वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन, भारत जैसे बड़े उभरते देशों को साथ कर ऐतिहासिक पेरिस समझौते को संभव बनाने को लेकर अमेरिकी नेतृत्व की सराहना की है. उन्होंने इस साल की अपनी सफलताओं में इसे शुमार करते हुए यह बात कही. ओबामा ने कहा कि इससे यह जाहिर हो गया है कि अमेरिका जब नेतृत्व करता है तो क्या कुछ संभव है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में कल साल के आखिर में आयोजित किए जाने वाले संवाददाता सम्मेलन में कहा, पिछले हफ्ते पेरिस में करीब 200 राष्ट्रों ने एक ऐतिहासिक समझौता किया, जो अमेरिकी नेतृत्व के चलते ही संभव हुआ. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने चीन, भारत, ब्राजील और अन्य बड़े उभरते देशों तथा यूरोपीय देशों के साथ काम कर इसे किया. ओबामा ने कहा कि जब वह कोपेनहेगन गये, तब वह 24 घंटों की कूटनीति में लग गये जिसका मूल सिद्धांत यह था कि इस समस्या को सुलझाने के दौरान विकसित और विकासशील देशों के बीच कोई अडियल विभाजन न हो.
आेबामाने कहा कि यह अमेरिकी नेतृत्व के बगैर संभव नहीं होता और यही बात ईरान परमाणु करार के लिए भी सच है. यही बात ‘ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप’ (टीपीपी) बनाने और ईबोला महामारी को रोकने के बारे में भी सच है. उन्होंने आईएसआईएस के खिलाफ मिली सफलता से लेकर क्यूबा के साथ संबंधों में मिली सफलता को गिनाते हुए कहा कि इस साल आपने सचमुच में कई पहलों पर क्रमिक और निरंतर नेतृत्व देखा जिसे मैंने राष्ट्रपति का पदभार संभालने पर शुरू किया था. ओबामा ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ सफलता मिलने का दावा करते हुए कहा कि इस आतंकवादी संगठन ने इराक में अपने कब्जे वाले करीब 40 फीसदी आबादी वाले क्षेत्र को खो दिया है. साथ ही सीरिया में भी इसने इलाका गंवाया है.