आरा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में वार्षिक राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में जिला जज एके झा की अध्यक्षता में किया गया. जिला जज श्री झा, जिलाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव, एसपी नवीन चंद्र झा, डीडीसी इनायत खान, नक्सल अभियान एएसपी मो साजिद, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाधार सिंह, लोक अभियोजन उदय नारायण प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
संचालन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके सिंह व प्रथम सब जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री झा ने कहा कि आज के दिन हमारे लिए महापर्व है. लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य सिविल कोर्ट में जितने केस लंबित है, वह कम हो सके.
जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अदालत की परंपरा सदियों पुरानी है. पहले पंच होते थे, अब जज के माध्यम से लोक अदालत में सहमति के आधार पर मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा रहा है.
सभा को सीजेएम वीडी राय, एसोसिएशन अध्यक्ष रामाधार सिंह, उपविकास आयुक्त इनायत खान व पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा ने संबोधित करते हुए लोक अदालत पर प्रकाश डाला. बक्सर में अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की मौत हो जाने पर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इस अवसर पर एसडीओ,
जीपी राजनाथ सिंह, विधिक प्रभारी, एसोसिएशन के सचिव राजेश कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय, विमल किशोर सिंह, विनोद कुमार सिंह, गुलाम नेयाज सरवर, डॉ सुधीर जी सहाय, न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, न्यायिक कर्मी व लोक अदालत कर्मी समेत कई लोग मौजूद थे.
बेंच में कौन-कौन थे शामिल : प्रथम सब जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश कुमार ने बताया कि मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए 27 बेंच बनायी गयी थी. बेच में न्यायिक पदाधिकारी विश्वनाथ सिंह, आर कुमार, पीसी अनील, राकेश कुमार (2), अमृत राज, आर प्रसाद, एसडी राय, एसके राय, एनके श्रीवास्तव, एन दयाल, प्रणव शंकर, आरके सिंह, एसके सिंह, एके मांझी, एसके पांडेय, एके पांडेय, ए राज, यूके पांडेय, एके सिंह, आर कुमार, पीके पांडेय, प्रतिभा, एन सुल्ताना, डीके तिवारी, राकेश कुमार, पीरो में किशोरी लाल, एके मिश्र व एसडीओ, डीसीएलआर, जगदीशपुर में न्यायिक पदाधिकारी यू कुमार, एनके राम व एसडीओ, डीसीएलआर, पैनल अधिवक्ता व अधिवक्ता शामिल थे,
जिन्होंने आपसी सहमति के आधार पर कुल 11 हजार 590 मामलों का निष्पादन किया, जबकि 3 करोड़ 43 हजार 63 रुपये सेटेलमेंट हुआ.
किस-किस मामलों का हुआ निष्पादन
राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक मामले, मेट्रिमोनियल, मोटर दुर्घटना दावा, उपभोक्ता, रेलवे मामले, राजस्व, मनरेगा, सुलहनीय अपराधिक मामले, दीवानी मामले, बैंक ऋण, टेलीफोन, माप-तौल, फाॅरेस्ट, लेबर, यातायात व उत्पाद मामलों को निष्पादित किया गया.
लोक अदालत में अधिवक्ता, प्रशासनिक अधिकारी व बैंक अधिकारी सहित कई लोग शामिल थे.
विद्रोही जैसे कवियों के दम पर ही संघर्ष की धारा है कायम
जनकवि रमाकांत यादव विद्रोही स्मृति सभा का हुआ आयोजन
आरा : विद्रोही जैसे कवियों के दम पर ही संघर्ष और जनवाद की धारा कायम है, वे किसी भी समकालीन कवि से कम महत्वपूर्ण नहीं हैं. जब तक भेदभाव, शोषण-उत्पीड़न है, तब तक विद्रोह को कोई खत्म नहीं कर सकता. विद्रोही जैसे कवि हमेशा जीवित रहेंगे. उक्त बातें जन संस्कृति मंच और आइसा द्वारा आयोजित जनकवि रमाकांत यादव विद्रोही स्मृति सभा को संबोधित करते हुए जनवादी लेखक संघ के राज्य अध्यक्ष कथाकार नीरज सिंह ने कहीं. जसम के राष्ट्रीय सहसचिव कवि-आलोचक जितेंद्र कुमार ने कहा कि विद्रोही जी कविताओं में गहरा इतिहास बोध है.
प्रलेस के राज्य महासचिव आलोचक रवींद्रनाथ राय ने कहा कि धर्म और भाग्यवाद का उन्होंने प्रतिकार किया. उनकी कविताओं में स्त्रियों के प्रति गहरी संवेदनशीलता मिलती है. तरारी के माले विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि वे आंदोलनों के बड़े कवि थे. जनता के कवि को कैसा होना चाहिए, यह विद्रोही जी से सीखा जा सकता है. कवि सुनील चौधरी ने कहा कि जेएनयू के वामपंथी आंदोलन को विद्रोही जी ने अपनी कविताओं के जरिए ऊर्जावान बनाया.
वरिष्ठ कवि केडी सिंह ने उनकी अवधि कविता के अंश का पाठ करते हुए कहा कि वे सचमुच जनकवि थे. सुमन कुमार सिंह ने यह बताते हुए कि आरा में उनका कविता पाठ कराने की इच्छा अधूरी रह गईर्, उनकी दो मशहूर कविताओं- नूर मियां और जन-गण-मन का पाठ किया. सुधीर सुमन ने संचालन के क्रम में जसम महासचिव प्रणय कृष्ण द्वारा लिखित स्मृति लेख और विद्रोही जी की ‘मोहनजोदड़ो की आखिरी सीढ़ी से़’, ‘औरतें’, ‘खून जलता है’ और उनके कुछ गीतों-गजलों का पाठ किया.
आइसा जिला सचिव शिवप्रकाश ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंह द्वारा विद्रोही जी की स्मृति में लिखे गए लेख को पढ़ा. स्मृति सभा में चित्रकार राकेश दिवाकर, एक्टू नेता यदुनंदन चौधरी, अधिवक्ता कामेश्वर सिंह यादव, युवानीति के सूर्यप्रकाश, आइसा के संदीप, सतीश कुमार राणा, मिथिलेश कुमार, किशोर कुमार, हरिनाथ राम, अशोक कुमार राम, कमलदीप कुमार, उपेंद्र भारती, संजय कुमार, रामकुमार नीरज, माले जिला सचिव जवाहरलाल सिंह, माले नेता जितेंद्र जी, अशोक कुमार सिंह, परशुराम सिंह, रामानुज कुमार आदि भी मौजूद थे.