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शहर के गंदे पानी से सुवर्णरेखा बना नाला (फोटो ऋषि)

शहर के गंदे पानी से सुवर्णरेखा बना नाला (फोटो ऋषि) – शहर के एक दर्जन नाले की गंदगी बिना ट्रीटमेंट के बहायी जा रही नदी में – रासायनिक कचरा सुवर्णरेखा के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा इन जगहों पर नदी में बहाया जा रहा नाला का पानी 1. बागबेड़ा बड़ौदा घाट के पास बागबेड़ा […]

शहर के गंदे पानी से सुवर्णरेखा बना नाला (फोटो ऋषि) – शहर के एक दर्जन नाले की गंदगी बिना ट्रीटमेंट के बहायी जा रही नदी में – रासायनिक कचरा सुवर्णरेखा के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा इन जगहों पर नदी में बहाया जा रहा नाला का पानी 1. बागबेड़ा बड़ौदा घाट के पास बागबेड़ा क्षेत्र का नाला 2. जुगसलाई शिवघाट के पास जुगसलाई नगरपालिका का नाले 3. बिष्टुपुर बेली बोधनवाला गैरेज के पीछे का नाले 4. कदमा शास्त्रीनगर ब्लॉक नंबर तीन के पास का नाला 5. कदमा सती घाट के पास कदमा क्षेत्र का गंदा नाला 6. कदमा रामजनमनगर के पास से बस्तियों का पानी का नाला 7. सोनारी फागूबाबा मंदिर के पास से का नाला (सोनारी क्षेत्र की गंदगी) 8. सोनारी के स्वर्ण विहार के पास का नाला 9. चिड़ियाघर के पास का नाला (बिना ट्रीटमेंट के नदी में मिल रहा)10. मानगो कुंवर बस्ती के पास का नाला (मानगो अक्षेस)11. बिरसानगर के पास मोहरदा जलापूर्ति के सामने का नाल12. बाबूडीह के पास खोला गया नाला वरीय संवाददाता, जमशेदपुरऔद्योगीकरण और विकास की चाहत में झारखंड की जीवनरेखा कही जाने वाली सुवर्णरेखा नदी का अस्तित्व संकट में पड़ता जा रहा है. कारखानों के गंदे पानी से लेकर शहरों की गंदगी सीधे नदियों में मिलने से सुवर्णरेखा गंदा नाला में तब्दील हो रही है. बिना उपचार के कारखानों से निकले दूषित पानी सीधे नदी में गिरा दिया जा रहा है. औद्योगिक प्रदूषण के कारण निकलने वाला रासायनिक कचरा सुवर्णरेखा के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है. जमशेदपुर में नदी की स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है. जमशेदपुर और आसपास के सभी बड़े नाले सीधे नदी में मिलते हैं. आरोप है कि बिना ट्रीटमेंट के रासायनिक कचरा नदी में छोड़ा जा रहा है. हालांकि पर्यावरण संरक्षण के लिए दावे करने वाली कंपनियां‍ व नगर निकाय नदी का अस्तित्व बचाने के लिए कुछ नहीं कर रही है. बताया जाता है कि सुवर्णरेखा में हरदिन लाखों गैलेन गंदा पानी नदी में बिना ट्रीटमेंट के छोड़ा जा रहा है. इसे लेकर पर्यावरणविद भी चिंतित हैं. पर्यावरण संरक्षण पर पूरे विश्व में हलचल मचा हुआ है. पर्यावरणविद के अनुसार चेन्नई में आयी भयानक बाढ़ पर्यावरण की अनदेखी का नतीजा है. हाइकोर्ट के आदेश का हो रहा उल्लंघनझारखंड हाइकोर्ट का आदेश है कि बिना ट्रीटमेंट का पानी सीधे नदी में नहीं छोड़ा जा सकता है. सुवर्णरेखा नदी में वर्षों से नाले का पानी छोड़ा जा रहा है. लोगों ने नदी में नहाना छोड़ासुवर्णरेखा नदी का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि लोगों ने नदी में नहाना तक छोड़ दिया है. लोगों का कहना है कि नदी का पानी काला हो गया है. नदी में स्नान करने से चर्म संबंधित बीमारियां हो रही हैं. निकायों के पास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान नहींनगर निकायों के पास सीवरेज ट्रीटमेंट का प्लान नहीं है. ऐसे में नक्शे पारित कर दिये जाते हैं, जल निकासी कहां से होना है, उसकी व्यवस्था नहीं की जाती है. बिना ट्रीटमेंट के पानी नहीं छोड़ते हैं : जुस्को बिना ट्रीटमेंट के पानी नहीं छोड़ा जाता है. पूर्वी क्षेत्र का सारा गंदा पानी बारा में ट्रीटमेंट होता है, जबकि पश्चिमी क्षेत्र का पानी बिष्टुपुर खरकई प्लांट में ट्रीटमेंट होने के बाद ही नदी में छोड़ा जाता है. -राजेश राजन, प्रवक्ता, जुस्को

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