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पटना में खुलेगा बिहार का पहला वेटनरी विवि

पटना : राज्य का पहला वेटनरी विश्वविद्यालय पटना में स्थापित होगा. यह पटना वेटनरी कॉलेज परिसर में खुलेगा. सोमवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल को इस संबंध में सभी कार्रवाई जल्द पूरी करने का निर्देश दिया. बैठक में मुख्यमंत्री […]

पटना : राज्य का पहला वेटनरी विश्वविद्यालय पटना में स्थापित होगा. यह पटना वेटनरी कॉलेज परिसर में खुलेगा. सोमवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल को इस संबंध में सभी कार्रवाई जल्द पूरी करने का निर्देश दिया.
बैठक में मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधीन संचालित संस्थानों और योजनाओं के पुनर्गठन का प्रस्ताव जल्द लाने को कहा. मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अलावा सहकारिता विभाग की भी समीक्षा की. विभागवार समीक्षा बैठक का यह सिलसिला 29 दिसंबर तक चलेगा.
समीक्षा बैठक के बाद पशु संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के वेटनरी विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है. इसकी स्थापना से पशुपालन के क्षेत्र में शोध और इसका लाभ राज्य के लोगों को मिलेगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने सुधा दूध और अन्य उत्पाद की बिक्री अब नगर पंचायत स्तर पर शुरू करने का निर्णय लिया. अब तक सिर्फ जिला स्तर पर और बड़े शहरों में ही सूधा दूध की बिक्री हो रही है. सरकार के इस निर्णय से जहां लोगों को सुदूर क्षेत्रों तक दूध उपलब्ध होगा, वहींं पशुपालकों को दूध की उचित कीमत और बाजार उपलब्ध हो जायेगा.
पशु टीकाकरण अभियान चलाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कंफेड के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान वर्करों को प्रशिक्षण दें. गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के जीविकोपार्जन के लिए मुरगी और बकरी का वितरण जीविका के माध्यम से कराएं. मुख्यमंत्री ने इस योजना को लागू करने के लिए जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद चौधरी को निर्देश दिया.
फिश फेडरेशन और फिश फिड मील
मुख्यमंत्री ने मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए फिश फेडरेशन और फिश फिड मील की स्थापना के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने राज्य के तालाबों में सालों भर पानी का इंतजाम करने को कहा.
इसके लिए उन्होंने तालाबों के पास ट्यूबवेल और सोलर इनर्जी से चलने वाला पंप स्थापित करने का निर्देश दिया है. श्री सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से स्कूलों में सुधा के दूध पाउडर की सप्लाइ करने का सुझाव दिया गया, ताकि इससे खीर बना कर मीड डे मिल में बच्चों को खिला जा सके. इससे कंफेड द्वारा उत्पादित दूध पाउडर की खपत भी होगी और बच्चों का कुपोषण भी दूर किया जा सकेगा, लेकिन मुख्यमंत्री इस पर फिलहाल सहमति नहीं दी है.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दोनों विभागों की गतिविधियां, प्रगति रिपोर्ट और प्रशासनिक ढांचे के बारे में प्रजेंटेशन भी देखा.
बैठक में सीएम व मंत्री के अलावा मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त आयुक्त रवि मित्तल, सीएम के चंचल कुमार व सचिव अतीश चंद्रा, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल, जीविका के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी अरविंद चौधरी, कंफेड के एमडी प्रेम सिंह मीणा, डेयरी निदेशक हरेराम सिंह, मत्स्य निदेशक निशात अहमद, कंफेड के महाप्रबंधक राजीव वर्मा मौजूद थे
विभागों के विवाद निबटाने के लिए बनेगी कमेटी
सीएम ने विभागों के िववाद को निबटाने के लिए मुख्य सचिव को एक राज्यस्तरीय समिति के गठन का निर्देश दिया है. केंद्र के तर्ज पर बननेवाली अधिकारियों की इस कमेटी में प्रधान सचिव स्तर के अधिकािरयों को शामिल किया जायेगा. इससे विभागों के बीच विवादों का जल्द समाधान निकाला जा सकेगा.
सीएम ने दिये निर्देश, धान की खरीद के लिए आसान प्रक्रिया अपनाएं
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को आसान प्रक्रिया को अपना कर किसानों से धान खरीदने का टास्क दिया है. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए नीतीश कुमार ने धान खरीद की ऑन लाइन मॉनीटरिंग व्यवस्था की सराहना की. कहा कि धान की खरीद में पारदर्शिता बरती जाये. मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के माध्यम से राज्य में किसानों और महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं की समीक्षा की.
कहा कि पैक्स चुनाव में आरक्षण के प्रावधान के कारण महिलाओं एवं अन्य कमजोर वर्ग के लोगों को सहकारी समितियों में बड़ी भागीदारी मिली. आरक्षण का असर 2014 के पैक्स चुनाव में देखा गया. इस चुनाव में निर्वाचित 8463 पैक्सों की प्रबंध कार्यकारिणी में लगभग 42 प्रतिशत महिलाएं चुन कर आयीं. उन्होंने कहा कि पैक्सों को सक्षम सेवा देनेवाली संस्था के रूप में विकसित करना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि सभी उपयुक्त व्यक्ति को पैक्स की सदस्यता दिलायी जाये. विभागीय अधिकारियों को अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर मॉडल पैक्स की स्थापना का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों का समय पर निर्वाचन हो और इन समितियों की सदस्यता का अभियान चले. विभाग ऐसी व्यवस्था करे कि पैक्स की सदस्यता चाहनेवाले सभी लोगों को सदस्यता मिले.
पैक्स का सदस्य बनने में कोई अड़चन न आये. सदस्यता की प्रक्रिया को सरल बनाने की उन्होंने सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को पैक्स का सदस्य बनाने का प्रयास किया जाये. तभी समाज का पूर्ण प्रतिनिधित्व और भागीदारी पैक्सों में हो सकेगी. उन्होंने कहा कि पैक्सों की प्रबंधकारिणी के सदस्यों को जिला स्तर पर ही प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की जाये. साथ ही पैक्सों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसकी व्यावसायिक विविधता पर जोर दिया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैक्सों में गोदाम, चावल मिल निर्माण आदि आधारभूत संरचना के विकास के लिए राज्य योजना का कार्यक्रम जारी रखें. उन्होंने पैक्सों की उचित समय पर मॉनीटरिंग सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.
फल-सब्जी प्रसंस्करण इकाई लगाने का प्रयास करें
सब्जी और फल उत्पादों की उचित कीमत के लिए इस क्षेत्र के उत्पादकों को संगठित करने, प्रसंस्करण इकाई की स्थापना और मार्केटिंग के सहकारिता मंत्री आलोक मेहता के सुझाव में रुचि दिखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग इसके लिए गंभीर प्रयास करे. अपने उत्पादों के ब्रांड विकसित करे.
बैठक में सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त आयुक्त रवि मित्तल, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार और अतीश चंद्रा, सहकारिता सचिव चैतन्य प्रसाद और विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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