प्रभात खास: अब गांव से ही निकलेगी विकास की गंगा खास बातें-ग्रामीणों की प्राथमिकता के आधार पर ही होगा योजनाओं का क्रियान्वयन-विकास की प्राथमिकता तय करने के लिए तय हो चुकी है रूप-रेखा-अगले वित्तीय वर्ष से योजना पर शुरू हो जायेगा क्रियान्वयन-‘ हमारा गांव, हमारी योजना ‘ का नया रूप है यह योजना, जीविका को भी जोड़ा गया है इसमें -याेजना के संचालन के लिए मंगलवार से जिले के सभी प्रखंडों में आइपीपीइ-02 का दिया जायेगा प्रशिक्षण, 22 दिसंबर तक चलेगा-प्रशिक्षण के लिए प्रखंड की सभी पंचायतों को बांटा जायेगा दो बराबर भागों में -15 से 18 के बीच प्रथम भाग व 19 से 22 दिसंबर के बीच शेष भाग की पंचायतों में गठित प्रखंड योजना दल को दिया जायेगा प्रशिक्षण पूर्णिया. विकास की गंगा अब गांव की दहलीज से निकल कर गांव की पगडंडी पर दिखाई देगी. अब ग्रामीण ही तय करेंगे कि विकास के लिए उनकी प्राथमिकता क्या होगी. ग्रामीणों की प्राथमिकता के आधार पर ही योजनाओं का क्रियान्वयन होगा और इसकी रूप-रेखा तय हो चुकी है. अगले वित्तीय वर्ष से योजना पर क्रियान्वयन आरंभ हो जायेगा. दरअसल यह योजना ‘ हमारा गांव, हमारी योजना ‘ का नया रूप है, जिसमें जीविका को भी जोड़ा गया है. इसके अलावा योजना में अन्य कुछ तकनीकी फेरबदल भी किये गये हैं. मंगलवार से जिले के सभी प्रखंडों में इसके तहत आइपीपीइ-02 का प्रशिक्षण दिया जायेगा, जो 22 दिसंबर तक चलेगा. आज से होगा प्रखंडों में प्रशिक्षणजिले के 14 प्रखंडों में आइपीपीइ-02 का प्रशिक्षण मंगलवार से आरंभ होगा. प्रखंड संसाधन दल की ओर से यह प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए प्रखंड की सभी पंचायतों को दो बराबर भागों में बांटा जायेगा. 15 से 18 दिसंबर के बीच प्रथम भाग तथा 19 से 22 दिसंबर के बीच शेष भाग की पंचायतों में गठित प्रखंड योजना दल को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए जिला संसाधन दल की ओर से पूर्व में ही प्रखंड संसाधन दल को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. प्रखंड संसाधन दल में प्रत्येक प्रखंड से मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी व एक कनीय अभियंता, जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक व आजीविका विशेषज्ञ, सामाजिक संगठन के दो सदस्य, एक कृषि समन्वयक तथा जीविका के एक मनरेगा को-ऑर्डिनेटर शामिल हैं. दो हिस्सों में होगा प्रशिक्षण कार्यक्रमप्रशिक्षण को भी दो हिस्सों में बांटा गया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दो दिनों में वर्ग कक्ष का आयोजन किया जायेगा. जबकि अगले दो दिनों में क्षेत्र में कार्य का प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक बैच में अधिकतम 40 प्रशिक्षणार्थी होंगे. वर्ग कक्ष का आयोजन प्रखंड कार्यालय के सभागार, मनरेगा भवन अथवा अन्य किसी सरकारी भवन में किया जाना है. वहीं क्षेत्र प्रशिक्षण के लिए प्रखंड मुख्यालय के समीप अवस्थित पंचायत अथवा वार्ड का चयन किया गया है. निर्धारित कार्यक्रम के तहत पंचायती राज प्रतिनिधियों यथा मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य के अलावा स्थानीय ग्रामीण व स्वयं सहायता समूह आदि को भी प्रशिक्षण देने की योजना है. डीडीसी हैं प्रशिक्षण के नोडल पदाधिकारीग्रामीण विकास विभाग की ओर से निर्धारित योजना के तहत सघन सहभागी नियोजन अभ्यास (आइपीपीइ) का प्रशिक्षण दिया जायेगा. विभाग की ओर से जारी निर्देश के तहत उप विकास आयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी होंगे. वहीं जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक को अंत्योदय योजना के सफल संचालन में सहयोग की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. विभाग की ओर से जारी निर्देश के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का पूरा खर्च बिहार राज्य आजीविका मिशन (जीविका) की ओर से किया जायेगा. 10 सदस्यीय होगा प्रखंड योजना दलबिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी निर्देश के तहत पंचायतों में विकास को रफ्तार देने के लिए प्रखंड योजना दल का गठन किया जायेगा. इसमें पंचायत तकनीकी सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, ग्रामीण आवास सहायक, कृषि सलाहकार, जीविका के कम्यूनिटी को-ऑर्डिनेटर, विकास मित्र, जीविका के कम्यूनिटी संसाधन कर्मी, आंगनबाड़ी सेविका तथा सामाजिक संगठन के दो सदस्य शामिल हैं. इसमें से दो मनरेगा कर्मी, जीविका के दो कर्मी तथा सामाजिक संगठन के दो सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने का निर्देश दिया गया है. पंचायतों में तय होगी ग्राम विकास की योजनाप्रशिक्षण के बाद जिले की सभी पंचायतों में सर्वेक्षण कराया जायेगा. इसके बाद योजनाओं को कंपाइल कर आम सभा में प्रस्तावित किया जायेगा. आम सभा में ही ग्रामीण ग्राम विकास के लिए योजनाओं की प्राथमिकता तय करेंगे. ग्रामीणों के प्राथमिकता के आधार पर ही विकास कार्य को अंजाम दिया जायेगा. आम सभा में मनरेगा श्रम बजट पर भी चर्चा होगी. साथ ही राज्य ग्रामीण विकास योजना पर भी चर्चा की जायेगी. जाहिर है अधिक से अधिक मजदूरों के लिए रोजगार की भी व्यवस्था की उम्मीद जगी है. हालांकि अभी आम सभा में जो निर्णय लिये जायेंगे, उसका अनुपालन वित्तीय वर्ष 2016-17 में होगा. यानी सही तौर पर योजनाएं अगले वित्तीय वर्ष में फलीभूत होंगी, लेकिन विभाग की इस पहल से गांव के चहुंमुखी विकास की राह खुलने की उम्मीद है. टिप्पणी :प्रशिक्षण को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. मंगलवार से प्रशिक्षण आरंभ होना है. शीघ्र ही योजना पर क्रियान्वयन भी आरंभ कर दिया जायेगा. राम शंकर, उप विकास आयुक्त पूर्णियाफोटो : 14 पूर्णिया 9परिचय : उप विकास आयुक्त
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प्रभात खास: अब गांव से ही निकलेगी विकास की गंगा
प्रभात खास: अब गांव से ही निकलेगी विकास की गंगा खास बातें-ग्रामीणों की प्राथमिकता के आधार पर ही होगा योजनाओं का क्रियान्वयन-विकास की प्राथमिकता तय करने के लिए तय हो चुकी है रूप-रेखा-अगले वित्तीय वर्ष से योजना पर शुरू हो जायेगा क्रियान्वयन-‘ हमारा गांव, हमारी योजना ‘ का नया रूप है यह योजना, जीविका को […]
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