इधर भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी का कहना है कि राज्य में तृणमूल सरकार को पछाड़ने के लिए नयी रणनीति की जरूरत है. किसी भी दल का नाम नहीं लेते हुए उन्होंने कहा कि भाकपा जनता के हितों से जुड़ी नीतियों का समर्थन करती है. भाकपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रबोध पांडा ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के गंठबंधन का सवाल ही नहीं है.
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लेफ्ट और कांग्रेस के बीच गंठबंधन को लेकर मतभेद
कोलकाता. अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों और कांग्रेस के बीच गंठबंधन के कयास जारी हैं तो दूसरी ओर वामपंथी दलों में इस मुद्दे को लेकर आपसी मतभेद बना हुआ है. सूत्रों के अनुसार माकपा के कुछ नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे पर संभवत: अगले वर्ष ही कोई […]
कोलकाता. अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों और कांग्रेस के बीच गंठबंधन के कयास जारी हैं तो दूसरी ओर वामपंथी दलों में इस मुद्दे को लेकर आपसी मतभेद बना हुआ है. सूत्रों के अनुसार माकपा के कुछ नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे पर संभवत: अगले वर्ष ही कोई फैसला हो पायेगा.
कांग्रेस से गंठबंधन मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर : सूर्यकांत
माकपा के प्रदेश सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गंठबंधन होगा या नहीं, यह तय करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. पार्टी की अपनी नीति और अनुशासन है. सर्वसम्मति के बाद ही पार्टी कोई अहम फैसला लेती है. अब राज्य में तृणमूल कांग्रेस को पछाड़ने के लिए वामपंथी दलों और कांग्रेस के बीच कोई सहमति हो पाती है या नहीं, इसका जवाब वर्ष 2016 में ही मिल पायेगा.
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