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एचइसी में 6386 करोड़ से विकसित होगी स्मार्ट सिटी

स्मार्ट सिटी : नगर निगम को भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिली निगम बोर्ड की बैठक में स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव को मिली मंजूरी रांची : स्मार्ट सिटी के तहत एचइसी के 341 एकड़ जमीन पर स्मार्ट जोन बनाया जायेगा. राज्य सरकार ने एचइसी के इस भूखंड को रांची नगर निगम को हस्तांतरित करने की अनुमति […]

स्मार्ट सिटी : नगर निगम को भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिली
निगम बोर्ड की बैठक में स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
रांची : स्मार्ट सिटी के तहत एचइसी के 341 एकड़ जमीन पर स्मार्ट जोन बनाया जायेगा. राज्य सरकार ने एचइसी के इस भूखंड को रांची नगर निगम को हस्तांतरित करने की अनुमति दे दी है. स्मार्ट सिटी के लिए इस जमीन का कैसे बेहतर उपयोग हो, इसके लिए रांची नगर निगम द्वारा इस भूखंड का मास्टर प्लान बनाया गया है. निगम अब इस योजना को 15 दिसंबर से पूर्व केंद्र सरकार के समक्ष रखेगा.
क्या-क्या होगा स्मार्ट जोन में
इस 341 एकड़ जमीन में सबसे अधिक जोर एजुकेशन आैर स्किल डेवलपमेंट पर दिया गया है. इसके लिए 139 एकड़ जमीन सुरक्षित रखी गयी है. सड़क व टेलीकॉम के लिए 51 एकड़, आवासीय क्षेत्र के लिए 48 एकड़, मिकस्ड यूज के लिए 35 एकड़, बिजनेस क्षेत्र के लिए 12 एकड़ जमीन सुरक्षित रखी गयी है.
इसके अलावा इस भूखंड पर टेक्निकल कॉलेज, मैनेजमेंट कॉलेज, नर्सिंग व मेडिकल कॉलेज सहित दो बड़े स्कूल खोले जाने की योजना है. इस पूरे जाेन में रेन वाटर हारवेस्टिंग, सिवरेज-ड्रेनेज सहित आर्टिफिशियल तालाब बनाये जायेंगे. प्रदूषण न हो, इसके लिए यहां इलेक्ट्रिक रिक्शा से लेकर इलेक्ट्रिक बस तक चलाये जाने की योजना है.
यहां से आयेगी राशि
स्मार्ट सिटी प्लान को धरातल पर उतारे जाने के संबंध में नगर आयुक्त ने कहा कि इस योजना के तहत 1038 करोड़ की राशि केंद्र सरकार व झारखंड सरकार उपलब्ध करायेगी. वहीं इस जमीन की लीज के एवज में निगम को 1538 करोड़ की राशि प्राप्त होगी. योजना को धरातल पर उतारे जाने को लेकर प्राइवेट सेक्टर से हमें 5160 करोड़ की राशि मिलेगी. इस प्रकार से इस योजना को धरातल पर उतारने के बाद भी निगम के पास 1400 करोड़ से अधिक की राशि बचेगी.
बढ़ी हुई दर पर करना होगा जल कर का भुगतान, जून 2013 से होगी बकाया वसूली
रांची नगर निगम में रहनेवाले उपभोक्ताओं को एक जून 2013 को जारी अधिसूचना के आधार पर ही जल कर का भुगतान करना होगा. राजधानी के 55 वार्डों में स्पैरो नामक स्वंयसेवी संस्था की तरफ से जल कर की उगाही की जा रही है.
संस्था की तरफ से जल कर की वसूली के लिए टैक्स कलेक्टर की बहाली भी की गयी है. नगर विकास विभाग की तरफ से जल कर के संबंध में संशोधित अधिसूचना एक जून 2013 को जारी की गयी थी. इसमें चार श्रेणियों में विभक्त जल कर के उपभोक्ताओं के लिए दर का निर्धारण भी किया गया था.
इसमें 150 रुपये के मासिक किरायेवाले उपभोक्ताओं के लिए संशोधित दर 200 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. 250 रुपये की दर को तीन सौ रुपये, 400 रुपये के फिक्सड दर को 500 रुपये और छह सौ रुपये की श्रेणीवाले उपभोक्ताओं को 750 रुपये प्रति माह का भुगतान करने की बातें कही गयी हैं.
एसपीवी गठन को मिली मंजूरी
स्मार्ट सिटी के लिए बनने वाले स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के गठन को शुक्रवार को निगम बोर्ड की बैठक ने स्वीकृति दे दी. निगम बोर्ड द्वारा स्वीकृत इस प्रपोजल को अब केंद्र सरकार के पास भेज जायेगा. स्मार्ट सिटी के लिए दूसरे चरण में अगर राजधानी रांची का चयन हुआ, तो एसपीवी के माध्यम से ही सारे योजनाओं को धरातल पर उतारा जायेगा. इस एसपीवी में नगर आयुक्त सहित नगर निगम के विशेषज्ञ शामिल होंगे.
हर वार्ड में लगाये जायेंगे पांच-पांच चापानल
नगर आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष गरमी में लोगों को पेयजल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए हर वार्ड में पांच-पांच चापानल लगाये जायेंगे. नगर आयुक्त ने पार्षदों से भी आग्रह किया है कि वे अपने कोटे की राशि से चाहें, तो अपने-अपने वार्ड में एचवाइडीटी लगवा सकते हैं.
एक अन्य निर्णय के तहत रांची नगर निगम द्वारा अब चापानलों का सर्वे गरमी के दिनों में कराया जायेगा. पार्षदों द्वारा नगर आयुक्त से यह मांग की गयी थी कि ठंड के दिनों में सर्वे किये जाने से ऐसे चापानलों को ठीक बता दिया जाता है. ऐसे चापानल ठंड में पानी तो देते हैं, परंतु गरमी के दिनों में सूख जाते हैं.

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