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भदोही का कालीन, तो असम के बेंत के आइटम हैं खास

भदोही का कालीन, तो असम के बेंत के आइटम हैं खासलाइफ रिपोर्टर पटना राजस्थान की ड्रेस हो, असम के बेंत के आइटम या फिर भदोई की कालीन, इन सभी चीजों को खरीदने के लिए राजस्थान, असम या फिर भदोही (यूपी) जाने की जरूरत नहीं है. दूसरे राज्यों की ये सारी प्रसिद्ध चीजें पटना के गांधी […]

भदोही का कालीन, तो असम के बेंत के आइटम हैं खासलाइफ रिपोर्टर पटना राजस्थान की ड्रेस हो, असम के बेंत के आइटम या फिर भदोई की कालीन, इन सभी चीजों को खरीदने के लिए राजस्थान, असम या फिर भदोही (यूपी) जाने की जरूरत नहीं है. दूसरे राज्यों की ये सारी प्रसिद्ध चीजें पटना के गांधी मैदान में ही मिल रही हैं. यहां इन दिनों हस्तकरघा एवं सिल्क वस्त्रों की बिक्री सह प्रदर्शनी नेशनल हैंण्डलूम एक्सपो 2015-16 आयोजित किया गया है. इसमें हस्तकला के शौकीन लोगों की भीड़ बढ़ते जा रही है. यह प्रदर्शनी सह एक्सपो विकास आयुक्त (हथकरघा) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार नयी दिल्ली द्वारा आयोजित किया गया है. इसमें लोगों को एक साथ 10 राज्यों की कला देखने को मिल रही है. यह मेला 27 दिसंबर तक आयोजित किया जायेगा. ऐसे में शहर के कई लोग यहां आ कर अपनी पसंद की चीजें खरीद रहे हैं. एक्सपो में आये लोगों ने बताया कि ऐसी ट्रेडिशनल चीजें बाजार में बहुत कम देखने को मिलती हैं इसलिए यहां से हैंडीक्राफ्ट की चीजों के अलावा कई आकर्षक चीजें खरीद रहे हैं.इस एक्सपो में लगे हैं 80 स्टॉलबिक्री सह प्रदर्शनी में 10 राज्यों के लोग शामिल हुए हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल, बिहार, उत्तराखंड जैसे राज्यों से कलाकारों ने पटना में आ कर अपना स्टॉल लगाया है. यहां खूबसूरत चीजों के कुल 80 स्टॉल लगे हुए हैं, जिसमें हस्तकरघा वस्त्र में सिल्क की साड़ी, ड्रेस मेटेरियल, चादर, वुलेन कम्बल, बेंत की चटाई, कालीन, कंबल, चादर, सोफा कवर, लॉन्ग स्कर्ट, डिजाइनर दुपट्टा, डिजाइनर बेडशीट जैसी कई चीजें मिल रही हैं, जो घूमने आये लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. यहां बेंत की चटाई पसंद कर रही मेघना और रीना कहती हैं कि नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में मिल रही सभी चीजें खास हैं क्योंकि यहां ज्यादातर आइटम ट्रेडिशनल डिजाइन के हैं. इसके अलावा एक्सपो से ली गयी चीजें मजबूत होती है. साथ ही किफायती दर में भी मिल जाती है इसलिए हम लोग हर बार ऐसे मेले में आते हैं.बुनकर सेवा केंद्र में दिख रही कलाकारीइस एक्सपो में बुनकर सेवा केंद्र जैसा एक संगठन है, जो हथकरघा उद्योग से संबंध रखता है और बुनकरों की सेवा के प्रति समर्पित है. यह केंद्र लोगों को कला की जानकारी भी देती है. इसलिए यहां पर उत्पादन के दौरान और बाद की प्रक्रियाओं के लिए तकनीकी सलाह दी जाती है. यह केंद्र पिछले 42 सालों से बिहार और झारखंड के बुनकरों को बुनाई, रंगाई, छपाई और डिजाइन के क्षेत्र में समय-समय पर विभिन्न परियोजना के अंतर्गत तकनीकी ज्ञान एवं सहायता देकर बिहार एवं झारखंड के बुनकरों में एक गहरी छाप छोड़ी है और हथकरघा के क्षेत्र में एक विशेष स्थान बनाया है. इस बारे में बुनकर सेवा केंद्र के मो रजी खान कहते हैं कि बुनाई, रंगाई, छपाई, रंगाई, छपाई और डिजाइन के विशेषज्ञ अपने-अपने कार्यों में लगे रहते हैं. ऐसे में यहां कई नये कलाकार भी आ कर इन चीजों का प्रशिक्षण लेते हैं. कोटहम लोग पिछले कई सालों से पटना में आ रहे हैं. यहां लोगों का अच्छा रिस्पांस मिलता है. पिछले दो सालों से स्टॉल पूरा खाली हो कर वापस जाता है. हम लोग असम से आये हैं. इस बार बेंत की चटाई, पर्स और सजाने की कई चीजें ले कर आये हैं, जिसकी खरीदारी खूब हो रही है. ऐसे चीजें और कहीं नहीं मिलेगी इसलिए लोग इसे खरीदने में पूरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इस बार भी लोगों की भीड़ बढ़ते जा रही है.प्रवीण कुमार, विक्रेता, असमयहां राजस्थानी ड्रेस की मांग ज्यादा है इसलिए लोगों की पसंद को देखते हुए हम लोग इस बार भी कॉटन और सिल्क के सूट, कुर्ती, साड़ी जैसे कई चीजें लाये हैं, जिसमें सबसे ज्यादा लोग लॉन्ग स्कर्ट पसंद कर रहे हैं. हम लोग देश के कई कोनों में एक्सपो लगाते हैं, जिसमें पटना में काफी अच्छा रिस्पांस मिलता है. इसलिए यहां साल में दो बार जरूर आते हैं क्योंकि अच्छी बिक्री हो जाती है.निजवान, विक्रेता, राजस्थानपटना में भदोही (यूपी) की कालीन काफी प्रसिद्ध है इसलिए यहां लोग इसे काफी पसंद करते हैं. हमारे यहां 2 से लेकर 20 हजार तक के कालीन हैं, जिसमें लोगों को कई तरह की डिजाइन मिल रही है. कम समय में ही कालीन की अच्छी बिक्री हो गयी. इसकी खरीदारी हर बार होती है इसलिए हम लोग यहां आने से पहले कालीन की अच्छी डिजाइन लाना नहीं भूलते हैं. क्योंकि यहां कई लोग कालीन के शौकीन हैं.रमजान अली, भदोहीविकास आयुक्त (हथकरघा) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा आयोजित यह एक्सपो पिछले तीन साल से पटना में आयोजित किया जा रहा है. पटना में पिछले दो सालों से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है इसलिए यहां दूर-दराज से भी लोग आ कर अपना स्टॉल लगाते हैं. इस मेले से सभी कलाकार खुश हो कर जाते हैं इसलिए वे पटना आने के लिए उत्साहित रहते हैं.आरटी सिंह, ऑर्गनाइजर, पटना

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