17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अज्ञानता, काम व कर्म है बंधन : स्वामी माधवानंद

अज्ञानता, काम व कर्म है बंधन : स्वामी माधवानंदरांची. चिन्मय मिशन आश्रम में आयोजित प्रवचन में आश्रम के स्वामी माधवानंद ने कहा कि अज्ञानता, काम और कर्म ही मानव जीवन का बंधन है. क्योंकि अज्ञानता से ही वासना, वासना से ही कामना, कामना के कारण विषय चिंतन व विषय चिंतन के कारण ही मनुष्य की […]

अज्ञानता, काम व कर्म है बंधन : स्वामी माधवानंदरांची. चिन्मय मिशन आश्रम में आयोजित प्रवचन में आश्रम के स्वामी माधवानंद ने कहा कि अज्ञानता, काम और कर्म ही मानव जीवन का बंधन है. क्योंकि अज्ञानता से ही वासना, वासना से ही कामना, कामना के कारण विषय चिंतन व विषय चिंतन के कारण ही मनुष्य की सोच सकाम कर्म में प्रवेश कर जाता है. यही बंधन है. इस बंधन के कारण मनुष्य के जीवन में प्रमाद (आलस्य) उत्पन्न होता है. इस प्रमाद को आत्मज्ञान का विघ्न माना जाता है. प्रमाद ही वह चीज है जो इनसान को परमात्मा से अलग करता है. इसलिए प्रमाद को हटा कर हमें केवल आत्मचिंतन करना चाहिए, तभी जीवन में हम ईश्वर के करीब जा सकते हैं. स्वामी जी ने शाम को जेवीएम श्यामली में आयोजित प्रवचन ब्रह्म क्या है विषय पर कहा कि ब्रह्म महान है. वह ज्योर्तिमय और प्रकाश वान है. संसार के सारे देवता केवल परमात्मा की ही पूजा करते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें