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USA में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगे : डोनॉल्ड ट्रम्प

वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के प्रबल दावेदार डोनॉल्ड ट्रम्प ने अपनी प्रचार मुहिम के दौरान अब तक का सबसे विभाजनकारी बयान देते हुए कैलिफोर्निया नरसंहार के बाद अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर पूर्णतय: रोक लगाने कासोमवार को आह्वान किया. ट्रम्प के प्रतिद्वंद्वियों समेत […]

वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के प्रबल दावेदार डोनॉल्ड ट्रम्प ने अपनी प्रचार मुहिम के दौरान अब तक का सबसे विभाजनकारी बयान देते हुए कैलिफोर्निया नरसंहार के बाद अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर पूर्णतय: रोक लगाने कासोमवार को आह्वान किया. ट्रम्प के प्रतिद्वंद्वियों समेत कई नेताओं ने ट्रम्प के इस बयान की निंदा की है.

ट्रम्प की प्रचार मुहिम द्वारा जारी बयान के अनुसार उन्होंने आह्वान किया कि जब तक हमारे देश के प्रतिनिधि यह पता नहीं लगा लेते कि क्या चल रहा है, तब तक अमेरिका में मुसलमानों का प्रवेश पूरी तरह से रोक दिया जाए. हैरान करने वाला यह भड़काउ बयान ऐसे समय में दिया गया है जब एक ही दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश में प्रवेश के लिए धार्मिक जांचों को खारिज करने की अपील की थी और ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के प्रमुख दावेदारों के साथ मिलकर कट्टपंथी इस्लाम को मुख्य खतरे के रुप में चिह्नित नहीं करने पर ओबामा की आलोचना की थी.

कारोबारी दिग्गज से राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के दावेदार बने 69 वर्षीय ट्रम्प का यह बयान कैलिफोर्निया में गोलीबारी के बाद राष्ट्रपति पद के किसी प्रत्याशी द्वारा दिया गया अब तक का संभवत: सबसे नाटकीय बयान है. कैलिफोर्निया में पिछले सप्ताह एक दंपति ने गोलीबारी की थी जिनके बारे में एफबीआई ने कहा था कि वे कुछ समय से चरमपंथ से प्रभावित थे.

ट्रम्प ने दक्षिण कैरोलीना में एक रैली में अपने संकल्प को दोहराते हुए उत्साहित भीड़ से कहा, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कड़े कदम नहीं उठाए जाने पर 11 सितंबर 2001 में हुए हमलों की शैली में और हमले होने के संबंध में चेताया. ट्रम्प की प्रचार मुहिम के तहत कल कहा गया कि प्यू रिसर्च और अन्य के अनुसार मुसलमान जनसंख्या का एक बड़ा वर्ग अमेरिकियों से बहुत नफरत करता है.

सेंटर फोर सिक्योरिटी पॉलिसी के हाल में जारी एक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 25 प्रतिशत लोगों ने माना कि वैश्विक जिहाद के तौर पर अमेरिका में अमेरिकियों के खिलाफ हिंसा न्यायोचित है और सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 51 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि अमेरिका में मुसलमानों के पास शरीयत के अनुसार शासित किए जाने का विकल्प होना चाहिए.

कुछ मस्जिदों को बंद कर देने और अमेरिका में मुसलमानों पर नजर रखने की सलाह देने के बाद आलोचना का शिकार हुए ट्रम्प ने एक बयान में कहा, विभिन्न सर्वेक्षणों के आंकड़ों में देखे बिना ही यह हर किसी के लिए जाहिर है कि नफरत समझ से परे है. यह नफरत कहां से आती है और हमें क्यों इसे निर्धारित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, हम जब तक इस समस्या और इससे पैदा होने वाले खतरे को निर्धारित नहीं कर लेते और समझ नहीं लेते, तब तक हमारे देश को उन लोगों के भीषण हमलों का शिकार बनने नहीं दिया जा सकता जो केवल जिहाद में यकीन रखते हैं और जिनमें कोई तर्क शक्ति या मानव जीवन के लिए कोई सम्मान नहीं है.

राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार बनने के अन्य दावेदारों ने ट्रम्प के इस बयान की तत्काल निंदा की. राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनने की प्रबल दावेदार हिलेरी क्लिंटन ने ट्रम्प के बयान की आलोचना करते हुए इसे निंदनीय, पक्षपातपूर्ण और विभाजनकारी बताया. हिलेरी ने कहा, आप इसे नहीं समझते. यह हमें कम सुरक्षित बनाता है. काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस :सीएआईआर: ने ट्रम्प की इस नीति की आलोचना की.

सीएआईआर के कार्यकारी निदेशक निहाद अवाद ने कहा, यह बिना सोचे समझे दिया गया और गैर अमेरिकी बयान है. डोनाल्ड ट्रम्प हमारे जैसे एक महान देश के बजाए ऐसी भीड़ के नेता लग रह हैं जो लोगों को मारना चाहती हो. सोशल मीडिया ने नस्लवाद, फासीवाद और धर्मांध जैसे हैशटैग के साथ इस बयान पर प्रतिक्रियाएं दीं.

रिपब्लिकन नेता जेब बुश ने कहा कि ट्रम्प का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और उनके नीति प्रस्ताव गंभीर नहीं हैं. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के एक अन्य दावेदार न्यूजर्सी के गवर्नर क्रिस क्रिस्टी ने कहा, आपको देश से मुसलमानों को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है. मेरे अनुसार यह बेहूदा स्थिति होगी और ऐसी स्थिति होगी जिससे कोई लाभ भी नहीं होगा.

राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के दावेदार बर्नी सैंडर्स ने ट्रम्प की उनके बयान के लिए आलोचना की और कहा, हमारे संपूर्ण इतिहास में जन भावनाओं को भड़काकर फायदा उठाने वाले नेताओं ने हमें नस्ल, लिंग या देश के मूल के आधार पर बांटने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, अब ट्रम्प और अन्य नेता चाहते हैं कि हम सभी मुसलमानों से नफरत करें. हमारे एकसाथ खड़े रहने से अमेरिका एक महान देश बनता है. जब हम नस्लवाद और अन्य देशों को पसंद नहीं करने की भावना को हमें बांट देने की अनुमति देते हैं तो हम एक कमजोर देश बन जाते हैं.

राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के एक और दावेदार मार्टिन ओ माले ने कहा कि ट्रम्प का ताजा बयान दिखाता है कि वह लोगों की भावनाओं को भड़काकर वोट प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले फासीवादी नेता के तौर राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार बनने की दावेदारी पेश कर रहे हैं.

ट्रम्प अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और मीडिया की आलोचना का शिकार होने के बावजूद अपने बयान पर अडिग हैं. उन्होंने ट्वीट किया, मुख्यधारा का मीडिया संवैधानिक अधिकारों का समर्पण करना चाहता है. मेरा मानना है कि आईएसआईएस को समर्पण करने की आवश्यकता है. दक्षिण कैरोलीना में ट्रम्प ने अपनी प्रचार मुहिम रैली में स्वीकार किया कि मुसलमानों संबंधी उनका बयान संभवत: राजनीतिक रुप से सही नहीं है.

उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि हमारे देश में कौन आ रहा है, हमें यह नहीं पता कि वे हमें पसंद करते हैं या हमसे नफरत करते हैं. मैंने आज जो लिखा, वह बहुत अहम है और राजनीतिक रुप से संभवत: बहुत सही नहीं है लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है. उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि उनकी नीति मुस्लिम अमेरिकियों पर लागू नहीं होती.

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