मधुबन : बउआ सब अब केकरा सहारे जीतई हो भगवान यह कह कर मृतक विनोद की पत्नी धहाड़ मार कर घटना स्थल लोगों को रुकने पर विवश कर दे रही थी.करीब दो साल का एक मासूम बेटा उसके गोद में था.जो लोगों को केवल देख रहा था.
उसे क्या पता कि अब उसके सर से पिता का साया उठ चुका है.जो उसके लिए प्रतिदिन चॉकलेट लाता था.वह अब इस दुनिया में नहीं है. पत्नी बार-बार कह रही थी इ केकर का बिगड़ले रहन जे इनका के मार देलक. कौनो के पैसा के जरूरी रहे त कह इत त हम जान बेच के पैसा देती.
घटना स्थल पर मृतक की चार बेटिं गूंजा, प्रीतम,मुनिका व माही जो सभी नादान है.उनके आंखों से आंसू के धार थमने का नाम नहीं ले रहा था. जो अपनी मां ममता देवी के पास खड़ी थी.वही मृतक की मां आशा देवी देवी भी पुत्र वियोग के मारे धहाड़ मार रही थी.
जिन्हें चुप कराने वाली महिलाएं भी अपनी आंसू रोक नहीं पा रही थी.एक तरफ उसका बढा पिता जवान बेटे के खोने के गम में बेसुध व बदहवास था.
जिसका साथ निभाने वाला एक भाई विनय की भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था. जो विनोद के साथ ही सैलून के काम हाथ बंटाता था.परिवार का सबसे कमाउ सदस्य बिनोद ही था. जिसका संसार बसने के पहले ही उजर सा गया है. वहीं हत्या का कारण जो भी एक हंसता खेलता परिवार असमय ही उजड़ गया.
मधुबन से भी पहुंचे दर्जनों लोग विनोद की मृदभाषिता के कायल थे.जो एक ही बात कह रहे थे कि विनोद ने किसका क्या बिगाड़ा था.जो उसे मौत के घाट उतारा है.