नयी दिल्ली : डीजल जेनरेटर सेट को प्रदूषण का एक और स्रोत बताते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि ऐसे उद्योगों और व्यावसायिक स्थानों के बारे में सूचना दें जो उर्जा के इस स्रोत से संचालित हो रहे हैं. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डीजल जेनरेटर सेट से होने वाला उत्सर्जन दिल्ली के वायु प्रदूषण में बड़ी भूमिका निभाता है. पीठ ने महानगर सरकार को दो हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देते हुए कहा, ‘‘हम दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, एनसीटी दिल्ली के उद्योग विभाग को निर्देश देते हैं कि संयुक्त रिपोर्ट दायर करें कि उर्जा के प्राथमिक या वैकल्पिक स्रोत के तौर पर कितने उद्योग और व्यावसायिक स्थान चल रहे हैं.”
एनजीटी ने कहा, ‘‘क्या ये जेनरेटर सेट तय सीमा के अंदर उत्सर्जन कर रहे हैं और विशेष मानकों के मुताबिक डिजाइन किए गए हैं या नहीं.” हरित पैनल ने संबंधित अधिकारियों और दिल्ली सरकार से भी कहा कि एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपें कि निर्माण गतिविधियों और धूल, विभिन्न तरह के कचरे को जलाने से होने वाले उत्सर्जन के बारे में न्यायाधिकरण ने जो निर्देश दिए थे उसके पालन के लिए क्या कदम उठाए गए. न्यायाधिकरण को यह भी सूचित किया जाए कि उन क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां दिल्ली एनसीआर के बाहर कारों को बेचने की अनुमति हो और अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा सके.