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अमेरिका की पाकिस्तान को सख्त चेतावनी, हथियार बनाना बंद करे पाक

वाशिंगटन : पाकिस्तान के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिका ने उसे इन कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए कहा है. इसके साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह ऐसा कोई कदम न उठाए, जिससे परमाणु सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर खतरा बढ़े. पाकिस्तान को सख्त निर्देश अफगानिस्तान […]

वाशिंगटन : पाकिस्तान के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिका ने उसे इन कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए कहा है. इसके साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह ऐसा कोई कदम न उठाए, जिससे परमाणु सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर खतरा बढ़े.

पाकिस्तान को सख्त निर्देश

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन ने सदन की विदेश मामलों की समिति द्वारा पाकिस्तान के मुद्दे पर आयोजित सुनवाई में सांसदों से कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि हम आपकी चिंताओं से वाकिफ हैं, विशेषकर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के विकास से जुड़ी चिंता से. हमें सबसे ज्यादा चिंता पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम की गति और इसके विस्तार को लेकर है, जिसमें परमाणु तंत्र पर काम करना भी शामिल है. कांग्रेस के सदस्य ब्रियान हिगिंस के एक सवाल के जवाब में ओल्सन ने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि दक्षिण पश्चिम एशिया का पारंपरिक संघर्ष बढ़कर परमाणु शक्ति के इस्तेमाल तक भी पहुंच सकता है क्योंकि बढ़ते जखीरों के चलते सुरक्षा की चुनौतियां बनी हुई हैं. हमने पाकिस्तानियों के साथ उच्चतम स्तर पर बहुत सक्रिय वार्ता की थी, जिसमें हमने हमारी विशिष्ट चिंताएं उनके सामने स्पष्ट कर दी थीं.

मिसाइल कार्यक्रमों पर रोक

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान से उसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए कहा है.
उन्होंने कहा यह भी कहा कि परमाणु क्षमता से संपन्न सभी देशों की तरह हमने पाकिस्तान से अपील की है कि वह अपने परमाणु हथियारों और मिसाइल विकास पर रोक लगाए. हमने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचा जाए, जो परमाणु सुरक्षा, सुरक्षा या रणनीतिक स्थिरता पर खतरे को बढा सकता हो।’ उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ 123 समझौते पर वार्ता नहीं कर रहे हैं. ओल्सन की ये टिप्पणियां एक ऐसे समय पर आई हैं, जब अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी सरकार से इस्लामाबाद के साथ सख्त होने के लिए कहा है. इसके पीछे उनका तर्क यह है कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने संबंध सुधारने के मामले में संजीदा नहीं दिखता और उसने हथियारों के उत्पादन की गति भी बढा दी है. हिगिंस ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने संबंध सुधारने को लेकर संजीदा नहीं है.

350 परमाणु हथियार हो जाएंगे

हिगिंस ने कहा कि पाकिस्तान भारत के कारण उसके अस्तित्व पर मौजूद कथित खतरे के खिलाफ हथियारों की दौड में शामिल है. कार्नेगी एनडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के अनुसार, पाकिस्तान के पास अगले दशक में 350 परमाणु हथियार हो सकते हैं. इसके साथ ही वह भारत, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन को पीछे छोडते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बडी परमाणु शक्ति बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार के कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान अपने परमाणु प्रसार को बाहरी आक्रमण के खिलाफ तैयारी बताते हुए उचित ठहराता है. जो दोहरा खेल वे खेलते आ रहे हैं, हमें उन्हें उसे बंद करने के लिए कहना होगा. यह खेल वह इस साल से नहीं, पिछले साल से नहीं, पांच साल से नहीं बल्कि पिछले 15 साल से खेल रहे हैं.

पाकिस्तान दोहरा खेल खेल सकता है

हिगिंस ने कहा कि आइए इसके बारे में जरा सच्चाई के साथ बात करें. पाकिस्तान एक दोहरा खेल खेलता है. वे सैन्य साझीदार हैं लेकिन वे हमारे शत्रुओं के संरक्षक एवं रक्षक हैं. यह 15 साल से चल रहा है. वर्ष 2002 के बाद से, पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से एक साल में दी जाने वाली आर्थिक एवं सैन्य मदद औसतन लगभग दो अरब डॉलर की रही है. पाकिस्तान का वार्षिक रक्षा बजट महज पांच अरब डॉलर प्रति वर्ष का है. उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान टूट जाता है या अगर इस्लामी चरपंथी इसपर कब्जा कर लेते हैं तो यह स्थिति अमेरिका के लिए एक बुरा सपना साबित होगी. उन्होंने कहा कि वह एक बड़ा देश है, जिसमें 18 करोड़ लोग रहते हैं. वहां बहुत से इस्लामी चरमपंथी हैं और उसके पास अपने परमाणु हथियार हैं. इस्लामी चरमपंथियों को परमाणु हथियारों से लैस करना अल-कायदा का प्राथमिक लक्ष्य है. यह उनके लिए एक बडी जीत होगी, यह अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट के विस्तार की वजह बनेगी और यह हमारी यानी अमेरिका की बडी हार होगी.

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