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देव का बोधगया से बेहतर होगा विकास

विकास के लिए लोगों को करना होगा सहयोग सूर्य मंदिर के नाम से बनेगी वेबसाइट औरंगाबाद (नगर) : देव सूर्य नगरी को विकास करने व देश के मानचित्र पर लाने के लिए जिलाधिकारी कंवल तनुज ने पूरी तरह से कमर कस ली है. शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी ने देव सूर्य मंदिर धार्मिक […]

विकास के लिए लोगों को करना होगा सहयोग
सूर्य मंदिर के नाम से बनेगी वेबसाइट
औरंगाबाद (नगर) : देव सूर्य नगरी को विकास करने व देश के मानचित्र पर लाने के लिए जिलाधिकारी कंवल तनुज ने पूरी तरह से कमर कस ली है. शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी ने देव सूर्य मंदिर धार्मिक न्यास समिति, समाजसेवी व अधिकारियों के साथ देव का विकास कैसे हो इसको लेकर बैठक की. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि बोधगया से बेहतर विकास सनातन धर्म के अनुसार देव का किया जा सकता है. इसके लिये हम सभी को एकजुट होकर कार्य में अभी से ही जुट जाना होगा, ताकि बाहर से आनेवाले पर्यटक जब देश का भ्रमण करें तो उन्हें स्पष्ट हो सके कि यह मंदिर विश्व विख्यात है.
इसके पूर्व देव सूर्य मंदिर के नाम से एक व्यवसायी को लांच करना होगा. पदाधिकारी व समाजसेवी 10 दिन के अंदर देव सूर्य मंदिर का वेबसाइट बनाये, इसके बाद देव सूर्य मंदिर का इतिहास वेबसाइट में अंकित करें. जब देव सूर्य मंदिर का वेबसाइट बनकर तैयार हो जायेगा तो एक समारोह आयोजित का लांचिंग किया जायेगा. साथ ही समाचार पत्र में इससे संबंधित विज्ञापन भी प्रकाशित किये जायेंगे.
जिलाधिकारी ने आगे कहा कि देव सूर्य नगरी के विकास के लिए आम लोगों को आगे आकर सहयोग करना होगा तभी अलग से प्लान बनाकर देव सूर्य नगरी का विकास किया जायेगा. यहां पर एक बड़ा धर्मशाला का निर्माण होना बेहद जरूरी है. जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जो सरकारी जमीन है और उसे किसी द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है तो अविलंब उस भूमि को चिह्नित करते हुए अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित करें. ताकि उस जमीन पर दुकान, धर्मशाला, यात्री शेड का निर्माण किया जा सके.
देव के विकास के लिए आय की जरूरी है. लेकिन, मुझे उम्मीद है कि यहां के लोग सनातन धर्म को मानते हैं और इस क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि कोई भी श्रद्धालु सीधे सूर्य मंदिर नहीं पहुंच सकेंगे. इसके लिये रूट का निर्धारण किया गया है. उसी रूट के अनुसार श्रद्धालु सूर्यकुंड तालाब में स्नान करने के बाद सूर्य मंदिर में दर्शन करेंगे.
रास्ता हर हाल में वन-वे होगा. जगह-जगह पर बैरिकेडिंग का निर्माण भी कराया जायेगा. रानी तालाब के पास जो खाली जमीन है वहां पर पर्व के दौरान मेला व दुकान लगेगा, जिससे कि बाहर से आनेवाले लोग अपना आनंद उठा सकेंगे. इसके अलावा अन्य कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया.
बैठक में उप विकास आयुक्त संजीव कुमार सिंह, एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद, एनडीसी प्रमोद कुमार पांडेय, पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता बिंदु भूषण, एसडीपीओ पीएन साहू, डीपीआरओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल, देव प्रमुख ममता सिंह, मुखिया उमा देवी, गंगा भास्कर, देव बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर के अलावा अन्य समाजसेवी, अधिकारी व मंदिर के पुजारी उपस्थित थे.

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