24 दिसंबर को रवायती ढंग से निकलने वाले जुलूस ए मोहम्मदी हमें हुजूरी की आमद और उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है. पैगम्बर ए इसलाम की दुनिया में आमद से पहले जहालत कायम थी. हर तरफ जुल्म व नाइंसाफी का माहौल था. पैगंबर सअ. के जाहिरी दुनिया में तशरीफ लाने के बाद आप अपने व्यक्तित्व, बुलंद किरदार, व्यवहार से आलम ए इनसानियत को पैगाम दिया कि अच्छे व्यवहार और किरदार से लोगों का दिल जीता जा सकता है.
रविवार काे जुगसलाई में अशीकान ए रसूल कमेटी आैर कादरी मसजिद कमेटी की ओर से आयोजित होने शान ए रिसालत कांफ्रेंस का आयाेजन मसजिद प्रांगण किया गया था. पेश ए इमाम व खतीब कादरी मसजिद काजी मुश्ताक अहमद के तिलावत ए कुरान ए पाक से शान ए रिसालत कांफ्रेंस का आगाज किया गया. कार्यक्रम में हाजी मोहम्मद इसहाक, अब्दुल वाहाब, अबरार आलम, इम्तियाज हुसैन, अजमल कादरी, मोहम्मद मेराज अशरफ, मोहम्मद सादिक खान, इमरान वारसी, शहंशाह वारसी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. कांफ्रेंस इजतेमाई दुआ के साथ देर रात संपन्न हुआ.