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… जो चल बसे फिर अपना सलामे आखिरमुहर्रम के अंतिम दिन शिया समुदाय ने निकाला अमारी का जुलूसगमगीन माहौल में निकला गया झूला वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरजीये तो अगले बरस, फिर ये गम है और हम हैं, जो चल बसे फिर अपना सलामे आखिर. नोहाखानी के इस बोल के साथ शिया समुदाय के लोगों ने अंतिम […]

… जो चल बसे फिर अपना सलामे आखिरमुहर्रम के अंतिम दिन शिया समुदाय ने निकाला अमारी का जुलूसगमगीन माहौल में निकला गया झूला वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरजीये तो अगले बरस, फिर ये गम है और हम हैं, जो चल बसे फिर अपना सलामे आखिर. नोहाखानी के इस बोल के साथ शिया समुदाय के लोगों ने अंतिम मुहर्रम को अलविदा कहा. इससे पूर्व कमरा मुहल्ला स्थित इमामबाड़ा से गमगीन माहौल में अमारी का जुलूस निकाला गया. मौके पर मजलिस को खिताब फरमाते हुए मौ सैयद इंतेसार मेंहदी ने कहा कि करबला की जंग हक व बातिल की थी. यजीद ने 10 मुहर्रम को इमाम, उनके बेटे, भाई व 72 साथियों को करबला में शहीद कर दिया. 11 मुहर्रम को इमाम के घरवाले को कैद कर साम ले जाया गया. वहां उन लोगों को जिंदाने में कैद कर लिया गया. इमाम की चार साल की बेटी सकीना ने कैद में ही दम तोड़ दिया. मौला सैयदे सज्जाद ने जिंदान में ही उनकी कब्र बनायी. तीन साल के बाद सभी को छोड़ दिया गया. इसके बाद इमाम की बहन जनाबे जैगम ने करबला जाकर इमाम का चेहल्लुम मनाया. इसके बाद इमाम का लूटा काफिला मदीना पहुंचा. सैयद सज्जाद ने काफिले को बाहर ही रुकवा दिया व बशीर को बुला कर अलम दिया व कहा कि ऐलान कर दो कि इमाम का काफिला मदीना आया है. मौके पर सैयद मो काजिम शबीब, कोलकाता से आये मौ जकी हसन जाफरी, मौ ताहिर हुसैन, जनाब गुलाम सरवर ने भी तकरीर किया. नोहाखानी के साथ बढ़ा जुलूस का कारवांकमरा मुहल्ला से निकले जुलूस में सैकड़ों लोग काले पोशाक में अलम लेकर चल रहे थे. सबसे आगे तीन ऊंट चल रहे थे. गमजदा लोग मातम करते व नोहाखानी करते चल रहे थे. आयोजन में अम्मन जाफरी, असद रिजवी व अब्बास यावर नोहाखानी कर रहे थे. जुलूस में अली असगर का झूला, इमाम हसन असगरी का ताबूत व हजरते अब्बास का अलम मुबारक शामिल था. यह जुलूस गोला रोड स्थित छोटी करबला तक पहुंचा. मजलिस के बाद ताबूते इमाम बरामदजुलूस के बाद दाउदपुर स्थित दरगाहे हजरत इमामे हुसैन पर मजलिस का आयोजन किया गया. मजलिस को खिताब मौ इंतेसार मेंहदी ने फरमाया. मौके पर कमरा मुहल्ला का अंजुमने जाफरिया, पैगंबरपुर के अंजुमने मासूमिया ने नोहाखानी की. इसी के साथ दो माह आठ दिन से चल रहा मुहर्रम का समापन हो गया. शाम ढलते ही लोगों ने अपने घरों से काला निशान हटाया. महिलाओं ने चूड़ियां पहनी व गम का अंतराल समाप्त हुआ.हसनचक बंगरा में शबेदारी हसनचक बंगरा के इमामबाड़े में शबेदारी का आयोजन किया गया. मौके पर अंजुमने हाशमिया ने नोहाखानी की. मुहर्रम को शांतिपूर्वक आयोजन के लिए सैयद जैगम अली ने जिला प्रशासन का धन्यवाद किया. आज सजेगी जश्न-ए-जोहरा की महफिलदो महीना आठ दिन का मुहर्रम समाप्त होने के बाद आज कमरा मुहल्ला में जश्न-ए-जोहरा की महफिल सजेगी. मौके पर लोगों के चेहरे से गम समाप्त हो जायेगा. शिया समुदाय में शादियां शुरू हो जायेगी. खुशियां वाले कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

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