वाशिंगटन : संसद में लंबे समय से अटके वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के पारित होने की उम्मीद जताते हुए आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने अमेरिकी निवेशकों से कहा कि राजकोषीय पुनर्गठन और मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित रखने का अर्थ होगा कि इनके लिए तय लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा.
न्यूयार्क में पिछले सप्ताह अमेरिका भारत कारोबारी परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा अमेरिकी संस्थागत निवेशकों के साथ आयोजित चर्चा में राजन ने कहा आरबीआई की एक अन्य प्राथमिकता है बैंकों की व्यवस्था दुरस्त करना और उनकी गैर निष्पादक आस्तियां (एनपीए) कम करना.
यूएसआईबीसी के बयान के मुताबिक राजन ने कहा कि आरबीआई के राजकोषीय पुनर्गठन और मुद्रास्फीति को निरंतर ध्यान में रखने का अर्थ होगा कि इनका तय लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि दूसरी प्राथमिकता है बैंकों की व्यवस्था और उनका एनपीए दुरस्त करना. इसका उद्देश्य यह है कि बैंकों को धन वसूली के लिए ज्यादा बैंकों को ज्यादा शक्ति प्रदान करना और संबद्ध पक्षों को प्रस्ताव प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका प्रदान करना.
इस चर्चा के दौरान राजन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर पारित हो जाएगा और समझौते के अवसर हैं जिससे जीएसटी – एकीकृत कर बाजार – का लक्ष्य, कर संग्रह में सुधार और कर के दायरे के विस्तार में मदद मिलेगी.यूएसआईबीसी के चेयरमैन और मास्टरकार्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अजय बंगा के नेतृत्व में यह चर्चा मुद्रास्फीति तथा राजकोषीय घाटा प्रबंधन पर केंद्रित रही.
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