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राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.87 करोड़ रूपये पर समझौता, 1 करोड़ वसूल

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.87 करोड़ रूपये पर समझौता, 1 करोड़ वसूल चार हजार मामले का हुआ निपटारा14 बंेचों का गठन कर हुआ मामले का निपटारा उमड़ी लोगों की भीड़ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम फोटो: 17,18परिचय: निरीक्षण करते जिला विधिक प्राधिकार के सचिव, लोगों की भीड़मधुबनी: आम जनता को सस्ता व सुलभ न्याय को लेकर […]

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.87 करोड़ रूपये पर समझौता, 1 करोड़ वसूल चार हजार मामले का हुआ निपटारा14 बंेचों का गठन कर हुआ मामले का निपटारा उमड़ी लोगों की भीड़ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम फोटो: 17,18परिचय: निरीक्षण करते जिला विधिक प्राधिकार के सचिव, लोगों की भीड़मधुबनी: आम जनता को सस्ता व सुलभ न्याय को लेकर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया. इसमें बैंक ऋण, फौजदारी शमनीय राजस्व, मनरेगा, विद्युत सहित विभिन्न मामलों को सुलहनामा के आधार पर करीब चार हजार मामलों का निपटारा करते हुए एक करोड़ 87 लाख रुपये पर समझौता किया गया. साथ ही तत्काल एक करोड़ रुपये वसूली कि गई. अब्बल रहा स्टेट बैंकउक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अब्बल रहा. इस बैंक द्वारा 617 मामलों में सुनवाई करते हुए एक करोड़ 11 लाख रूपये पर समझौता किया गया. जिसमें बकायेदार से तत्काल 52 लाख रूपये की वसूली की गई. वहीं पंजाब नेशनल बैंक में 206 मामलों का निपटारा करते हुए एक करोड़ 13 लाख 33 हजार 54 रुपये के लिए 65 लाख पर समझौता की गई. वहीं 18 लाख 72 हजार वसूली किये गये. साथ ही 45 खाता को नियमित कर 12 लाख की वसूली हुई. वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 124 मामलों में 29 लाख 34 825 रुपये के समझौता कर 11 लाख 59 हजार 642 रुपये की वसूल की गई. इलाहाबाद बैंक मधुबनी शाखा द्वारा जहां 18 मामले का निष्पादन कर 3 लाख 95 हजार 500 पर समझौता की गई. वहीं सरिसवपाही शाखा द्वारा 9 मामलों में एक लाख 58 हजार की राशि वसूल की गई. विद्युत संबंधित 159 मामलों में 10 लाख 49 हजार, उत्पाद विभाग से संबंधित 6 मामलों में 26 हजार वसूली की गई. क्लेम से संबंधित 9 मामलों में एक लाख 67 हजार 350 रुपये की वसूली की गई. फौजदारी से संबंधित 16 मामले, परिवार से संबंधित 6 मामले का निपटारा किया गया. मनरेगा से 1135 मामला, दाखिल खारिज 1210 मामला का निपटारा किया गया.चौदह बेचों में हुआ निपटाराउक्त मामलों को निपटारा के लिए चौदह बेचों का गठन किया गया था. जिसमें आये पक्षकार एवं विभागों के बीच समझौता के आधार पर मामला को निपटारा किया गया. जहां प्रथम बेंच के पीठासीन पदाधिकारी बीके पांडेय एडीजे पंचम, द्वितीय बेंच के पीठासीन पदाधिकारी एसडीजेएम सतीश चंद्रा, बेंच तीन में एडीजे सप्तम प्रभात कुमार सिन्हा, बेंच चार नवीन कुमार दूबे, बेंच पांच मुंसिफ प्रथम रवि शंकर, बेंच नंबर छह में एडीजे द्वितीय हसीबुल्लाह अंसारी, बेंच सात में मुंसिफ द्वितीय शशि भूषण कुमार, बेंच आठ में नरेंद्र प्रसाद सीजेएम, बेंच नौ प्रधान न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह, बेंच दस में विवेक विशाल, बेंच ग्यारह में चतुर्थ एडीजे सुभाष प्रसाद कुमार, बेंच बारह में शैलेंद्र कुमार शर्मा, एसीजेएम द्वितीय, बेंच तेरह के विकास झा, बेंच चौदह में प्रथम एडीजे अजीत कुमार पांडेय पीठासीन पदाधिकारी बनाये गये थे. जिला सत्र न्यायाधीश ने की निरीक्षणराष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमल देव सिंह एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सह सब जज प्रथम निरज बिहारी लाल ने पूरे न्यायालय परिसर में स्थित बेंचों का निरीक्षण किया तथा अधिक से अधिक मामलों का निपटारा का निर्देश दिया.हेल्प डेस्क का था गठनजिले के दूर दराज से आये पक्षकार को परेशानी न हो इसके लिए हेल्प डेस्क बनाया गया था. जिस पर पैनल लायर अजय एवं विरेंद्र पाठक द्वारा लोगों को जानकारी दी जा रही थी. जिससे पक्षकार बिना परेशानी से अपने मामलों से संबंधित बेंचों पर जाकर मामलों का निपटारा करा रहे थे. मेला सा नजाराजिले भर से अपने मामलों को निपटारे के लिए आने से पूरे परिसर में मेला जैसा नजारा लगा था. सभी पक्षकार अपने अपने मामलों को लेकर बनाये गये बेंचों के पास पहुंच कर मामले को निपटाते देखे गये.बकाया नहीं रहने पर भी मिला नोटिसवैसे बैंक से संबंधित मामलों के पक्षकार जो बैंक का ऋण अदा कर दिया गया था. लेकिन फिर भी राष्ट्रीय लोक अदालत में ऋण अदायगी के लिए नोटिस निर्गत किया गया. उक्त मामले को लेकर पहुंचे मधवापुर प्रखंड के विशनपुर निवासी विजय कुमार सिंह ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बासोपट्टी शाखा का ऋण 2005 ई. में जमा कर दिया था लेकिन फिर भी नोटिस मिला है. वहीं कलुआही प्रखंड के भलनी निवासी आशा देवी द्वारा भी बकाया फरवरी 2015 में जमा कर दिया गया था लेकिन नोटिस मिला था. इसी तरह राम चंद्र गुप्ता, अमर नाथ झा, सुमन लाल कण, रौनक जहां, छेदी राय सहित दर्जनों लोगों द्वारा बैंक ऋण जमा करने के बावजूद बैंक द्वारा नोटिस दिया गया था. जिससे उन लोगों को ठंढ़ी में परेशानी झेलनी पड़ी.

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