रांची : झारखंड के मंत्री और सचिव विभागीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने जिलों में नहीं जाते. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार बनने के बाद मंत्रियों को गांवों में रात बिताने का निर्देश दिया था़ मंत्रियों को प्रत्येक माह एक रात गांव में गुजारने को कहा था़ मुख्यमंत्री ने मलूटी गांव में रुक कर खुद इसकी शुरुआत भी की थी़ पर मंत्री गांव तो दूर, अधिकतर विभागीय कार्यक्रम में जिलों में भी नहीं जाते़ यहां तक की सचिव भी जिलों में कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेते़ इसका खुलासा सूचना अधिकार के तहत विभागों से मांगी गयी जानकारी से हुआ है़
जिलों में नहीं जाते…
गृह जिले में नहीं गये चंद्रप्रकाश : सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने जनवरी से अक्तूबर माह तक अपने गृह जिला रामगढ़ में आयोजित किसी भी विभागीय कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है. उन्होंने इस दौरान धनबाद में आयोजित तीन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है. वहीं विभागीय सचिव धनबाद के चार कार्यक्रमों में शामिल हुए. चंद्रप्रकाश चौधरी चतरा में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए़ दो जिलों में गये नीलकंठ : ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने रांची के अलावा सिर्फ दो बार दूसरे जिलों (दुमका और पलामू) में आयोजित विभागीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है.
विभागीय सूचना के अनुसार नीलकंठ सिंह मुंडा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दूसरे जिलों के कई कार्यक्रमों की समीक्षा की है. अन्य विभागीय मंत्रियों के कार्यक्रम रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर और दुमका तक ही सीमित हैं. श्रम नियोजन प्रशिक्षण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री और विभागीय सचिव के जिलों में हुए कार्यक्रमों में शामिल होने की कोई सूचना उपलब्ध नहीं है. विभाग की ओर से कहा गया कि इस संबंध में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है़
सरयू राय आधे से अधिक जिलों
के कार्यक्रम में हुए हैं शामिल
खाद्य आपूर्ति वितरण एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री सरयू राय एकमात्र मंत्री हैं, जिन्होंने इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्तूबर तक राज्य के आधे से अधिक जिलों में आयोजित विभागीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है. उन्होंने रांची, पाकुड़, रामगढ़, लातेहार, हजारीबाग, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू, जामताड़ा, गिरिडीह, देवघर, बोकारो, गुमला, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां और लोहरदगा के अलावा अन्य कई जिलों में आयोजित विभागीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है.
मंत्रियों के कार्यक्रम रांची, धनबाद, बोकारो जमशेदपुर और दुमका तक ही सीमित
क्या मांगी गयी थी जानकारी
हाइकोर्ट के वकील और आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील महतो ने विभागों से जानकारी मांगी थी कि जनवरी से अक्तूबर माह तक मंत्री और सचिव ने विभिन्न जिलों में आयोजित कितने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है.
इन विभागों ने नहीं दी जानकारी
नगर विकास विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, कृषि विभाग, कल्याण विभाग और राजस्व व भूमि सुधार, पर्यटन एवं कला संस्कृति की ओर से सूचना नहीं दी गयी.
15 साल में एक बार सिमडेगा गये विभागीय मंत्री
सिमडेगा जिले में पिछले 15 साल में कई विभागीय कार्यक्रम हुए, लेकिन अधिकतर में न तो मंत्री शामिल हुए और न ही सचिव़ राज्य गठन के बाद से अब तक सिमडेगा में सिर्फ एक बार 25 सितंबर को अनुमंडल स्थापना दिवस पर आयोजित कृषि मेले में पहली बार विभागीय सचिव शामिल हुए थे.
पर कृषि विभाग के किसी भी कार्यक्रम में विभागीय मंत्री शामिल नहीं हुए़ पिछले 15 साल में सिमडेगा जिले में समाज कल्याण, खनन, निबंधन, पंचायती राज और पशुपालन विभाग की ओर से आयोजित किसी भी कार्यक्रम में मंत्री व सचिव नहीं गये़ सिमडेगा जिले में पथ प्रमंडल की ओर से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यहां पर पथ प्रमंडल का सृजन 29 मार्च 2008 को हुआ. इसके बाद चार और पांच नवंबर 2012 को मुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री और सचिव सरकारी भ्रमण के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. 12 अगस्त 2014 को जिले में आयोजित बैठक में सचिव शामिल हुए थे.
सीएम ने मंत्रियों को गांव में रात बिताने का िनर्देश िदया था
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार बनने के बाद मंत्रियों को गांवों में रात बिताने का निर्देश दिया था. मंत्रियों से प्रत्येक माह एक रात गांव में बिताने को कहा गया था. इसके तहत खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मलुटी गांव में रात गुजारी थी. इनके अलावा लुईस मरांडी, नीरा यादव, चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी एक दिन गांवों में रात गुजारी थी.