16 तारीख का दु:खद संयोग रहा चंदा बाबू के साथ 16 अगस्त को दो बेटों का अपहरण कर तेजाब से नहला कर की गयी हत्या 16 जून को ही बड़े बेटे राजीव रोशन की गोली मार कर हुई हत्या तेजाब हत्या कांड का चश्मदीद गवाह था राजीव रोशन शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में दिया गया तेजाब हत्याकांड को अंजाम हत्या के समय जेल से बाहर निकले थे शहाबुद्दीन चश्मदीद राजीव रोशन के बयान पर कोर्ट ने माना शहाबुद्दीन समेत चार को आजीवन कारावास की सजा सीवान. 16 अगस्त, 2004 की सुबह के 10 बजे हैं, शहर के गोशाला रोड स्थित अर्धनिर्मित मकान पर भूमि विवाद को लेकर शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के मकान पर जमीन को लेकर पंचायती हो रही है. इसी दौरान कुछ लोग चंद्रकेश्वर बाबू और उसके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. फिर कुछ शरारती तत्वों के आने के बाद मारपीट शुरू हो जाती है. इसके बाद अपनी आत्मरक्षा में चंद्रकेश्वर प्रसाद के परिजन घर में रखे तेजाब का प्रयोग करते हैं, जिससे कई लोग जख्मी हो जाते हैं. फिर तेजाब हत्याकांड की पटकथा लिखी जाती है. कुछ देर बाद ही बड़हरिया रोड स्थित दुकान से चंदा बाबू के बेटे गिरीश राज उर्फ निकु (24 वर्ष) का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया जाता है. फिर नगर थाने के नजदीक चिउड़ा हट्टा बाजार से चंदा बाबू के दूसरे बेटे सतीश राज उर्फ सोनू का भी अपहरण कर लिया जाता है. फिर इस मामले में फोन से धमकी और रंगदारी मांगने की भी बात सामने आती है. थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज हुआ. बाद में इस मामले में मो शहाबुदीन सहित 13 का नाम अनुसंधान में शामिल किया गया. तेजाब से नहला कर हुई दोनों भाइयों की हत्या : अपहृत गिरीश और सतीश को प्रतापपुर लाया जाता है, जहां तेजाब से नहला कर दोनों की हत्या कर शव को ठिकाने लगा दिया जाता है. इस मामले में अपहृत की मां कलावती देवी के बयान पर नागेंद्र तिवारी व मदन शर्मा को नामजद किया गया, जिसमें बाद में अनुसंधान के क्रम में पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन व अन्य 10 का नाम आया. सात साल बाद सामने आया चश्मदीद : घटना के सात साल बाद तेजाब हत्याकांड के चश्मदीद के रूप में गिरीश और सतीश के बड़ा भाई राजीव रोशन सामने आये और उसने छह जून, 2011 को चश्मदीद के रूप में अपना बयान दर्ज कराया. उसने खुलासा किया कि दोनों भाइयों के साथ ही उसका भी अपहरण कर लिया गया था. तीनों को अपहरणकर्ता शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर ले गये, जहां उसकी आंखों के सामने दोनों भाइयों को तेजाब से नहला कर मार डाला गया. यह सब शहाबुद्दीन के आदेश पर उनके सामने हुआ. इस बीच राजीव किसी तरह घटना स्थल से भागने में सफल रहा. राजीव की गवाही पर उठे थे सवाल : सात साल बाद चश्मदीद राजीव रोशन को दावे और उसकी गवाही पर प्रश्न खड़े हुए थे. तत्कालीन विशेष सत्र न्यायाधीश ए के पांडेय की अदालत ने सुनवाई के दौरान शहाबुद्दीन के खिलाफ मामला चलाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर फिर शहाबुद्दीन के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट को राजीव रोशन ने बताया था कि घटना के बाद अपनी हत्या की आशंका से वह गोरखपुर में छिप कर रह रहा था. फिर शहाबुद्दीन के जेल जाने और बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद उसने वापस आ कर गवाही देने की हिम्मत जुटायी. नौ सितंबर 09 को मामले में रिमांड पर लिये गये : पूर्व सांसद व तेजाब हत्याकांड के आरोपित मो शहाबुद्दीन नौ सितंबर को रिमांड पर लिये गये. इस मामले में 11 साल के इंतजार के बाद 11 दिसंबर को फैसला हुआ. इस दौरान 11 गवाहों ने अपनी गवाही दी. यह भी संयोग ही है कि नौ तारीख को ही इस मामले में वे दोषी करार दिये गये.तेजाब हत्याकांड के समय जेल में बंद थे शहाबुद्दीन : तेजाब हत्याकांड के समय पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन मंडल कारा सीवान में बंद थे. फिर चश्मदीद राजीव रोशन के बयान पर कोर्ट ने यह माना कि मो शहाबुद्दीन ने कानून को तोड़ते हुए जेल से निकल कर अन्य साथियों के साथ मिल कर इस दोहरे हत्या कांड को अंजाम दिया. पूर्व सांसद पर हत्या, हत्या की नीयत से अपहरण, साक्ष्य छुपाने व आपराधिक षड्यंत्र का दोष सिद्ध हुआ है. चंद्र केश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू अपने दोनों बेटों का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके. उनके दोनों बेटों की नृशंस हत्या के बाद दोनों के शवों को ठिकाने लगा दिया गया, जिनकी लाश भी पुलिस बरामद नहीं कर सकी. चश्मदीद राजीव रोशन की भी कर दी गयी हत्या : तेजाब हत्याकांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की भी हत्या 16 जून ,14 को नगर के डीएवी मोड़ पर ओवर ब्रिज के नजदीक गोली मार कर कर दी गयी. इस मामले में राजीव रोशन के पिता चंद्र केश्वर प्रसाद के बयान पर शहाबुद्दीन व उनके बेटे ओसामा के विरुद्ध नगर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. उच्च न्यायालय के आदेश के डेढ़ माह बाद ही हो गयी चश्मदीद की हत्या : पटना उच्च न्यायालय ने एक मई, 2014 को पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के विरुद्ध तेजाब हत्याकांड में हत्या व षड्यंत्र को लेकर आरोप गठन का आदेश दिया. मामला फिर से सुना जाना था. इसी बीच 16 जून, 2014 को राजीव रोशन की हत्या कर दी गयी, जो अपने दोनों भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह था. चार को मिली उम्रकैद : तेजाब हत्याकांड में आरोपित पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन व उनके सहयोगी राजकुमार साह, शेख असलम, मोनू उर्फ सोनू उर्फ आरिफ हुसैन को मंडल कारा में गठित विशेष कोर्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वहीं हत्याकांड में नामजद अन्य सात आरोपितों के विरुद्ध भी सेशन कोर्ट में मामला चल रहा है. अब इस फैसले का इंतजार भी पीड़ित परिवार व अन्य लोगों को है. उजड़ गया चंदा बाबू का परिवार : तेजाब हत्याकांड में मानो चंद्र केश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का पूरा परिवार ही उजड़ गया. जिले के मशहूर व्यवसायियों में शुमार चंदा बाबू हंसी खुशी अपनी जिंदगी बिता रहे थे, इसी बीच 16 अगस्त, 04 को गोशाला रोड स्थित जमीन के विवाद को लेकर मामला बढ़ गया और यह दिन उनके लिए बदनसीबी लेकर आया. इसी दिन उनके दो बेटों गिरीश और सतीश का अपहरण कर लिया गया और तेजाब से नहला कर उनकी हत्या कर दी गयी. फिर इस हत्याकांड के चश्मदीद उनके बड़ बेटे राजीव रोशन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. यह घटना भी मनहूस 16 तारीख को ही घटी. 16 जून, 14 को राजीव रोशन की नगर के डीएवी मोड़ पर बाइक सवार अपराधियों ने गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी. राजीव की शादी हत्या के करीब एक माह पूर्व ही यूपी में हुई थी. अब यहां रिसेप्शन देने की तैयारी चल रही थी. यह दु:खद संयोग ही कहा जायेगा कि रिसेप्शन के दिन राजीव का अंतिम संस्कार किया गया. अब तो चंदा बाबू के परिवार में उनकी पत्नी व एक विकलांग बेटा ही रह गये हैं.
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16 तारीख का दु:खद संयोग रहा चंदा बाबू के साथ
16 तारीख का दु:खद संयोग रहा चंदा बाबू के साथ 16 अगस्त को दो बेटों का अपहरण कर तेजाब से नहला कर की गयी हत्या 16 जून को ही बड़े बेटे राजीव रोशन की गोली मार कर हुई हत्या तेजाब हत्या कांड का चश्मदीद गवाह था राजीव रोशन शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में दिया […]
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