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सदर अस्पताल में निजी एंबुलेंस का जमावड़ा

जहानाबाद(नगर) : राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की घोषणा की जाती है लेकिन जो मरीज अस्पताल तक पहुंच रहे हैं उनको भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर नहीं हो रहा है. सरकार द्वारा सभी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की है. लेकिन लाभ आम मरीजों […]

जहानाबाद(नगर) : राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की घोषणा की जाती है लेकिन जो मरीज अस्पताल तक पहुंच रहे हैं उनको भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर नहीं हो रहा है. सरकार द्वारा सभी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की है. लेकिन लाभ आम मरीजों को नहीं मिल रहा है. ऐसे में निजी एंबुलेंस चालक दलालों के सहारे इन मरीजों को सेवा प्रदान कर रहे हैं

साथ ही इसके लिए मोटी रकम भी वसूल रहे हैं. जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में इन दिनों निजी एंबुलेंस का जमावड़ा लगा रहता है. अस्पताल में सक्रिय दलालों के सहारे ये मरीज को लाने ले जाने का काम करते हैं. सदर अस्पताल में सक्रिय दलाल निजी एंबुलेंस को मरीज मुहैया कराते हैं जैसे ही कोई मरीज गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटना में घायल होकर अस्पताल पहुंचता है. अस्पताल में अपना पांव जमाये बैठे दलाल सक्रिय हो जाते हैं. चिकित्सक द्वारा जब मरीज को रेफर करने की बात कही जाती है तो दलाल एंबुलेंस चालकों को इशारा कर बुला लेता है.

अस्पताल प्रशासन को है इसकी जानकारी : अस्पताल प्रशासन इस बात से भली भांति अवगत है कि अस्पताल से निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा मरीज ले जाया जाता है. फिर भी अस्पताल प्रशासन ऐसे एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. विगत कुछ माह पूर्व अस्पताल प्रशासन द्वारा इस संबंध में नगर थाने को शिकायत की गयी थी जिसके बाद एक एंबुलेंस चालक की गिरफ्तारी भी हुई थी. लेकिन मामला रफा-दफा हो जाने के बाद अस्पताल प्रशासन भी शांत हो गया है. .
बंद हो गयी है 108 एंबुलेंस की सेवा : मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पताल को उपलब्ध करायी गयी 108 एंबुलेंस की सेवा विगत कई माह से बंद हो गया है. ऐसे में सिर्फ तीन एंबुलेंस के सहारे मरीजों को ढोया जा रहा है. सदर अस्पताल में दो 102 एंबुलेंस तथा एक 1099 एंबुलेंस की सेवा चालू है. सदर अस्पताल स्थित कॉल सेंटर में प्रतिदिन एंबुलेंस के लिए 25-30 कॉल आता है. लेकिन मात्र सात से आठ मरीजों को ही एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है..
तीन एंबुलेंस के जिम्मे है मरीजों को लाने-ले जाने की जिम्मेवारी:
सदर अस्पताल में मात्र तीन एंबुलेंस उपलब्ध हैं. इन्हीं तीन एंबुलेंस के सहारे मरीजों को ढोने की जिम्मेवारी है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण प्रतिदिन यहां एक दर्जन से अधिक गंभीर तथा दुर्घटनाग्रस्त मरीज इलाज कराने आते हैं. इन मरीजों को एंबुलेंस की आवश्यकता पड़ती है लेकिन सभी को एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पाती है. ऐसे में निजी एंबुलेंस के लिए काम करने वाले दलाल की चांदी कटती है तथा वे मरीज को निजी एंबुलेंस से गंतव्य तक पहुंचाते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
सदर अस्पताल में निजी एंबुलेंस लगाने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए नगर थाना को पत्र लिखा जायेगा ताकि ऐसे चालकों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. अस्पताल में एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है तथा मरीजों को इसका लाभ मिलता है.-

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