स्टोरी : स्कूल है या कूड़ा डपिंग यार्ड – हाल करबिगहिया कन्या मध्य विद्यालय काअनुपम कुमारी, पटनास्कूल है या कूड़ा डपिंग यार्ड. जी हां, कुछ इसी तरह के सवाल करबिगहिया कन्या मध्य विद्यालय में पहुंचने के साथ जेहन में आते हैं, जहां स्कूल के मुख्य गेट पर ही कूड़ा और कचरा का अंबार लगा हुआ है. बच्चे सुबह-सुबह नहा-धोकर स्कूल तो पहुंचते है़ं, पर स्कूल में प्रवेश करने से पहले उन्हें उन कचरों से गुजरना पड़ता है.आठ कमरे में 300 बच्चे नामांकित कन्या मध्य विद्यालय करबिगहिया में कुल 300 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में कमरे भी आठ हैं, लेकिन टूटे और जर्जर. पढ़ानेवाले शिक्षकों की संख्या आठ हैं, पर बच्चों की उपस्थिति कम होने से इनका पूरा दिन बच्चों के इंतजार में बीतता है. विद्यालय की सही व्यवस्था नहीं होने से प्रतिदिन बच्चों की उपस्थिति 100 से 120 तक ही रहती है. इसका मुख्य कारण स्कूल में पेयजल की व्यवस्था और मिड डे मिल की सुविधा का नहीं होना है. इससे बच्चे स्कूल आना पसंद नहीं करते. एक कैंपस में छह विद्यालय व एक महाविद्यालय इसी विद्यालय में पांच अन्य विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं. इनमें कन्या मध्य विद्यालय करबिगहिया के अलावा बालक मध्य विद्यालय करबिगहिया, प्राथमिक विद्यालय चांदपुर, जय प्रकाश नगर प्राथमिक विद्यालय , झुग्गी-झोंपड़ी करबगहिया व न्यू सिन्हा मॉडर्न मध्य विद्यालय संचालित हैं. इनके अलावा इसी कैंपस में फिरोज गांधी महाविद्यालय भी संचालित हैं, जो मगध विवि का है. असली समस्या कचरा किस स्कूल काएक ही कैंपस में सात-सात संस्थानों के चलने से यह नहीं चल पाता है कि कचरा किस स्कूल का है. ऐसे में पूरे कैंपस में फैली गंदगी को कोई साफ करना नहीं चाहता है. वहीं मुख्य द्वार पर फैले कूड़े का अंबार इस कदर फैला है कि लोगों का गुजरना भी मुश्किल हो गया है. स्कूल के शिक्षक राजू यादव के अनुसार कूड़ा उठाव के लिए कई बार संबंधित विभाग को पत्र भी लिखा गया है, इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ है. कोटमेन गेट पर दबंगों का अतिक्रमण है. कई बार इसे हटाने के लिए विभाग को भी पत्र लिखा गया है. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. गेट पर फैले कूड़े के कारण लोगों को आना-जाना तक मुश्किल हो गया है.धनंजय कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक, कन्य मध्य विद्यालय, करबिगहिया.कोटकई स्कूलों में अतिक्रमण है. जगह के अभाव में एक साथ कई कैंपस चलाने पड़ रहे हैं. इससे कई स्कूलों में बिजली, सफाई आदि को लेकर विवाद की स्थिति बनी रहती है. स्टॉफ की कमी के कारण प्रॉपर तरीके से स्कूल की मानेटरिंग भी नहीं हो पाती है. जल्द ही इसके लिए विभाग को पत्र लिखा जायेगा. डॉ अशोक कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी.
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स्टोरी : स्कूल है या कूड़ा डपिंग यार्ड
स्टोरी : स्कूल है या कूड़ा डपिंग यार्ड – हाल करबिगहिया कन्या मध्य विद्यालय काअनुपम कुमारी, पटनास्कूल है या कूड़ा डपिंग यार्ड. जी हां, कुछ इसी तरह के सवाल करबिगहिया कन्या मध्य विद्यालय में पहुंचने के साथ जेहन में आते हैं, जहां स्कूल के मुख्य गेट पर ही कूड़ा और कचरा का अंबार लगा हुआ […]
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