नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता आनंद शर्मा नेशनिवारको कहा कि अगर ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी धरती पर उतर आएं तो भी जीएसटी लागू करने की एक अप्रैल की समय सीमा पूरी नहीं होगी क्योंकि सरकार ने अप्रत्यक्ष कर की नयी व्यवस्था के लिए अभी तक प्रारंभिक कार्य नहीं किया है. उन्होंने उद्योग संस्था फिक्की की एजीएम में कहा, अगर प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता साथ हो जाएं और हम सब ओवरटाइम करें, तो भी तथाकथित एक अप्रैल 2016 की समय सीमा हासिल नहीं होगी.
आनंद शर्मा ने कहा, अपनी पौराणिक कथा में हम ब्रह्मा, विष्णु और महेश की बातें करते हैं. यहां तक कि अगर तीनों देवता एक साथ भी आ जाएं तो भी हमें 50 प्रतिशत राज्यों के अनुमोदन की जरुरत होगी, तीन और कानून राज्य जीएसटी, केंद्रीय जीएसटी और अंतरराज्यीय जीएसटी (आईजीएसटी) को लागू करना होगा. गौरतलब है कि जीएसटी को लागू करने वाला संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा में अटक गया है जहां सत्तारुढ राजग बहुमत में नहीं है. इस विधेयक का कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है.
राज्य सभा में विपक्ष के उप नेता शर्मा ने कहा, यह संविधान संशोधन इस विधेयक को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. यहां तक कि इसे अगर इसे कल पारित करना है तो इसका अनुमोदन 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं से कराना होगा. इसके बाद ही वास्तविक विधेयक आ पाएगा. जीएसटी के लिए तीन विधेयकों केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और आईजीएसटी को लागू करना होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन से ध्यान हटाकर सिर्फ एक जीएसटी पर ध्यान बंटाने की कोशिश कर रही है.
शर्मा ने कहा, हम जीएसटी तैयार करने वाले वास्तविक लोग नहीं हैं और हमने कुछ बहुत वास्तविक चिंताएं रखी हैं. विपक्ष इस पर सरकार के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है. देश के पास एक जीएसटी होगा और उस बारे में कोई शक नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतियों की महज ‘रिब्रांडिंग और रिपैकेजिंग’ करने से अर्थव्यवस्था को मदद नहीं मिलेगी जो फिलहाल तड़तड़ा रही है.
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