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हाइकोर्ट: रांची को प्रदूषित होने नहीं देंगे, ट्रैफिक पुलिस को दिया आदेश परमिट व प्रदूषण सर्टिफकेट वाले ऑटो ही शहर में चलने दें

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रांची शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना परमिट व प्रदूषण सर्टिफकेट के डीजल अॉटो के परिचालन तथा नये डीजल अॉटो को परमिट देने पर रोक लगा दी है. इसका उल्लंघन करने पर वाहन जब्त करने का निर्देश दिया है. विशेषज्ञता […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रांची शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना परमिट व प्रदूषण सर्टिफकेट के डीजल अॉटो के परिचालन तथा नये डीजल अॉटो को परमिट देने पर रोक लगा दी है. इसका उल्लंघन करने पर वाहन जब्त करने का निर्देश दिया है. विशेषज्ञता हासिल संस्थानों द्वारा जारी प्रदूषण सर्टिफकेट को प्रस्तुत करने के बाद ही वैसे वाहनों को छोड़ने को कहा है.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि फिटनेस, परमिट व प्रदूषण सर्टिफकेट वाले अॉटो को ही रांची शहर में चलाने की अनुमति होगी. परमिट व प्रदूषण सर्टिफकेट वाले अॉटो की पहचान के लिए उस पर कलर अलग हो. जो भी योजना बनाये, फूलप्रूफ बनायें. किसी भी स्थिति में रांची शहर को प्रदूषित होने नहीं दिया जायेगा. अॉटो चालकों की रोजी-रोटी का भी सवाल है, लेकिन वह पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए. इस आदेश को ट्रैफिक पुलिस सख्ती से लागू करे. अच्छे काम में दिक्कतें होती है, लेकिन बाद में उसे सराहा जाता है. एक सप्ताह के अंदर बगैर परमिटवाले अॉटो का परिचालन बंद नहीं हुआ, तो इसकी जवाबदेही ट्रैफिक एसपी पर होगी. वैसी परिस्थिति में ट्रैफिक एसपी के स्थानांतरण का भी आदेश दिया जा सकता है. खंडपीठ ने कहा कि पुलिस प्रशासन लोगों तक पहुंचे.

ट्रैफिक नियमों की जानकारी दे आैर उन्हें जागरूक करें. खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दुर्घटना में एक की भी माैत होती है, तो वह प्रशासन की कमजोरी है, विफलता है. ट्रैफिक पुलिस को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसी व्यवस्था की जाये कि दुर्घटना की संभावना ही नहीं रहे. खंडपीठ ने राज्य सरकार को कई सुझाव भी दिये. खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान उपस्थित रांची के उपायुक्त मनोज कुमार को रांची के तीन विभिन्न स्थानों में अॉटो गैस (एलपीजी) के रिटेल आउटलेट की स्थापना के लिए स्थल चयन करने का निर्देश दिया. कहा कि यह काम शीघ्रता से हो.

धुर्वा में हाइकोर्ट, विधानसभा का भवन बन रहा है. वहां भी एक आउटलेट की स्थापना हो. इसके लिए एचइसी प्रबंधन व आवास बोर्ड से जमीन उपलब्ध कराने के लिए उपायुक्त को बातचीत करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने सरकार को अगली सुनवाई के पूर्व डिटेल स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. वरीय अधिवक्ता दिलीप जेरथ ने खंडपीठ को बताया कि प्रशासन वाहनों के प्रदूषण पर रोक नहीं लगा पाया है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हो रहा है. दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं लगा रहे हैं. यह भी बताया कि आउटलेट की स्थापना के लिए तेल कंपनिया तैयार है. उन्होंने छह आउटलेट की स्थापना का प्रस्ताव दिया है. जमीन प्रशासन को ही उपलब्ध कराना है. जमीन मिलने पर कंपनियां आउटलेट स्थापना की दिशा में तेजी से कार्य करेगी. मामले की सुनवाई के दाैरान उपायुक्त के अलावा ट्रैफिक एसपी, इंडियन अॉयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के वरीय अधिकारी कोर्ट के आग्रह पर उपस्थित थे. राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. मालूम हो कि प्रार्थी रजनीश मिश्रा ने जनहित याचिका दायर की है.

स्कूल-कॉलेजों में जायें, बच्चों को जागरूक करें : कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को निर्देश दिया कि स्कूल-कॉलेज स्तर पर बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाये. उन्हें सीडी के माध्यम से दुर्घटनाअों को भी दिखाया जाये. मृतक के माता-पिता से बातचीत कर उसे रिकाॅर्ड करें तथा उसे भी बच्चों को दिखाया जाये, इससे बच्चों पर असर पड़ेगा. विद्यार्थियों को ट्रैफिक पोस्ट पर ट्रैफिक संचालन में लगायें. साथ में ट्रैफिक पुलिस रहे. हेलमेट नहीं पहननेवाले चालकों व नियमों का पालन नहीं करनेवालों को विद्यार्थी समझायेंगे. उससे जागरूकता बढ़ेगी. इस दिशा में भी ट्रैफिक पुलिस कदम उठाये.
रांची में पार्क बनायें और वहां ट्रैफिक की प्रैक्टिकल जानकारी दें
कोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद व चंडीगढ़ की तरह रांची में भी वैसे पार्क बनाये जायें, जहां बच्चों को पिकनिक के लिए ले जाया जाये. वहां ट्रैफिक नियमों से संबंधित प्रैक्टिकल जानकारी दी जाये. इससे बच्चों को जागरूक करने में सुविधा मिलेगी. अहमदाबाद व चंडीगढ़ में दो-दो पार्क हैं. वहां प्रत्येक माह बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है. ट्रैफिक नियमों से संबंधित प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है. यह व्यवस्था रांची में भी होनी चाहिए.
सरकार ने बताया रांची में 2,335 अॉटो को है परमिट
राज्य सरकार की अोर से शपथ पत्र दायर कर कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर में 2,335 अॉटो रिक्शा को परमिट दिया गया है. इसमें 2,026 डीजल अॉटो शामिल हैं. नये अॉटो रिक्शा को परमिट नहीं दिया जा रहा है. बगैर परमिट चल रहे अॉटोवालों से चालान काटा जा रहा है़ें उनसे अधिकतम 5000 रुपये तक जुर्माना तक वसूला गया है. जुलाई से अब तक लगभग नाै लाख रुपये वसूला गया है.

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