धनबाद : धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने यहां के पुलिस अधीक्षक राकेश बंसल, डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) डीएन बंका एवं केंदुआडीह थाना प्रभारी विजय रंजन कुमार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
उन्होंने विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव को लिखित रूप से नोटिस देते हुए इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने का आग्रह किया है. विधायक श्री सिन्हा ने यहां के पुलिस अधिकारियों पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने, जानबूझ कर अपमानित करने का आरोप लगाया है.
कहा कि गोधर काली बस्ती में एक बच्चे की कथित रूप से पुलिस पिटाई से हुए मौत मामले में एफआइआर कराने चार अक्तूबर को केंदुआडीह थाना गये. लगभग तीन घंटे तक थाना परिसर के बरामदा में बैठे रहे. लेकिन, पुलिस अधिकारियों ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की.
थाना प्रभारी दो बार थाना परिसर में आये. डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) भी आये. लेकिन, इन अधिकारियों ने भी विधायक को नजरअंदाज किया. एसपी का रवैया भी नकारात्मक रहा. फोन करने पर एसपी सही तरीके से बात तक नहीं करते. स्पीकर ने आवेदन को स्वीकार कर लिया है.
क्या है मामला
तीन अक्तूबर की आधी रात के बाद केंदुआडीह पुलिस ने गोधर काली बस्ती में अमरजीत राम की गिरफ्तारी के लिए छापमारी की थी. श्री राम की पत्नी कल्पना देवी का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की.
उनकी गोद से नौ दिन के बच्चे को छीन कर जमीन पर पटक दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गयी. चार अक्तूबर को इस मामले को ले कर सांसद पीएन सिंह एवं विधायक राज सिन्हा घटनास्थल पहुंचे थे.
बाद में विधायक कल्पना देवी एवं अन्य लोगों के साथ केंदुआडीह थाना गये. लेकिन, वहां पुलिस वाले तीन घंटे तक एफआइआर का आवेदन लेने से मना करते रहे. बाद में रांची के हस्तक्षेप पर मामला दर्ज हुआ.
डीआइजी ने की जांच
कल्पना देवी ने एक दिसंबर को सीएम के सामने जन संवाद में इस मामले को उठाया था. कहा था कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा. सीएम ने पूरे मामले की जांच डीआइजी से कराने का आदेश दिया था. सीएम के निर्देश पर कोयला क्षेत्र के डीआइजी शंभु ठाकुर चार दिसंबर को गोधर काली बस्ती जा कर मामले की जांच की.
डीआइजी ने कहा था कि प्रथम दृष्टया पुलिस पर महिला द्वारा लगाये गये आरोप सही नहीं लगता. इस मामले में पुलिस का कहना है कि बच्चा बीमार था. एक दिन पहले ही पीएमसीएच से रिलीज हुआ था.