दिन भर कुहासे की चादर से लिपटा रहा शहर 12 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का पारा, बढ़ी कनकनीनिकली टोपी, मफलर व जैकेट, महसूस होने लगी अलाव की जरूरतप्रतिनिधि, सहरसा मुख्यालयबुधवार की सुबह लोगों की नींद खुली, तो उन्हें दस फीट की दूरी में कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. पूरा वातावरण कुहासों की चादर से लिपटा हुआ था. मौसम का पारा 12 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया था. जिससे कनकनी बढ़ गयी थी. दिन भर सूरज के दर्शन नहीं हुए. बुधवार की शीतलहर ने लोगों को स्वेटर, कोट, जैकेट, चादर, टोपी, मफलर सहित सभी तरह के गर्म कपड़े निकलवा दिये. कुहासा करीब 11 बजे तक उसी स्थिति में बना रहा. इस समय भी गाड़ी से बाहर निकलने वालों को अपनी बाइक अथवा कार की लाईट जलानी पड़ी. मंद-मंद चल रही हवाएं ठंड को लगातार बढ़ा रही है. बूढ़े-बुजुर्ग तो अपने-अपने घरों में दुबके रहे. लेकिन बच्चों को ठिठुरते हुए स्कूल, कॉलेज व कोचिंग के लिए निकलना पड़ा. हालांकि सुबह-सबेरे सैर के लिए निकलने वालों की संख्या पूर्ववत बनी रही. सड़कों पर पहली शीतलहर का मजा लेते भी काफी लोग दिखे. अचानक बढ़ी ठंडबुधवार को ठंड की अचानक बढ़ी रफ्तार ने लोगों को अंदर तक हिला दिया. पानी का स्पर्श भी डराने लगा. कई लोगों ने स्नान का तय दैनिक कार्यक्रम कैंसिल कर दिया. वहीं कई जगह बच्चे व बूढ़े अलाव तापते नजर आये. बाजार में सड़कों पर अतिआवश्यक कार्य से निकले लोग ही नजर आये या फिर पढ़ाई करने जा रहे बच्चे व बच्चियों की चहलकदमी ही दिखी. लेकिन वे भी ठंड से ठिठुरते व सिकुड़ते रहे.गर्म दूध में हल्दी डाल कर पीयेंठंड का सबसे अधिक दुष्प्रभाव बच्चों व बूढ़ों पर पड़ता है. ठंड उन्हें शीघ्र बीमार कर देता है. फिजिशियन डॉ बिजेंद्र नाथ मिश्र बताते हैं कि शुरुआती व जाती ठंड से लापरवाही बीमारी को न्योता देने जैसा है. बच्चों व बूढ़ों को पूरी तरह गर्म कपड़ों में लिपट कर रहना चाहिए. खासकर कान व पैर ढ़ंका होना चाहिए. लोगों को गर्म भोजन करना चाहिए. पानी भी उबाल कर ही पीना चाहिए. दही, आइसक्रीम जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि यदि कंपकंपी के साथ व्यक्ति को कमजोरी, हाथ-पैर में ऐंठन, उलटी अथवा दस्त की शिकायत हो तो तुरंत बचाव का उपाय शुरू कर देना चाहिए. प्राथमिक उपचार के तौर पर सरसों तेल में लहसून डालकर गर्म कर पूरे शरीर में मालिश करना चाहिए. गरम दूध में हल्दी डालकर पीना भी लाभकारी होता है. स्थिति नहीं सुधरने पर तुरंत किसी फिजीशियन से संपर्क करना चाहिए. फोटो- ठंड 9 व 10- सुबह आठ बजे डीबी रोड का हा हालफोटो- ठंड 11- कुहासे में गाड़ी की लाईट के सिवा नहीं कुछ नहीं दिख रहा था. फोटो- ठंड 12- कुहासे से नहाया कलेक्ट्रेट रोडफोटो- ठंड 13- गंगजला-पंचवटी रोड पर कोचिंग जाती छात्राएं फोटो- ठंड 17- पंचवटी पर अलाव तापते बच्चे
दिन भर कुहासे की चादर से लिपटा रहा शहर
दिन भर कुहासे की चादर से लिपटा रहा शहर 12 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का पारा, बढ़ी कनकनीनिकली टोपी, मफलर व जैकेट, महसूस होने लगी अलाव की जरूरतप्रतिनिधि, सहरसा मुख्यालयबुधवार की सुबह लोगों की नींद खुली, तो उन्हें दस फीट की दूरी में कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. पूरा वातावरण कुहासों की चादर से […]
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