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पदाधिकारी की लापरवाही से किसान परेशान

पदाधिकारी की लापरवाही से किसान परेशान खाते में रखी रह गयी फसल क्षतिपूर्ति की राशिछह महीनों से किसान लगा रहे हैं चक्करडीजल अनुदान का भी वही हश्र होने की आशंका प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड में किसानों के अच्छे दिन आने के दूर-दूर तक कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों की […]

पदाधिकारी की लापरवाही से किसान परेशान खाते में रखी रह गयी फसल क्षतिपूर्ति की राशिछह महीनों से किसान लगा रहे हैं चक्करडीजल अनुदान का भी वही हश्र होने की आशंका प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड में किसानों के अच्छे दिन आने के दूर-दूर तक कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों की लापरवाही के कारण इस स्थिति में बीते कई वर्षों में कोई परिवर्तन नहीं आया है. यह विषय एक बार फिर इस कारण से प्रासंगिक हो गया है कि बिहार सरकार ने एक बार फिर किसानों को डीजल अनुदान की राशि देने के लिए 115 करोड़ रुपये स्वीकृति कर दिया है. पर, सरकार द्वारा स्वीकृत की गयी इस राशि को किसानों तक पहुंचाने में कितना समय लगेगा यह कोई नहीं बता सकता है.महीनों से पड़े हैं 80 लाख रुपयेप्रखंड में इस वर्ष किसानों को फसल क्षति के मुआवजे के तौर पर राशि के वितरण के लिए तीन करोड़ 95 लाख रुपये सरकार द्वारा भेजा गया था. इस राशि के पारदर्शिता पूर्ण भुगतान के लिए तत्कालीन डीएम राजीव रोशन ने दिन रात एक कर दिया था. परिणाम स्वरुप लाभुकों को आरटीजीएस के माध्यम से सीधे खाते में राशि भेजने का आदेश दिया गया. इसके बावजूद इसमें अनियमितता की कई शिकायतें आयीं. किसान सलाहकारों द्वारा लाभुक किसानों की सूची बनाने में रुपये मांगे जाने की शिकायतें मिलती रहीं.परेशान हैं प्रभावित किसानफसल क्षति मुआवजा की राह देख रहे किसान विगत छह माह से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हैं. किसानों ने बताया कि प्रखंड कर्मियों द्वारा राशि वितरण में जान बूझ कर देरी की जा रही है. भरतखंड निवासी नंदन मंडल तथा जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वह विगत छह माह से प्रखंड के चक्कर लगा रहे हैं. पर, वहां यह बताने वाला कोई नहीं है कि कब तक यह राशि वितरित की जायेगी. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अब बची हुई शेष राशि के किसानों को मिलने की संभावना नगण्य है.बैंकों से लौटी थी एडवाइसप्रखंड के किसानों को सीधे खाते में राशि भुगतान के लिए उनके बैंक खाते का नंबर लिया गया था. सभी किसानों के खाते में मुआवजे की राशि भेजी जानी थी. बैंकों में इस भुगतान के लिए भेजी गयी राशि की एडवाइस में इतनी त्रुटि थी कि अधिकांश बैंकों ने इसे बिना भुगतान के ही लौटा दिया. किसी एडवाइस में कुल योग गलत था, तो किसी में खाता संख्या गलत था.शिकायतों के निवारण की जगह मुकदमाफसल क्षति मुआवजा में अनियमितता की शिकायत पर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई के बजाय किसानों पर ही मुकदमा कर दिया गया. इस मामले में 22 जून को गोविन्दपुर पंचायत के कई किसानों ने जब बीडीओ के समक्ष मामले को उठाया, तो कहासुनी हो गयी. इस मामले में किसानों पर ही मुकदमा कर दिया गया.कहते हैं बीडीओइस संबंध में बीडीओ डॉ कुंदन ने बताया कि कृषि इनपुट के मद में लगभग 80 लाख रुपये वितरण के लिए शेष हैं. प्रखंड नाजिर के स्थानांतरण हो जाने तथा स्थानांतरित नाजिर द्वारा अबतक पूर्ण प्रभार नहीं दिये जाने के कारण वितरण कार्य नहीं हो पा रहा है. अगले दस दिनों में शेष राशि का वितरण कर दिया जायेगा.

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