गया : पलामू के रहनेवाले सुजीत सिंह की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले के आरोपित मगध मेडिकल थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय की करतूतों का खुलासा होने लगा है. सुजीत के मामा श्यामकिशोर सिंह की पत्नी सरस्वती देवी व मौसा चंद्रशेखर सिंह ने रविवार को मगध मेडिकल थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय पर आरोप लगाया था कि सुजीत को पुलिस के चक्कर में फंसानेवाला कलेर के निप्पू सिंह उर्फ प्रकाश रंजन ने थानाध्यक्ष को घूस में अपनी आल्टो कार (संख्या बीआर02पी/4012) दी थी. सुजीत के परिजनों का यह आरोप अब सही साबित होने लगा है. सोमवार को जिला परिवहन कार्यालय से उक्त कार की तहकीकात की गयी.
परिवहन कार्यालय से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि कार बृजबिहारी पांडेय की पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम से रजिस्टर्ड है. यह कार पहले मगध मेडिकल थाने के कलेर गांव के समता सिंह के बेटे प्रकाश रंजन सिंह के नाम से रजिस्टर्ड थी. प्रकाश रंजन सिंह ने 16 जुलाई 2011 को इसे खरीदा था. लेकिन, 13 अक्तूबर 2014 को प्रकाश रंजन सिंह ने इस कार को बृजबिहारी पांडेय की पत्नी उर्मिला देवी के नाम से ट्रांसफर कर दिया.
थानाध्यक्ष के विरुद्ध घूसखोरी का भी मामला हो सकता है दर्ज: सुजीत को फंसानेवाले निप्पू सिंह से घूस में कार लेना थानाध्यक्ष श्री पांडेय को महंगा पड़ सकता है. थानाध्यक्ष के विरुद्ध घूसखोरी की भी प्राथमिकी दर्ज हो सकती है. ऐसे मामले का एक उदाहरण हाल ही में आया है.
वर्ष 2012 में मगध मेडिकल थाना इलाके के गुलरियाचक के पास करीमगंज की एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले के सुपरविजन में डीएसपी रैंक के एक अधिकारी ने आरोपितों को बचाने के लिए नौ लाख रुपये की एक गाड़ी घूस में मांगी थी. उस अधिकारी ने गाड़ी खरीदने के लिए रुपये चेक के माध्यम से लिये थे.
अब उक्त हत्याकांड की जांच सीआइडी कर रही है. जांच के दौरान सीआइडी ने पाया है कि डीएसपी रैंक के एक अधिकारी के बैंक खाते में नौ लाख रुपये जमा हुए थे और उससे गाड़ी खरीदी गयी. सूचना है कि पिछले सप्ताह उस डीएसपी के विरुद्ध सीआइडी ने कार्रवाई शुरू की है. अब घूस में कार लेने का दूसरा मामला मगध मेडिकल थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय के विरुद्ध आया है. थानाध्यक्ष के विरुद्ध परिजनों के आरोप में दम है. हो सकता है कि घूसखोरी के मामले को लेकर भी थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई हो.