चौकिए नहीं, ये सच है. किसी भी बीमारी से नहीं बल्कि खाना खाने से दुनिया भर में सबसे ज्यादा मौते होती हैं. जानने के लिए पूरा लेख पढ़े…
दुनिया भर में दूषित भोजन के चलते हर साल करीब 4.2 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. यह आंकड़े बताते हैं कि दूषित खाना खाने के कारण मरने वालों में करीब एक तिहाई 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे होते हैं.
खाद्य जनित रोगों के प्रभाव पर इस तरह की अपनी पहली रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया भर में करीब 60 करोड़ लोग यानी प्रति दस व्यक्ति में एक दूषित भोजन के कारण हर साल बीमार पड़ता है.
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनियाभर में खाद्य जनित बीमारी के करीब 60 करोड़ मामलों में से 40 फीसदी मामले पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में देखे जाते हैं जबकि प्रति वर्ष 4.2 लाख मरने वालों में इनकी संख्या 30% होती है जबकि विश्व जनसंख्या में केवल 9% बच्चे पांच वर्ष से कम आयु के हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, कई तरह के अलग-अलग जीवाणुओं, विषाणुओं, परजीवी, विषाक्त पदार्थ और रसायनों के कारण खाद्य जनित रोग होते हैं और इससे हर साल तकरीबन 5 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.
डब्ल्यूएचओ के खाद्य सुरक्षा विभाग के निदेशक डॉक्टर कजुआकी मियागीशीमा ने कहा ‘‘हम लोग एक अदृश्य दुश्मन से मुकाबला करते रहे हैं.’’
डॉक्टर मियागीशीमा ने कहा ‘‘हम लोग जो आंकड़ा दे रहे हैं वह बहुत ही संक्षिप्त आकलन है, हमें इस बात का विश्वास है कि असली आंकड़ा इससे बड़ा है.’’
संयुक्त राष्ट्र के इस स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक करीब 150 वैज्ञानिकों ने वर्ष 2010 तक आठ वर्ष अनुसंधान किया लेकिन वर्ष 2010 के बाद परिदृश्य में बहुत उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं हुआ है.
विशेषज्ञों की सलाह है कि…
-दूषित खाने से बचने के लिए ताज़ा खाना खाएं
-जब भी खाएं भोजन गर्म करके खाएं और उसे कभी खुला न छोड़ें.
-24 घंटे हो जाने पर कोई भी बना हुआ खाद्य पदार्थ न खाएं.
-बाहरी जंक फूड भी किसी अच्छे फूड स्टोर से खाएं जो ताज़ा बनाता हो.
-पैकेट बंद खाना लेने से पहले उसकी मैन्युफैक्चरिंग डेट जरुर देख लें.
-तमाम एहतियात अपनाने के बाद भी यदि बीमार पड़े तो बिना देर किए इलाज कराएं.