कराने के साथ ही 12 तस्कर को भी पकड़ा गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया. तिथिवार उपलब्धि एक जून 15 को भिट्ठामोड़ में एक महिला तस्कर को पकड़ने के साथ ही उसके कब्जे से एक बच्ची को मुक्त कराया गया था. महिला तस्कर पिंकी देवी नेपाल के महोतरी जिला की थी. उसे एक बस से बरामद किया गया था. 18 जून 15 को सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से तीन तस्कर व चार बच्चे पकड़े गये थे. 18 जुलाइ 15 को नगर के आजाद चौक के समीप एक बस से तीन बच्चों को बरामद किया गया था. एक बिचौलिया भी पकड़ा गया था. बच्चों को लुधियाना ले जाया जा रहा था. 19 अगस्त 15 को बाइपास बस स्टैंड से तपेश्वर राय नामक एक बिचौलिया के कब्जे से छह बच्चों को मुक्त कराया गया था. बिचौलिया भी पकड़ लिया गया था. 27 अगस्त को रेलवे स्टेशन से एक बिचौलिया से पांच बच्चों को मुक्त कराया गया था. बिचौलिया सुबोध कुमार परसौनी गांव का रहने वाला था. 27 सितंबर 15 को सीतामढ़ी स्टेशन पर ही नेपाल के 11 बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के साथ ही बिचौलिया वीरेंद्र कापड़, रतन मांझी व हीरालाल पटेल को गिरफ्त में ले लिया गया था. 19 नवंबर को स्टेशन से ही चार बच्चों को मुक्त कराने के साथ ही बिचौलिया मो. वशीम अख्तर व मो. इश्तेयाक को पकड़ा गया था. 28 नवंबर 15 को शहर के कारगिल चौक से बिचौलिया सुशील कुमार को पकड़ने के साथ ही उसके कब्जे से पांच बच्चों को मुक्त कराया गया था. तीन दिसंबर 15 को एक बार फिर रेलवे स्टेशन से पांच बच्चे मुक्त कराये गये थे और अरविंद कुमार, शिवनाथ कापड़ व विनोद कुमार नामक बिचौलिया को पकड़ा गया था.

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